बीट पुलिसिंग से बेहतर हुई जनपद की सुरक्षा: जे रविंद्र गौड़

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Ghaziabad News: बीट पुलिसिंग से बेहतर हुई जनपद की सुरक्षा: जे रविंद्र गौड़

बीट पुलिसिंग का मूल उद्देश्य जनता तक पुलिस की सहज पहुंच :पुलिस आयुक्त

  • पुलिस आयुक्त जे रविंद्र गौड़ ने बीट प्रणाली से गाजियाबाद कमिश्नरेट में अप्राधिकयों और अपराध पर कसा कड़ा शिकंजा
  • आठ माह में जिले में कानून-व्यवस्था, जन-सुरक्षा और पुलिस–जनता संबंधों में हुआ ऐतिहासिक सुधार
  • मात्र 11 माह में हजारों अपराधियों पर कार्रवाई, 2.64 लाख नागरिक हुए व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल

गाजियाबाद (सच कहूँ/रविंद्र सिंह)। Ghaziabad News: उतर प्रदेश का प्रवेश द्वार और देश की राजधानी दिल्ली से सटी महत्वपूर्ण कमिश्नरेट गाजियाबाद में कानून-व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने तथा अपराध पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से पुलिस आयुक्त जे. रविन्दर गौड द्वारा 24 अप्रैल 2025 से लागू की गई बीट प्रणाली ने महज आठ माह के भीतर सराहनीय और ठोस परिणाम दिए हैं। इस व्यवस्था से कमिश्नरेट में न केवल अपराध नियंत्रण को मजबूती मिली है, बल्कि सामुदायिक सुरक्षा और पुलिस–जनता के बीच विश्वास भी सशक्त हुआ है।

कमिश्नरेट गाजियाबाद के तीनों जोन ,नगर, ट्रांस हिंडन और ग्रामीण में सभी थाना क्षेत्रों को स्पष्ट बीटों में विभाजित किया गया है। पूरे जनपद को कुल 2131 बीटों (नगर जोन- 640, ट्रांस हिंडन जोन- 693, ग्रामीण जोन- 798) में बांटते हुए 941 बीट सब-इंस्पेक्टर (बीएसए ) और 1431 बीट पुलिस ऑफिसर (बीपीओ ) तैनात किए गए हैं।

कानून-व्यवस्था में आया ठोस सुधार | Ghaziabad News

गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में बीट प्रणाली के तहत प्रत्येक क्षेत्र की जिम्मेदारी तय होने से गश्त की आवृत्ति बढ़ी है और संवेदनशील इलाकों में पुलिस की मौजूदगी सुनिश्चित हुई है। इससे अपराध की रोकथाम के साथ-साथ घटनाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया की क्षमता में भी वृद्धि हुई है।

अपराध नियंत्रण और अपराधियों पर पैनी नजर

बीटवार नियमित रिपोर्टिंग से अपराध संबंधी आंकड़ों का व्यवस्थित संकलन हो रहा है। इन्हीं आंकड़ों के आधार पर अपराध प्रवृत्तियों का विश्लेषण कर रणनीतिक कार्रवाई की जा रही है। चोरी, लूट, नशाखोरी और असामाजिक गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगा है। बीट पुलिस अधिकारियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में निवासरत पुराने और सक्रिय अपराधियों की “केवायसी” (अपने अपराधी को जाने) कराई गई है। जमानत पर रिहा अपराधियों की सतत निगरानी से आपराधिक घटनाओं में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है।

जनसंपर्क और सामुदायिक पुलिसिंग को मिली मजबूती

बीट प्रणाली ने पुलिस और नागरिकों के बीच संवाद को नई मजबूती दी है। बीट अधिकारी स्थानीय नागरिकों, व्यापारी संगठनों, शिक्षण संस्थानों और सामाजिक संगठनों से नियमित संपर्क बनाए हुए हैं।
बीटवार व्हाट्सएप ग्रुप गठित कर अब तक 2,64,769 नागरिकों को जोड़ा गया है, जिसके माध्यम से सुझाव प्राप्त किए जा रहे हैं और शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। इससे नागरिकों में सुरक्षा की भावना बढ़ी है और पुलिस के प्रति विश्वास सुदृढ़ हुआ है।

जवाबदेही और कार्यकुशलता में वृद्धि

बीटवार जिम्मेदारी तय होने से पुलिसकर्मियों की जवाबदेही स्पष्ट हुई है। संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित हुआ है और कार्यप्रणाली अधिक पारदर्शी व परिणामोन्मुखी बनी है।

सिटीजन चार्टर के अंतर्गत पासपोर्ट सत्यापन, चरित्र सत्यापन, किरायेदार व कर्मचारी सत्यापन जैसी सेवाएं संबंधित बीट में तैनात बीएसआई और बीपीओ द्वारा समयबद्ध व पारदर्शी ढंग से उपलब्ध कराई जा रही हैं।

बीट पुलिसिंग से सराहनीय कार्यों के उदाहरण | Ghaziabad News

गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के थाना क्रॉसिंग रिपब्लिक क्षेत्र में बीट अधिकारी द्वारा व्यापारियों के सहयोग से ग्लेरिया मार्केट और प्रमुख मार्गों पर 32 आधुनिक सीसीटीवी कैमरे स्थापित कराए गए, जिनकी रिकॉर्डिंग थाना स्तर पर उपलब्ध है।थाना अंकुर विहार क्षेत्र में 22 अपराधियों का सत्यापन कर कई के विरुद्ध गंडा अधिनियम व बीएनएसएस के तहत कार्रवाई की गई। थाना इंदिरापुरम क्षेत्र में बीट अधिकारी द्वारा स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों पर 55 साइबर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।

पुलिस आयुक्त जे. रविंद्र गौड़ का कहना है कि बीट पुलिसिंग से जनपद की सुरक्षा पहले से बेहतर हुई है। बीट पुलिसिंग का मूल उद्देश्य जनता तक पुलिस की सहज पहुंच सुनिश्चित करना है। पीपुल्स-सेंट्रिक पुलिसिंग की इस व्यवस्था ने गाजियाबाद में अपराध नियंत्रण, जनसंपर्क और सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया है। बीट बीपीओ और बीएसआई की तैनाती से जन-केंद्रित पुलिसिंग को नई मजबूती मिली है, जो आने वाले समय में और बेहतर परिणाम देने की दिशा में अग्रसर है।

कमिश्नरेट में 11 माह में हजारों अपराधियों पर कार्रवाई, 2.64 लाख नागरिक व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े

कमिश्नरेट गाजियाबाद में लागू बीट प्रणाली के तहत बीट सब-इंस्पेक्टर (बीएसआई) और बीट पुलिस आॅफिसर (बीपीओ) द्वारा एक जनवरी 2025 से 30 नवंबर 2025 तक की गई कार्रवाई के आंकड़े पुलिसिंग की बढ़ती प्रभावशीलता और जनसहभागिता को स्पष्ट रूप से दशार्ते हैं। इस अवधि में कानून-व्यवस्था सुदृढ़ करने, अपराध नियंत्रण और जन-सुरक्षा के क्षेत्र में व्यापक स्तर पर कार्रवाई की गई।

बीएसआई द्वारा की गई प्रमुख कार्रवाई

बीट सब-इंस्पेक्टरों द्वारा गाजियाबाद कमिश्नरेट के नगर जोन , ट्रांस हिंडन और ग्रामीण जोन में बीएनएसएस की विभिन्न धाराओं (126/135, 170, 129, 152) के अंतर्गत बड़ी संख्या में निरोधात्मक और विधिक कार्रवाई की गई। तीनों जोनों में कुल मिलाकर,8,071 मामलों में धारा 126/135 बीएनएसएस,9,437 मामलों में धारा 170 बीएनएसएस,6,877 मामलों में धारा 129 बीएनएसएस,12,819 मामलों में धारा 152 बीएनएसएस के तहत कार्रवाई की गई।इसके साथ ही हजारों अपराधियों की फर्द “अ” और “ब” अंकित कराई गई, 12,009 चिन्हित अपराधियों का सत्यापन किया गया तथा 4,305 हिस्ट्रीशीटरों (एचएस) की निगरानी की गई। इस अवधि में 9,140 पासपोर्ट सत्यापन,37,758 जीवीआर /पीवीआर/ एमवीआर सत्यापन,2,519 अभिसूचना संकलन और 8,507 घटनास्थल निरीक्षण भी किए गए।

बीपीओ की रही सक्रिय भूमिका

बीट पुलिस अफसरों द्वारा भी इसी अवधि में व्यापक कार्रवाई की गई। कुल मिलाकर,5,109 मामलों में धारा 126/135 बीएनएसएस,6,527 मामलों में धारा 170 इठरर, 2,147 मामलों में अपराधियों की फर्द अंकित,4,892 बीट सूचनाएं संकलित,14,619 चिन्हित अपराधियों का सत्यापन,4,020 हिस्ट्रीशीटरों की निगरानी की गई। इसके अतिरिक्त 34,743 जीवीआर /पीवीआर/ एमवीआर सत्यापन,11,035 अभिसूचना संकलन, और 7,767 घटनास्थल निरीक्षण किए गए।

जनसंपर्क में ऐतिहासिक बढ़ोतरी

कमिश्नरेट में बीट पुलिसिंग के तहत बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से पुलिस-जनता संवाद को नई मजबूती मिली है।गाजियाबाद कमिश्नरेट के नगर जोन , ट्रांस हिंडन और ग्रामीण जोन को मिलाकर कुल 2,64,769 नागरिकों को इन व्हाट्सएप ग्रुपों से जोड़ा गया है। इससे आमजन की शिकायतों, सुझावों और सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई संभव हो सकी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, बीट प्रणाली ने गाजियाबाद में न केवल निरोधात्मक कार्रवाई को प्रभावी बनाया है, बल्कि जन-केंद्रित पुलिसिंग को भी मजबूत आधार दिया है। आने वाले समय में इस प्रणाली के माध्यम से अपराध नियंत्रण, पारदर्शिता और नागरिक सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ करने का लक्ष्य रखा गया है।

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