प्रेरणास्त्रोत : जापान में भारतीय

Binoculars and Toy
Binoculars and Toy

किसी देश का नागरिक होना उस देश की प्रतिष्ठा से स्वयं को जोड़ना भी होता है और जापानी नागरिक राष्ट्रवाद के सबसे अच्छे उदाहरण माने जाते हैं। एक भारतीय, सपरिवार जापान की राजधानी टोक्यो के एक होेटल में ठहरा। जब वे बाजार गए तो उन्हें वहाँ आकर्षक जूते दिखाई दिए और उन्होेंने बच्चे के लिए एक जोड़ा खरीद लिया। होटल लौटने पर उन्हें पता चला कि जूते कहीं गिर गए। यह सोचकर कि जूते कोई उठाकर ले गया होगा।

उन्होेंने कोई प्रयास नहीं किया। रात दस बजे होटल में उनके कमरे का दरवाजा खटखटाया गया, दरवाजा खोला तो एक पुलिस वाले को देखकर उनको आश्चर्य हुआ। उसने भारतीय को जूतों का बंडल दिखाते हुए पूछा कि क्या यह आपका है? भारतीय ने आश्चर्य से पूछा, आपको कैसे पता चला कि ये जूते हमारे हैं? पुलिस वाले ने बताया कि सड़क पर पड़े जूतों के स्वामी का पता लगाने के लिए वह ऐसे जूते बेचने वाले दुकानदार से मिला जिसने बताया कि कुछ देर पहले उसने ये जूते एक भारतीय को बेचे थे। पुलिस वाले ने कई होटलों में फोन करके भारतीय परिवार का पता लगा लिया और वह वहाँ पहुंच गया। इस प्रकार जूते उनके स्वामी तक पहुँचा दिए गए।

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