अनिल विज के खुलासे से पूरे हरियाणा में हड़कंप, जानिये क्या है माजरा

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Chandigarh अनिल विज के खुलासे से पूरे हरियाणा में हड़कंप, जानिये क्या है माजरा

Chandigarh: चंडीगढ़ सच कहूँ/देवीलाल बारना। हरियाण के गब्बर कहे जाने वाले कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने अपने ही विभाग का 1500 करोड़ रुपए का घोटाला उजागर किया है। इतना ही नहीं अनिल विज ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जांच एजेंसी से इस घोटाले की जांच की मांग की है। अनिल विज के अनुसार हाल ही में हुई बोर्ड की बैठक में बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति में गड़बड़ियां पाई गईं है। इतना ही नहीं श्रमिकों को योजनाओं का लाभ देने में भी बड़ी गडबड़ी सामने आई है। इस गडबड़ी के बाद विज ने जांच के आदेश दिए तो मालूम पड़ा कि यह गडबड़ी एक जिला में नही अपितु 6 जिलों में हुई है।

मंत्री अनिल विज ने बताया कि शुरू में हिसार, कैथल, जींद, सरसा, फरीदाबाद और भिवानी जिलों में जांच की गई, जहां बहुत सारी गड़बड़ियां मिलीं। इसके बाद, राज्य के सभी जिलों के ष्ठष्ट को कहा गया कि वे जिला स्तर पर समितियां बनाएं। इन समितियों में श्रम विभाग के अधिकारी और तीन अन्य अधिकारी शामिल थे। ये समितियां अगस्त 2023 से मार्च 2025 के बीच जारी की गई आॅनलाइन वर्क स्लिप की जांच कर रही हैं। यह जांच लगभग 4 महीने पहले शुरू हुई थी और अब तक 13 जिलों में 100प्रतिशत जांच पूरी हो चुकी है।

अनिल विज ने बताया कि 13 जिले जिसमें करनाल, रेवाड़ी, नूंह मेवात, महेंद्रगढ़, गुरुग्राम, झज्जर, पलवल, पानीपत, रोहतक, सोनीपत, पंचकूला, सिरसा और कैथल शामिल हैं, में कुल 5,99,758 वर्कस्लिप जारी की गई थीं, जिनमें से केवल 53,249 वर्कस्लिप ही वैध पाई गईं, जबकि 5,46,509 वर्कस्लिप अवैध पाई गईं। इसी प्रकार, कुल 2,21,517 श्रमिकों के पंजीकरण में से सत्यापन के बाद केवल 14,240 श्रमिक ही पात्र पाए गए, जबकि 1,93,756 पंजीकरण फर्जी पाए गए। अनिल विज ने कहा कि यह साफ हो गया है कि कई जगहों पर पूरे के पूरे गांव के लोगों ने फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन कराया और वर्क स्लिप बनवाई, ताकि जो लोग योजनाओं के हकदार नहीं हैं, वे भी सरकारी योजनाओं का फायदा उठा सकें। एक मजदूर को अलग-अलग योजनाओं से लगभग 2.5 लाख रुपए तक का फायदा मिलता है, जिससे सरकार को बहुत नुकसान हो रहा है। यह सीधे-सीधे लूट है और सरकार को सैकड़ों करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।

भ्रष्टाचार पर समझौता नही, दोषियों के खिलाफ होगी कठोर कार्रवाई : विज

विज ने बताया कि हरियाणा में निर्माण श्रमिकों के लिए मातृत्व-पितृत्व लाभ, शिक्षा सहायता, छात्रवृत्ति, तकनीकी शिक्षा प्रतिपूर्ति, पेंशन, विवाह सहायता, चिकित्सा सहायता, आवास ऋण, दुर्घटना मुआवजा सहित अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित हैं, जिनका उद्देश्य वास्तविक श्रमिकों का सशक्तिकरण है। इन योजनाओं का लाभ केवल उन्हीं श्रमिकों को मिलना चाहिए जो 90 दिनों के कार्य सत्यापन के बाद विधिवत पंजीकृत हों। श्रम मंत्री ने दोहराया कि भ्रष्टाचार पर किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। विज ने बताया कि हरियाणा में भवन निर्माण में लगे श्रमिकों को विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाओं को लाभ प्रदान किया जाता है जिनमें मातृत्व लाभ 36 हजार रुपये, पितृव लाभ 21 हजार रुपये, पंजीकृत कामगार के बच्चों की शिक्षा हेतु दिए जाने वाले लाभों के अंतर्गत बच्चों की पहली कक्षा से उच्च शिक्षा तक की वार्षिक वित्तीय सहायता 8 हजार रुपये से 20 हजार रुपये तक, पंजीकृत कामगारों के मेधावी बच्चों के 10वीं/12वी की परीक्षा में 60 र्प्रतिशत से 90 प्रतिशत अंक प्राप्ति पर 21 हजार रुपये से 51 हजार रूपए छात्रवृत्ति दी जा रही है।

नए आवेदन स्वीकार न करने के निर्देश

अनिल विज ने कहा कि जांच करने वाली समितियां हर चीज की जांच कर रही हैं, जैसे कि काम करने की जगह असली है या नहीं, मजदूर काम में शामिल था या नहीं, मालिक कौन है। जांच के दौरान सेवा का अधिकार की समय-सीमा रोक दी गई है, सरल केंद्रों को नए आवेदन स्वीकार न करने के लिए कहा गया है, और सभी शिकायत सुनने वाले प्लेटफार्मों को जरूरी जानकारी दे दी गई है।