किसान अभी भी कर सकते हैं पछेती किस्म की गेहूँ की बुवाई

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Farmer News: किसान अभी भी कर सकते हैं पछेती किस्म की गेहूँ की बुवाई

कुरुक्षेत्र (सच कहूँ/देवीलाल बारना)। Farmer News: यदि किसान अभी भी गेहूँ की बिजाई किए बिना रहते हैं, ऐसे किसानों के लिए अभी भी पछेती गेहूँ बिजाई का समय बचा हुआ है। ऐसे में किसान आलू व मटर की फसल के बाद भी गेहूँ का उत्पादन कर सकते हैं। इसको लेकर कृषि विशेषज्ञ ने विशेष जानकारी दी है। दैनिक सच कहूँ से विशेष बातचीत में कृषि विज्ञान केंद्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. सरिता ने कहा कि अभी पछेती किस्मों की बिजाई की जा सकती है। पछेती किस्मों के लिए 26 नवंबर से 25 दिसंबर तक का समय बिजाई के लिए उचित है। डा. सरिता रानी के अनुसार डब्ल्यू एच 201, डब्ल्यू एच 1124, एच डी 3059, एचडी 3298, डीबीडब्ल्यू 173, पीबीडब्ल्यू 771 वैरायटी पछेती किस्में हैं, इनमें से किसान अपने खेतों में बुआई कर सकते हैं।

उर्वरक ड्रिल से करें बिजाई : डा. सरिता

कृषि विशेषज्ञ डा. सरिता रानी ने कहा कि पछेती गेहूँ की बिजाई उर्वरक ड्रिल मशीन से करें। इस समय में 25 प्रतिशत ज्यादा बीज यानि 50 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ डालें। यदि छिड़काव विधि से बुआई करते हैं तो 55 से 60 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ के हिसाब से बुआई करें। अधिक जमाव व उत्पादन के लिए बीज को 12 घंटे पानी में भिगोएं। भिगोने वाले बर्तन में पानी का स्तर बीज से दो सैंटीमीटर ऊपर रखना चाहिए। Farmer News

इसके बाद दो घंटे छाया में बीज को सुखाएं व फफूंदनाशक व जैविक खाद से उपचारित कर बीज की बुआई करें। पछेती गेहूँ की फसल में नाईट्रोजन, फास्फोरस व पोटाश की मात्रा 48:24:12 के अनुपात में रखें। प्रति एकड़ 50 किलोग्राम डीएपी, 85 किलोग्राम यूरिया व 20 किलोग्राम म्यूरेट आॅफ पोटाश गेहूँ में डालें। इससे ज्यादा खाद न खेत में न डालें।

किसान अंधाधुध कीटनाशकों का प्रयोग न करें: डा. सहारण

केवीके के मुख्य कृषि वैज्ञानिक डा. बलजीत सहारण ने जानकारी देते हुए कहा कि किसान कई बार पछेती धान को ज्याद ग्रोथ के चक्कर में ज्यादा ही कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं। किसानों को ऐसा नही करना चाहिए बल्कि विशेषज्ञों से सलाह के अनुसार की कीटनाशकों का प्रयोग करें। उन्होेंने कहा कि पछेती गेहूँ फसल में चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण के लिए बिजाई के 30-35 दिन बाद मेटसल्फुरोन-इथाईल 40 प्रतिशत डीएफ का 20 ग्राम प्रति एकड़ 200-250 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें। मंडूसी व जंगली जई के लिए क्लोडिनोफोप 15 प्रतिशत घु.पा. 160 ग्राम प्रति एकड या सल्फोसल्फयूरान 75 प्रतिशत घु.पा. 13 ग्राम प्रति एकड़ व 500 मिलीलीटर पृषठ सक्रिय क्रमक चिपचिपा पदार्थ 5 प्रतिशत ई.सी. 400 मिलीलीटर मात्रा प्रति एकड़ 200 से 250 लीटर पानी में छिड़काव करें। Farmer News

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