Gold Price Today: मुंबई। वर्ष 2025 के अंतिम कारोबारी दिन बुधवार को सर्राफा बाजार में कीमती धातुओं के दामों में तेज गिरावट दर्ज की गई। विशेष रूप से चांदी की कीमतों में भारी दबाव देखने को मिला, जो हाल ही में ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंची थीं। रिकॉर्ड ऊंचाई के बाद निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली किए जाने से बाजार में बिकवाली बढ़ी और घरेलू वायदा कारोबार में चांदी 16 हजार रुपये से अधिक टूटकर दिन के निचले स्तर तक आ गई। बाद के सत्र में इसमें हल्की सुधारात्मक तेजी जरूर दिखाई दी। सोने के भाव भी इस दौरान 900 रुपये से अधिक फिसल गए। Gold-Silver Price Today
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर मार्च डिलीवरी वाली चांदी खबर लिखे जाने तक 14,124 रुपये यानी करीब 5.6 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,36,888 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही थी। कारोबार के दौरान यह 2,32,228 रुपये के निचले स्तर तक पहुंच गई थी। वहीं फरवरी डिलीवरी का सोना 782 रुपये की कमजोरी के साथ 1,35,884 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जबकि सत्र के दौरान इसका निचला स्तर 1,35,618 रुपये रहा।
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, यह गिरावट पूरे साल चली तेज तेजी के बाद स्वाभाविक मानी जा रही है। सप्ताह की शुरुआत में वैश्विक स्तर पर बढ़े भू-राजनीतिक तनावों के कारण सुरक्षित निवेश की मांग में जबरदस्त उछाल आया था। अमेरिका द्वारा वेनेजुएला के बंदरगाहों पर सैन्य कार्रवाई और चीन के नौसैनिक अभ्यासों जैसी घटनाओं ने निवेशकों को सोना-चांदी की ओर आकर्षित किया, जिससे कीमतें रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई थीं। Gold-Silver Price Today
दिसंबर महीने में ही चांदी के भाव में करीब 24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज
आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर महीने में ही चांदी के भाव में करीब 24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि पूरे वर्ष के दौरान इसमें लगभग 135 प्रतिशत का उछाल देखा गया। इसी तरह घरेलू हाजिर बाजार में सोने की कीमतें साल भर में 76 प्रतिशत से अधिक बढ़ीं, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने ने 70 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त दिखाई। यह प्रदर्शन 1979 के बाद सबसे मजबूत वार्षिक तेजी के रूप में देखा जा रहा है।
मेहता इक्विटी लिमिटेड के कमोडिटी उपाध्यक्ष राहुल कलंत्री के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय तनाव और रूस-यूक्रेन शांति वार्ता में बाधाओं के कारण सुरक्षित निवेश की मांग बनी रही। रूस द्वारा यूक्रेन पर ड्रोन हमले के आरोप और एशिया-अमेरिका क्षेत्र में बढ़ते तनाव ने भी सर्राफा बाजार को सहारा दिया। हालांकि, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के ब्यौरे सामने आने के बाद कीमतों में तेजी सीमित हो गई, क्योंकि अगले वर्ष ब्याज दरों में आक्रामक कटौती की उम्मीद कमजोर पड़ी है।
तकनीकी स्तर पर विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी को 2,42,780 से 2,45,150 रुपये के दायरे में सहारा मिल सकता है, जबकि ऊपर की ओर 2,54,810 से 2,56,970 रुपये के स्तर पर कड़ा प्रतिरोध देखने को मिल सकता है। विश्लेषकों का कहना है कि वर्ष 2025 में सोना और चांदी महंगे होने के पीछे केंद्रीय बैंकों की मजबूत खरीद, ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं, वैश्विक व्यापार शुल्क को लेकर अनिश्चितता, भू-राजनीतिक तनाव और गोल्ड-सिल्वर ईटीएफ में बढ़ता निवेश प्रमुख कारण रहे। Gold-Silver Price Today
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक बाजारों में चांदी का भंडार लगातार घट रहा है। शंघाई और कॉमेक्स जैसे प्रमुख बाजारों के बीच कीमतों का अंतर कम होना इस बात का संकेत है कि आने वाले समय में चांदी की आपूर्ति और अधिक सीमित हो सकती है।















