Hanumangarh: एथेनॉल प्लांट मामले में आंदोलनरत किसानों की हुई बड़ी जीत, कंपनी प्रबंधन को लेना पड़ा ये फैसला

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Hanumangarh: एथेनॉल प्लांट मामले में आंदोलनरत किसानों की हुई बड़ी जीत, कंपनी प्रबंधन को लेना पड़ा ये फैसला

अब टिब्बी के राठीखेड़ा में नहीं लगेगा एशिया का सबसे बड़ा एथेनॉल प्लांट

Hanumangarh Ethanol Fectory Case: हनुमानगढ़ (सच कहूँ/हरदीप सिंह)। करीब 450 करोड़ रुपए का एशिया का सबसे बड़ा एथेनॉल प्लांट अब टिब्बी तहसील की ग्राम पंचायत राठीखेड़ा के पास नहीं लगेगा। किसानों के भारी विरोध के चलते कंपनी प्रबंधन ने यह बड़ा फैसला लिया है। अब कंपनी राजस्थान से बाहर किसी अन्य राज्य में एथेनॉल प्लांट लगाएगी। कंपनी के इस फैसले को आंदोलनरत किसानों की बड़ी जीत बताया जा रहा है। क्योंकि किसानों को प्लांट से प्रदूषण और कृषि भूमि को नुकसान होने का डर था। इसके चलते लंबे समय से विरोध-प्रदर्शन चल रहा था। एथेनॉल प्लांट प्रबंधन के अनुसार अब राठीखेड़ा में कंपनी फैक्ट्री नहीं लगाएगी। अब कंपनी फैक्ट्री लगाने के लिए अन्य राज्यों का रुख करेगी। Hanumangarh News

फैक्ट्री प्रबंधन के अनुसार उनके पास फैक्ट्री लगाने के लिए दूसरे राज्यों से प्रस्ताव आ रहे हैं। कई राज्य सरकारें अपने राज्य में निवेश का प्रस्ताव दे रही हैं। कंपनी प्रबंधन ने राज्य सरकार के राइजिंग राजस्थान पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो राज्य में निवेश कैसे आएगा। फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से अपने हाथ खड़े करने के तत्काल बाद अखिल भारतीय किसान सभा के जिला सचिव और टिब्बी आंदोलन के अगुवा नेता मंगेज चौधरी का बयान आया। चौधरी ने कहा कि ये जनता और किसान के ऐतिहासिक संघर्ष की जीत है। लेकिन लड़ाई जारी रहेगी जब तक किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं होते। चौधरी ने कहा कि राजस्थान की सरकार लाठी और गोली के दम पर फैक्ट्री लगाना चाहती थी लेकिन किसानों ने सरकार से मुकाबला किया और आखिर में संघर्ष की जीत हुई।

10 दिसम्बर को फैक्ट्री में हुई थी आगजनी | Hanumangarh News

एथेनॉल फैक्ट्री के विरोध में दस दिसम्बर को टिब्बी कस्बे में महापंचायत हुई। महापंचायत के बाद आंदोलनकारी पुलिस की ओर से लगाए गए बेरिकेड्स तोड़ते हुए निर्माणाधीन एथेनॉल फैक्ट्री में घुस गए। उन्होंने ट्रैक्टरों के जरिए निर्माणाधीन दीवार को तोड़ दिया और वहां खड़ी कई गाड़ियों में आग लगा दी। पुलिस जाप्ते ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज कर आंदोलनकारियों को खदेड़ा। इस दौरान कई आंदोलनकारियों के साथ पुलिस कर्मी भी जख्मी हो गए। इस घटनाक्रम के बाद टिब्बी पुलिस थाना में आंदोलनकारियों पर दो मुकदमे दर्ज हुए।

पुलिस ने कइयों को गिरफ्तार भी किया। इसके बाद 16 दिसम्बर को एथेनॉल प्लांट से होने वाले संभावित भू-जल दोहन एवं पर्यावरणीय प्रदूषण की जांच के लिए राज्य सरकार की ओर से पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया। अगले दिन 17 दिसम्बर को जिला मुख्यालय पर किसान महापंचायत हुई। इसमें राकेश टिकैत सहित कई किसान नेता शामिल हुए। महापंचायत के दौरान प्रशासन के साथ हुई वार्ता सकारात्मक रही। किसान प्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन व सरकार को बीस दिन का समय दिया। बीस दिन बाद 7 जनवरी को संगरिया में महापंचायत कर आगामी आंदोलन की घोषणा करने का ऐलान किया। लेकिन जिला मुख्यालय पर हुई महापंचायत के तीसरे दिन ही कंपनी प्रबंधन के फैसले के बाद फैक्ट्री का मुद्दा लगभग समाप्त हो गया है। Hanumangarh News