India New Zealand FTA: नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और न्यूजीलैंड के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा है कि यह भारत का पहला ऐसा एफटीए है, जिसका नेतृत्व पूरी तरह महिलाओं ने किया। उन्होंने बताया कि न्यूजीलैंड के साथ इस समझौते के लिए गठित वार्ता दल की सभी प्रमुख सदस्य महिलाएं थीं, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। India-New Zealand News
प्रधानमंत्री ने यह टिप्पणी केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा लिखे गए एक लेख को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा करते हुए की। लेख में बताया गया है कि भारत के वर्तमान मुक्त व्यापार समझौते केवल सीमा शुल्क में कटौती तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये आर्थिक मजबूती, रोजगार सृजन और आम लोगों के जीवन स्तर में सुधार के व्यापक लक्ष्य से जुड़े हुए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत–न्यूजीलैंड एफटीए न केवल व्यापारिक दृष्टि से, बल्कि नेतृत्व की दृष्टि से भी विशेष है। यह समझौता दर्शाता है कि वैश्विक मंच पर भारत की व्यापार कूटनीति में महिलाओं की भूमिका कितनी सशक्त और निर्णायक होती जा रही है। India-New Zealand News
यह एफटीए भारत की व्यापार नीति में एक नया अध्याय जोड़ता है। इसके माध्यम से भारतीय उत्पादों को न्यूजीलैंड के बाजार में बेहतर पहुंच मिलेगी, सेवाओं, परिवहन और निवेश के क्षेत्रों में नए अवसर खुलेंगे और कृषि सहित उभरते क्षेत्रों में सहयोग को मजबूती मिलेगी। इससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को दीर्घकालिक लाभ मिलने की संभावना है।
समझौते के तहत भारतीय निर्यात पर लगने वाला शत-प्रतिशत सीमा शुल्क समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही आगामी 15 वर्षों में लगभग 20 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है। समझौते के लागू होते ही न्यूजीलैंड की सभी टैरिफ लाइनों पर भारतीय वस्तुओं को शून्य शुल्क का लाभ मिलेगा। सरकार का मानना है कि इस एफटीए से किसानों, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई), विद्यार्थियों और कुशल पेशेवरों को व्यापक लाभ पहुंचेगा। साथ ही, यह समझौता भारत को एक विश्वसनीय और दूरदर्शी वैश्विक साझेदार के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा तथा ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को आगे बढ़ाएगा। India-New Zealand News















