राज्यपाल के सैशन रद्द से भड़के ‘आप’ विधायक, निकाला मार्च

  • राज्यपाल ने स्वीकृति देने के बाद फैसला वापिस लेकर उड़ाया ‘लोकतंत्र का मजाक’

  • पुलिस ने रास्ते में रोका, गर्मी में दो घंटे बाद वापिस लौटे ‘आप’ विधायक

  • विधायकों ने राज्यपाल के मनमाने और लोकतंत्र विरोधी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने की दी चेतावनी

चंडीगढ़। (सच कहूँ/अश्वनी चावला) पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित द्वारा सैशन की स्वीकृति देने के बाद रद्द किए जाने के फैसले के खिलाफ आम आदमी पार्टी के विधायक भड़क उठे हैं। पहली बार सत्ता पक्ष के विधायकों ने पंजाब के राज्यपाल के खिलाफ न सिर्फ मार्च निकाला, बल्कि राज्यपाल के संबंध में शब्दों की मर्यादा को तोड़ते हुए जमकर भड़ास भी निकाली। आम आदमी पार्टी द्वारा इसे शांति मार्च का नाम दिया गया था लेकिन शांति की जगह यह मार्च काफी ज्यादा हंगामेदार रहा और विधायकों का गुस्सा सांतवें आसमान को छूता दिखाई दे रहा था। ‘आप’ विधायकों के इस मार्च में सीएम भगवंत मान से लेकर कैबिनेट मंत्री शामिल नहीं हुए तो इनको विधानसभा से कुछ ही दूरी पर हाईकोर्ट चौक के नजदीक बैरीकेटिंग करते हुए रोक लिया गया।

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जहां लगभग 2 घंटे विधायकों ने बैठकर नारेबाजी की लेकिन अधिक गर्मी होने के चलते 2 घंटे बाद इस मार्च को खत्म कर दिया गया। पंजाब विधान सभा से लेकर हाईकोर्ट चौक तक ‘लोकतंत्र के हत्यारे’ और ‘कांग्रेस-भाजपा द्वारा लोकतंत्र की हत्या’ ‘ आॅपरेशन लोट्स बंद करोे’ जैसे बैनर पकड़कर ‘आप’ विधायकों और वर्करों ने विपक्ष के खिलाफ नारेबाजी की। विधायकों ने राज्यपाल के विशेष सैशन बुलाने के अपने पहले आदेश को वापिस लेने के फैसले को ‘लोकतंत्र का मजाक उड़ाना’ करार दिया। विधायकोंं ने कहा कि कांग्रेस और अकाली-भाजपा सहित विपक्ष पार्टियां लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए मिलकर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उनके हर नापाक एजंडे को नाकाम कर दिया जाएगा। विधायकों ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह भाजपा की ‘बी-टीम’ है और भगवा पार्टी के लिए ही काम कर रही है।

वह लोकतंत्र के हत्यारे हैंं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने भाजपा के इशारे पर विस सैशन रद्द किया है और विपक्ष के नेता भी सीबीआई और ईडी के छापों की धमकियों के बीच अपने पद की रक्षा के लिए भाजपा की धुनों पर नाच रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘आप’ सरकार राज्य से संबंधित विभिन्न मुुद्दों पर चर्चा करने के लिए 27 सितंतबर को विधान सभा का विशेष सैशन बुलाएगी और मंत्री मंडल की सहमति लिए बिना मंजूरी रद्द करने के राज्यपाल के मनमाने और लोकतंत्र विरोधी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी जाएगी।

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