देश में कोरोना का कहर जारी है। देश ऑक्सीजन की कमी के साथ-साथ वैक्सीन की किल्लत से भी जूझ रहा है। इस मुश्किल की घड़ी में दानी सज्जन दिल खोलकर ऑक्सीजन कंटेनरों व अन्य साजो-सामान के लिए केंद्र व राज्य सरकारों की आर्थिक मदद कर रहे हैं। बॉलीवुड के लोग भी मदद के लिए आगे आ रहे हैं लेकिन कुछ गायक व फिल्मी अभिनेत्रियां समाज की मदद करने की बजाय सरकारों के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं। पंजाब में जिम्मी शेरगिल और गिप्पी ग्रेवाल कर्फ्यू के बावजूद फिल्म/सीरियल की शूटिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए।
जब प्रसिद्ध गायक ही इस प्रकार की कोताही बरत रहे हैं तो वे समाज को क्या जागरूक करेंगे, क्यों वे महामारी के दौर में कोरोना गाईडलांइस को तोड़कर समाज में गलत संदेश दे रहे हैं। इससे पहले भी कई फिल्मी कलाकारों को फिल्म की शूटिंग के दौरान ही कोरोना हुआ था। इसके बावजूद मुंबई में महिला अभिनेता कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद शूटिंग करने के लिए पहुंच गई, जिस पर मुंबई पुलिस को मामला दर्ज करना पड़ा। बॉलीवुड के कई प्रसिद्ध फिल्मी कलाकार बिना मंजूरी शूटिंग करते मिले, और पुलिस को शूटिंग रूकवानी पड़ी। गायकी या फिल्म क्षेत्र का संबंध सीधे तौर पर समाज से जुड़ा हुआ है।
दरअसल आवश्यकता इस बात की है कि कलाकार इस मुश्किल दौर में कोरोना के कारण मारे गए व्यक्तियों के परिजनों के साथ सहानुभूति जताएं और लोगों को कोरोना से बचने के लिए सावधानियां रखने संबंधी जागरूक करें। शूटिंग करना अब न केवल गैर-कानूनी है, बल्कि नैतिक तौर पर भी सही नहीं है, खासकर तब जब कलाकारों को बुलंदियों पर पहुंचाने वाले उन्हें चाहने वाले लोगों की अर्थियां जल रही हैं। जब देश मुश्किल में है तब कलाकार देश व समाज से अलग नहीं हो सकते। कलाकारों को अपनी कमाई के लिए जनता के स्वास्थ्य को खतरे में नहीं डालना चाहिए। कलाकारों को यह समझाने की आवश्यकता है कि कोरोना बॉलीवुड हस्तियों के साथ-साथ कई गायकों की जान भी ले चुका है। कोरोना के कहर को देखते हुए कम-से-कम कलाकारों को कानून, समाज व देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। इस बात की आवश्यकता है कि हर गली-मौहल्ले में निकलती लाशों का दौर बंद हो और लोगों की सलामती के लिए प्रयास हों ताकि समाज महामारी से बच सके।
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