हलका दिड़बा में हो सकता है त्रिकोणीय मुकाबला

  • राजनीति| बागियों को साथ चलाने में कामयाब हुए ‘आप’ उम्मीदवार
  • कांग्रेस और अकाली दल के उम्मीदवारों को करना पड़ रहा है मुश्किलों का सामना

Dirba Mandi, Satpal Khadiyal: दिड़बा मंडी (सतपाल खडियाल)। विधान सभा हलका दिड़बा (आरक्षित) से पंजाब की तीनों ही मुख्य पार्टियों की ओर से अपने-अपने उम्मीदवारों का ऐलान करने के बाद सरगर्मियां में तेजी आ गई है। उम्मीदवार घोषित करने की पहल करते हुए आम आदमी पार्टी ने कई माह पहले एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा को मैदान में उतार दिया था। हालांकि शुरूआती दौर में चीमा को लोकल नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ा परंतु धीरे-धीरे लोकल नेताओं का गुस्सा शांत हो गया और वह पार्टी उम्मीदवार के साथ चल पड़े जिससे एडवोकेट चीमा अपनी चुनाव मुहिम चलाने के समर्थ हो गए। पिछले पार्लियामेंट चुनावों के समय यहां से आम आदमी पार्टी के सांसद की पंद्रह हजार से ज्यादा वोटों की लीड थी परंतु आम आदमी पार्टी में आए राजनैतिक भुचाल के कारण पार्टी की मुश्किलें बढ़ी हैं। पार्टी वर्कर लगातार लोगों में जा रहे हैं, जिसको देखते हुए इस समय आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार टक्कर में है परंतु ‘अपना पंजाब’ पार्टी (छोटेपुर) की ओर से यदि कोई ‘आप’ का बागी चेहरा मैदान में उतरता है तो चीमा के लिए खतरे की घंटी बजा सकता है। इस हलके से शिरोमणी अकाली-भाजपा ने कबड्डी खिलाड़ी गुलजार सिंह मूनक को मैदान में उतारा है जो कि राजनीति में एक नया चेहरा है परंतु पिछले विधायक की ओर से हलके के वोटरों को प्राथमिकता न देना और स्थानीय नेताओं की वर्गवाद के कारण लोगों को पेश मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

कांग्रेस पार्टी ने अपने पिछले उम्मीदवार मास्टर अजायब सिंह रटोलां को दूसरी बार टिकट देकर हलके का नेता होने का लाभ लेने की कोशिश की है। 2012 में मा. रटोलां अकाली दल के उम्मीदवार से थोड़े अंतर से हार गए थे परंतु कांग्रेस के एक पक्ष की ओर से लुक छिप कर आ रही विरोध की सूचनाओं के कारण उनकी चुनाव मुहिम प्रभावित हो सकती है। कांग्रेस पार्टी की ओर से टिकट न मिलने के कारण नाराज बरनाला पक्ष जिसके नेता पूर्व मंत्री बलदेव सिंह मान हैं, इस समय अपने राजनैतिक पत्ते खोलने की फिराक में हैं। मान यदि अपना उम्मीदवार देते हैं तो वह अकाली -कांग्रेसी दोनों के लिए बराबर का खतरा होगा। इसके साथ ही ‘अपना पंजाब’ पार्टी की ओर से उतारा उम्मीदवार ‘आप’ के लिए खतरा होगा। अकाली दल के दलित नेता जो पार्टी से नाराज हैं, किस ओर अपना झुकाव करते हैं यह भी देखने वाली बात है। फिलहाल दिड़बा विधान सभा हलके से त्रिकोणीय टक्कर की संभावना अधिक नजर आ रही है।