समता योग आश्रम के मोड़ पर खेती योग्य जमीन पर बसा दी गई कालोनी, निगम व जिला नगर योजनाकार की चुप्पी संदेह के दायरे में

Chhachhrauli
Chhachhrauli समता योग आश्रम के मोड़ पर खेती योग्य जमीन पर बसा दी गई कालोनी, निगम व जिला नगर योजनाकार की चुप्पी संदेह के दायरे में

छछरौली (सच कहूं राजेंद्र कुमार) समता योग आश्रम के समीप सात से आठ एकड़ में पूरी अवैध कालोनी बसा दी गई। निगम एरिया में होने के बावजूद कृषि योग्य जमीन पर प्लाटिंग कर उसको बेच भी दिया गया। मगर न नगर निगम न ही नगर योजनाकार विभाग ने कुछ कार्रवाई की। लगभग सात से आठ एकड़ करोड़ों की इस जमीन में शोरुम व दुकानें बेच कर भोले-भाले लोगों को 35 से 40 लाख रुपये प्रति शोरुम के हिसाब से बेच तो दिए गए। मगर अब जब इसमें से प्रापर्टी डीलर अपनी चांदी कूट कर निकल जाएंगे तो उसके बाद विभाग पहले ही वहां पर प्लाट लेकर लुट चुके अब अगर वहां पर निर्माण करेंगे तो विभागों के अफसर पहुंच जाएंगे।

समता योग आश्रम पर नेशनल हाइवे व खारवन रोड पर सात से आठ एकड़ में एक बड़ी अवैध कालोनी काट दी गई। उसमें अब सीवरेज भी डाल दिया गया है। लगभग-लगभग यहां पर प्लाट बेचे भी जा चुके है। सरकार से कालोनी का न तो लाइसेंस लिया गया न ही सरकार को कोई लाइसेंस फीस चुकाई गई। चमन लाल गुरमेज सिंह सुशील कुमार आदि बताते हैं कि यहां पर रिहायशी प्लाटों के अलावा दुकानें व बड़े-बड़े शोरुम भी बनाकर बेच दिए गए है, यानी पूरी तरह से अवैध कालोनी बसा दी गई है। अब तो यहां पर सीवरेज आदि भी डाल दिया गया है। मगर कई माह तक खुलेआम काटी गई इस कालोनी में संबधित विभागों द्वारा जैसे प्लाट बेचने की खुली छूट दी गई।

सूत्रों के अनुसार निगम एरिया में होने के बावजूद न केवल इस अवैध कालोनी को बसाया गया बल्कि यहां पर रजिस्ट्रियां भी कर दी गई। जबकि बिना निगम की एनडीसी के अवैध तो छोड़ो किसी वैध कालोनी तक में रजिस्ट्री नहीं हो सकती। जबकि यहां पर खेती की जमीन को टुकड़ों में बांट कर उसकी उसकी रजिस्ट्री कर जा रही है। न केवल नगर निगम बल्कि नगर योजनकार विभाग की चुप्पी पर भी संदेह पैदा हो रहा है कि आखिर करोड़ों की इस जमीन पर नेशनल हाइवे किनारे प्लाटिंग आखिर कैसे हो रही है। पंचकूला बैठे विभाग के बड़े अफसरों को आखिर क्या इतने बड़ी कालोनी काटे जाने की जानकारी नहीं दी गई। दूसरी बात यहां पर रजिस्ट्रियां होना सीधा-सीधा तहसील कार्यालय से लेकर नगर निगम व नगर योजनकार विभाग की मिलीभगत का इशारा करती है।

जिला नगर योजनाकार राजेश ने बताया कि इस कालोनी में पहले भी कार्रवाई हो चुकी है। एफआईआर के लिए भी भेज दिया गया है। इसके साथ ही तहसीलदार को रजिस्ट्री आदि न करने के लिए भी लिखा गया है। अब अगर तहसीलदार यहां की रजिस्ट्री कर रहा है तो उसमें वह क्या कर सकते हैं। अब जब भी वहां निर्माण होगा उसको तोड़ा जाएगा।