
प्रताप नगर, सच कहूं न्यूज़ राजेंद्र कुमार । राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग प्राकृतिक आपदा के समय हमेशा मदद करता है। आपदा के समय किसी का जीवन बचाना समाज की सबसे बड़ी सेवा है। अतिरिक्त उपायुक्त नवीन आहूजा शुक्रवार को हथनीकुंड बैराज के नजदीक पश्चिमी यमुना नहर की लिंक चैनल पर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग हरियाणा द्वारा आयोजित पांच दिवसीय राज्य स्तरीय बाढ़ राहत प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय बाढ़ राहत प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण लेने के बाद सभी प्रशिक्षणार्थी आपदा के समय दूसरे के जीवन की रक्षा करने के लिए अपने-अपने जिलों में टीमें बनाएं और नए लोगों को अपने साथ जोड़ें। सभी प्रशिक्षणार्थियों को आपदा के लिए हमेशा मुस्तैद रहने और अच्छे परिणाम के लिए निरंतर अभ्यास करते रहना चाहिए।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि हर तैराक को मानसिक रूप से तैयार रहना है। एक अच्छा तैराक किसी के जीवन को बचा सकता है। जब भी बाढ़ जैसी आपदा आती है तो प्रशिक्षण प्राप्त व्यक्ति ही बाढ़ में फंसे लोगों की बेहतर ढंग सेे सहायता कर सकते हैं। किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण लेने से जहां व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है वहीं उसमें निपुणता आती है। बाढ़ जैसी आपदा के लिए पहले से ही पूर्ण रूप से तैयारियां करके ही बाखूबी निपटा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि 5 दिन तक चलने वाले इस बाढ़ राहत प्रशिक्षण में पूरे राज्य से 51 प्रशिक्षणार्थियों व 13 प्रशिक्षकों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि मानवता की सेवा व समाज की रक्षा के लिए ऐसे प्रशिक्षणों को जरूर सीखना चाहिए और जब प्राकृतिक एवं अप्राकृतिक आपदा आती है तो ऐसे में आपदा से सही समय पर सही ढंग से निपटने के लिए बेहतर नेतृत्व की आवश्यकता होती है क्योंकि आपदा के आने पर बेहतर नेतृत्व लोगों को मिल जाए तो आपदाओं से निपटने में लोगों को तत्काल सहायता मिलती है। उन्होंने प्रशिणार्थियों का आह्वान किया कि उन्होंने इस बाढ़ राहत प्रशिक्षण शिविर में आकर बहुत कुछ सीखने व अनुभव प्राप्त हुआ है, खासकर बाढ़ जैसी आपदा से निपटने के लिए इस प्रकार के प्रशिक्षण की बहुत आवश्यकता होती है। इस प्रशिक्षण में एनडीआरएफ के अनुभवी प्रशिक्षकों ने प्रशिक्षणार्थियों को आग व भूकम्प आदि जैसी आपदा से निपटने के लिए प्रशिक्षण भी दिया।
अतिरिक्त उपायुक्त नवीन आहूजा ने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया जिसमें चप्पू द्वारा किश्ती चालन प्रतियोगिता में शिवकुमार पानीपत प्रथम, रोहित भिवानी द्वितीय, राजकुमार पानीपत व सतीश कुमार कैथल सयुंक्त रूप से तृतीय स्थान पर रहे। इसी प्रकार तैराकी प्रतियोगिता में अमित कुमार झज्जर प्रथम, अजय कुमार जींद द्वितीय, सतीश कुमार कैथल तृतीय स्थान पर रहे। मुख्य प्रशिक्षक मुकेश कुमार सहित अन्य प्रशिक्षकों व प्रशिक्षणार्थियों को भी मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर एसडीएम छछरौली रोहित कुमार ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि इस 5 दिवसीय राज्य स्तरीय बाढ़ राहत प्रशिक्षण शिविर में राज्य के विभिन्न जिलों से आए 51 प्रशिक्षणार्थियों व 13 प्रशिक्षकों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान सभी प्रशिक्षणार्थियों व प्रशिक्षकों के ठहरने व खान पान की बेहतरीन व्यवस्था की गई थी। मुख्य प्रशिक्षक मुकेश कुमार ने बाढ़ राहत प्रशिक्षण शिविर की गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षणार्थियों को चलते पानी में मोटर बोट चलाना, चप्पु से नाव चलाना, तैराकी व प्राथमिक उपचार आदि का प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षणार्थी रामकेश, स्वर्ण, संजीव कुमार, शीशपाल ने प्रशिक्षण के दौरान जो प्रशिक्षण लिया उसके बारे में बताया कि इस 5 दिन के बाढ़ राहत शिविर में हमें जो सिखाया गया उसके लिए हम अपने प्रशिक्षकों का कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं क्योंकि कभी उम्मीद नहीं की थी कि ऐसा कुछ सीखने को मिलेगा। हमें यहाँ पर बहुत कुछ सिखाया गया हैं। जैसे अनुशासन में रहना, तैराकी, फस्र्ट ऐड, सीपीआर देना, घरेलू वस्तुओं का प्रयोग करके नाव बनाना, पानी की खाली बोतलों से लाइफ जैकेट बनाना, ओवीएम को चलाना, किस प्रकार आपदा के समय हम लोगों की मदद करते हैं। हमें किस प्रकार से खतरे को भांपकर खतरे के बीच में रहकर कैसे अपने मन और दिमाग को शांत रखना है और फिर हमें सही प्रकार का निर्णय लेना है और निर्णय भी वह लेना है कि हम स्वयं को भी बचा सके और अपने आप को बचाते हुए हम किसी कैजुअल्टी या किसी भी व्यक्ति को बचा सके। इससे पहले हमें कोई इसके बारे में नॉलेज नहीं थी हम फस्र्ट टाइम आए हैं और हमें अच्छे से बताया गया कि हमारी नाव को हम कैसे-कैसे चला सकते हैं, क्या-क्या रिक्वायरमेंट होती है। एक नाव के अंदर हमारे पास तीन चप्पू होने चाहिए। अगर मोटर नहीं चलती है। नाव के अंदर हमें डिब्बा रखना चाहिए जिससे कि अगर नाव कहीं क्षतिग्रस्त हो जाए उसके अंदर पानी आना स्टार्ट हो जाये है तो हम उसको किस तरह निकाल सके। लाइफ जैकेट हमें पहननी आनी चाहिए और कुछ एक्स्ट्रा हमें साथ ले जानी चाहिए ताकि हम किसी को बचाने जा रहे हैं तो उनको पहनाकर हम एक सुरक्षित जगह पर ला सके।
उन्होंने कहा कि हम सभी आश्वासन देते हैं कि आज इस पांच दिवसीय कैंप के बाद आपदा के समय अगर किसी भी जगह हमारी कोई भी आवश्यकता पड़ती है तो हमारे जो गुरु हैं उन्होंने हमें इतना ट्रैंड कर दिया है तथा गहराई से हमें वह ज्ञान दिया है कि हम उनके ज्ञान के माध्यम से किसी भी कैजुअल्टी के समय किसी का कोई नुकसान नहीं होने देंगे। शिविर हमें हमारे गुरुओं द्वारा इतना जो ज्ञान दिया गया है जिसके बलबूते पर हम आज यहां खड़े हैं और हम नि:स्वार्थ और बिना डर के हम बोल सकते है कि हमें चाहे किसी भी जगह पर आप उतार दो तो हम सभी प्रतिभागी आपदा के समय हजारों लोगों की जानें बचा सकते है।
इस अवसर पर जिला राजस्व अधिकारी तरूण सहोता, तहसीलदार सुदेश मेहरा, डीआईपीआरओ डॉ. मनोज कुमार, नायब तहसीलदार दलजीत सिंह, एफसीआर सुपरिटेंडेंट ताराचंद, असिस्टेंट आशुराम, विपिन सैनी, अतिरिक्त मुख्य प्रशिक्षक भगत सिंह, प्रशिक्षक राजपाल, राजमल व रमेश कुमार सोनीपत, राज कुमार पानीपत, गोपाल अम्बाला, ज्ञान प्रकाश व जीत सिंह, राजेश गौड कैथल, शाहजहां पलवल, सुशील कुमार यमुनानगर, संजय राणा करनाल, पटवारी रामफल, मनोज व मन्नान, राजीव हुसैन, सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित थे।