पंचकूला हिंसा: सुरक्षा कर्मियों की नहीं थी ‘पूज्य गुरु जी’ को भगाने की साजिश | Panchkula Violence
- पंचकुला की अदालत में हटी धारा 121, 121 ए, 124
- कर्मजीत, रोहित, सतवीर व मक्खन हैं सरकारी सुरक्षा कर्मचारी
- अदालत ने फिर नकारी पुलिस की गढ़ी एक और कहानी
चंडीगढ़ (अश्वनी चावला)। पिछले साल 25 अगस्त को पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को पुलिस हिरासत में लेकर सुरक्षा कर्मियों द्वारा (Panchkula Violence) भगाकर ले जाने की कहानी को पंचकुला अदालत ने नाकार दिया है। अदालत ने 22 व्यक्तियों को देशद्रोह के आरोप से मुक्त कर दिया है, जिनमें से अधिकतर लोग पूज्य गुरु जी की सुरक्षा में तैनात थे।
जानकारी के अनुसार पंचकुला में बीते साल 25 अगस्त को हुई हिंसा से पहले पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह की इन्सां की सुरक्षा में तैनात कुछ सुरक्षा कर्मचारियों सहित कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस ने आरोप लगाए थे कि ये सभी लोग गुरु जी को भगाने की साजिश बनाकर यहां आए थे। उनके पास से मौके पर हथियार भी मिले हैं, साथ ही इनके वाहनों की डिग्गी से भी हथियार बरामद हुए हैं।
पंचकुला की अदालत ने किया 22 व्यक्तियों को देशद्रोह से आरोपमुक्त | Panchkula Violence
पुलिस का कहना था कि उन्होंने पूज्य गुरु जी को अदालत से भगाकर उन्हें विदेश लेकर जाना था। इन सभी 22 व्यक्तियों पर अन्य धाराओं के साथ ही देशद्रोह की धारा 121, 121 ए और 124 ए लगाई गई थी। इस मामले में बचाव पक्ष ने लंबी बहस करने के बाद अदालत में साबित कर दिया गया कि पंचकुला पुलिस की बनाई गई कहानी पूरी तरह झूठी है,
इस संबंधी किसी भी प्रकार की कोई साजिश नहीं बनाई गई थी और न ही अंजाम देने की कोशिश की गई थी। इस बहस के दौरान पंचकुला की माननीय राजन वालिया की अदालत ने बचाव पक्ष के तथ्यों से सहमत होते हुए एफआईआर नंबर 336 में खुशवीर सिंह, राकेश कुमार, प्रीतम, रोहित, सतवीर, कर्मजीत सिंह, रणधीर, विजय, कृष्ण, लाल चन्द, चमकौर सिंह, फूल कुमार और जगसीर और अन्य के खिलाफ लगी धारा 121, 121 ए और 124 ए को खारिज करते हुए इन्हें बड़ी राहत प्रदान की है। अभियुक्तों की ओर से ऐडवोकेट सरबजीत सिंह बड़ैच व नरेन्द्र पाल सिंह बड़ैच ने अदालत के समक्ष अपना पक्ष रखा।
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