काबुल (सच कहूँ डेस्क)। आज हम 21वीं दुनिया में प्रवेश कर चुके हैं, जहां हमें बताया जाता है कि लड़के, लड़कियां एक समान है लेकिन आज के समय में भी कई ऐसे देश है जहां पर लड़कियों के अधिकारों का शोषण होता है और जिससे पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना रहता है। इस बीच अफगानिस्तान में तालिबान राज में लड़कियों के अधिकारों का खुलेआम हनन हो रहा है। अफगानिस्तान उच्च शिक्षा मंत्रालय और देश के विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थान विश्वविद्यालय की कक्षाएं फिर से शुरू करने पर एक हफ्ते में निर्णय कर सकते हैं। अफगानी मीडिया ने यह जानकारी दी।
संवाद समिति खम्मा प्रेस ने बताया कि तालिबान की ओर से नियुक्त कार्यवाहक उच्च शिक्षा मंत्री अब्दुल बाकी हक्कानी ने कहा है कि इस मामले पर विचार करने के लिए एक सप्ताह से अधिक समय नहीं लगेगा और पाठ्यक्रम में बदलाव पर भी चर्चा की जा रही है। हक्कानी ने कहा कि गैर-आवश्यक विषयों को बदला जाएगा और उनके स्थान पर आधुनिक विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा ताकि अफगानी छात्र तेजी से बदल रही दुनिया और हर क्षेत्र में हो रहे बदलावों के बारे में अपने आपको तैयार कर विश्व के अन्य देशों के छात्रों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकें।
जहां व्यवस्था नहीं वहां ‘बुजुर्ग पुरुष’ ही पढ़ा सकेंगे छात्राओं को
हक्कानी ने यह भी कहा कि पुरुषों और महिलाओं को एक साथ बैठने की अनुमति नहीं होगी और उन्हें अलग अलग वर्गों में बांटा जाएगा। इससे पहले की मीडिया रिपोर्टों में बताया गया था कि तालिबान ने निजी विश्वविद्यालयों में छात्राओं को अबाया और नकाब पहनने और पांच मिनट पहले कक्षा छोड़ने का आदेश दिया ताकि बाहर जाते समय वे रास्ते में पुरूषों से न मिलें। इसके अलावा केवल महिलाओं को ही छात्राओं को पढ़ाने की अनुमति होगी और अगर किसी कारणवश इसकी व्यवस्था नहीं की जा सकती है तो ऐसे संस्थानों में अच्छी प्रतिष्ठा वाले ‘बुजुर्ग पुरुष’ को ही छात्राओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
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