Doctors’ Day: क्यों कहा जाता है डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप?

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Doctors' Day: क्यों कहा जाता है डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप?

पिहोवा (सच कहूँ न्यूज़)। Doctors’ Day: भगवान के बाद अगर कोई है जो किसी की जान बचा सकता है, तो वो हैं डॉक्टर। इसी समर्पण और सेवा भावना को सम्मान देने के लिए हर साल 1 जुलाई को भारत में ‘राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस’ (National Doctor’s Day) मनाया जाता है। यह दिन देश के महान चिकित्सक, स्वतंत्रता सेनानी और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. बिधान चंद्र रॉय की स्मृति में मनाया जाता है, जिनका जन्म और निधन दोनों ही 1

जुलाई को हुआ था (1882–1962)। उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र में जो योगदान दिया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। 1991 में भारत सरकार ने उनके सम्मान में इस दिन को डॉक्टर दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। यह दिन डॉक्टरों की निस्वार्थ सेवा, मानवीय संवेदना और समाज में उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त करने का एक अवसर है।

सेवा भाव से ओत-प्रोत हैं पिहोवा के डॉक्टर अवनीत सिंह वड़ैच | Doctors’ Day

आज हम बात कर रहे हैं ऐसे ही एक डॉक्टर की, जिन्होंने अपने पेशे को केवल व्यवसाय न बनाकर जनसेवा का माध्यम भी बनाया है। डॉ. अवनीत सिंह वड़ैच, एक होम्योपैथिक विशेषज्ञ हैं, जिनका क्लीनिक कुरुक्षेत्र रोड, पिहोवा में स्थित है। अपने माता-पिता के संस्कारों और धार्मिक विचारों से प्रेरित होकर, डॉ. वड़ैच मरीजों के साथ प्रेम और समर्पण से पेश आते हैं। वे न केवल असमर्थ लोगों को निःशुल्क परामर्श और दवाइयां प्रदान करते हैं, बल्कि समय-समय पर बड़े पैमाने पर फ्री मेडिकल जांच शिविर भी आयोजित करते रहते हैं। अब तक वे 50 से अधिक निःशुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन कर चुके हैं, जिनमें हजारों लोगों ने लाभ उठाया है।

इन शिविरों में देश के प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थानों से विशेषज्ञ डॉक्टर और सर्जन शामिल होते हैं, और अपनी सेवायें देते हैं l मरीजों को कोई भी शुल्क नहीं देना पड़ता। सभी खर्च स्वयं डॉ. वड़ैच द्वारा वाहन किया जाता है।

डॉ. वड़ैच का कहना है | Doctors’ Day

“अगर मैं किसी एक व्यक्ति की जान भी बचा सका, तो मेरा जीवन सफल हो जाएगा।”
इसीलिए तो कहा जाता है कि — “डॉक्टर भी भगवान का दूसरा रूप होता है।
डॉ. विकास — समर्पण, सेवा और विशेषज्ञता का प्रतीक

हड्डी रोग विशेषज्ञ, बालाजी हॉस्पिटल व ट्रामा सेंटर, पिहोवा | Doctors’ Day

डॉ. विकास एक अनुभवी हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं, जो पिहोवा स्थित बालाजी हॉस्पिटल व ट्रामा सेंटर के माध्यम से कई वर्षों से मरीजों की सेवा कर रहे हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में उनका अनुभव, निष्ठा और मानवीय दृष्टिकोण उन्हें एक आदर्श चिकित्सक बनाता है। डॉ. विकास का दृष्टिकोण केवल रोगों के इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि वे हर मरीज के जीवन में आशा, आत्मविश्वास और नया उत्साह भरने में विश्वास रखते हैं। वे हर वर्ग के मरीजों को समान समर्पण से देखते हैं, विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को निशुल्क परामर्श और इलाज देना उनकी मानवीय सेवा भावना का प्रतीक है।

उनकी सेवाएं केवल एक डॉक्टर तक सीमित नहीं हैं — वे एक सामाजिक सेवक, मार्गदर्शक और भरोसेमंद सलाहकार भी हैं। मरीजों से उनकी आत्मीयता और व्यवहार कुशलता उन्हें हर किसी का प्रिय बनाती है।

डॉ. रामपाल मान: सेवा, सरलता और संवेदना का प्रतीक | Doctors’ Day

पेशे से त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. रामपाल मान, न केवल चिकित्सा क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाने जाते हैं, बल्कि अपने धार्मिक, संवेदनशील और सेवा-भावना से भरपूर व्यक्तित्व के लिए भी लोगों के दिलों में विशेष स्थान रखते हैं।

डॉ. मान कैथल स्थित Dr. Maan Wellness Clinics (Near Secretariat, Dist. Court, Opp. HUDA Sector-19) में स्वयं नियमित रूप से सेवाएं दे रहे हैं। इसके साथ ही, उनका एक और क्लीनिक पिहोवा में भी स्थित है, जो कैथल रोड, पुरानी LIC बिल्डिंग के पास है।

 

डॉ. अमित अरोड़ा, सरस्वती मिशन हॉस्पिटल, पिहोवा

डॉ. अमित अरोड़ा पिछले 23 वर्षों से सरस्वती मिशन हॉस्पिटल में अपनी अमूल्य सेवाएँ दे रहे हैं। वे अपने कार्य के प्रति अत्यंत ईमानदार और निष्ठावान हैं। सरलता और सौम्यता उनके व्यक्तित्व की पहचान है।

हर मरीज के प्रति उनका व्यवहार स्नेहपूर्ण, सहानुभूतिपूर्ण और बिना किसी भेदभाव के होता है। चाहे कोई भी परिस्थिति हो, डॉ. अरोड़ा हर मरीज का इलाज एक जैसे मानवीय भाव से करते हैं।

उनका योगदान न केवल चिकित्सा क्षेत्र में अनुकरणीय है, बल्कि एक आदर्श मानव के रूप में भी समाज के लिए प्रेरणा देने वाला है। ज़रूरतमंद एवं आर्थिक रूप से असमर्थ मरीजों का निःशुल्क इलाज एवं परामर्श भी प्रदान करता हैं। उनकी यह सेवा भावना और मानवता के प्रति समर्पण उन्हें न केवल चिकित्सकीय क्षेत्र में, बल्कि सामाजिक जीवन में भी एक प्रेरणास्रोत बनाती हैं।

डॉ. विभा चुघ: सेवा को समर्पित महिला रोग विशेषज्ञ

डॉ. विभा चुघ, सरस्वती मिशन हॉस्पिटल में महिला रोग विशेषज्ञ के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं। उन्होंने बताया कि सरस्वती मिशन हॉस्पिटल की स्थापना वर्ष 1986 में की गई थी, और वे 1990 से निरंतर यहां कार्यरत हैं। डॉ. चुघ का मानना है कि डॉक्टर होना केवल एक पेशा नहीं, बल्कि एक सेवा है। उन्होंने कहा, “मरीज की मुस्कान ही हमारी सबसे बड़ी कमाई है।”

उन्होंने बताया कि समय-समय पर अस्पताल में नि:शुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित किया जाता हैं, जिनमें ज़रूरतमंद मरीजों को मुफ्त परामर्श, जांच और उपचार की सुविधा दी जाती है। डॉ. चुघ का यह समर्पण समाज सेवा के प्रति उनके गहरे जुड़ाव को दर्शाता है।

 डॉ. रवि गर्ग: बच्चों के लिए समर्पित एक नाम, एक विश्वास

जब बात बच्चों के स्वास्थ्य और खुशहाली की होती है, तो एक नाम पूरे विश्वास के साथ लिया जाता है — डॉ. रवि गर्ग, जो न केवल एक कुशल बाल रोग विशेषज्ञ हैं, बल्कि अपने पेशे के प्रति पूरी निष्ठा, ईमानदारी और समर्पण से सेवा देने वाले डॉक्टर भी हैं।

उनका मानना है कि “हर बच्चा अनमोल है और स्वस्थ बचपन ही उज्ज्वल भविष्य की नींव रखता है।” यही सोच उन्हें हर दिन प्रेरित करती है।

उनके मरीजों के अभिभावक बताते हैं कि डॉ. गर्ग सिर्फ दवाइयाँ ही नहीं देते, बल्कि बच्चों और उनके माता-पिता को मानसिक रूप से भी मज़बूत करते हैं। वह हर बच्चे की बीमारी को समझने और उसका सही समाधान ढूँढ़ने में कोई कसर नहीं छोड़ते। चाहे मामला एक सामान्य सर्दी-खांसी का हो या जटिल बाल रोगों का, डॉ. गर्ग हर परिस्थिति में धैर्य और सटीकता से काम लेते हैं।

डॉ. जसबीर सिंह: सेवा और समर्पण के प्रतीक दंत चिकित्सक

डॉ. जसबीर सिंह एक अनुभवी और कुशल दंत रोग विशेषज्ञ हैं, जो अपने पेशे के प्रति गहरी निष्ठा और संवेदनशीलता के लिए जाने जाते हैं। वे न केवल दांतों की बीमारियों की सटीक जाँच करते हैं, बल्कि अत्यंत दक्षता और सहानुभूति के साथ अपने मरीजों का उपचार भी करते हैं।

उनका स्वयं का एक प्रतिष्ठित दंत अस्पताल — “शहीद उधम सिंह डेंटल हॉस्पिटल” — सिंचाई विभाग के बिल्कुल पास और सिंगला हॉस्पिटल (बच्चों का अस्पताल) के नजदीक स्थित है। इस अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं, जहाँ रोगियों को गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान की जाती है।

डॉ. जसबीर सिंह का मानवीय दृष्टिकोण भी उन्हें विशिष्ट बनाता है। उन्होंने स्वयं बताया कि कई बार उनके पास ऐसे जरूरतमंद मरीज आ जाते हैं, जो आर्थिक रूप से असमर्थ होते हैं। ऐसे मामलों में वे निःस्वार्थ भाव से न केवल निशुल्क उपचार करते हैं, बल्कि मरीजों से दवाइयों आदि का भी कोई शुल्क नहीं लेते। उनका यह सेवा भाव समाज में एक मिसाल है। डॉ. जसबीर सिंह का उद्देश्य केवल रोगों का उपचार करना नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को मुस्कान लौटाना है — चाहे वह समर्थ हो या असमर्थ।

डॉ. जसकर्ण सिंह विर्क झब्बर — सेवा, सरलता और समर्पण का प्रतीक

डॉ. जसकर्ण सिंह विर्क झब्बर एक प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ (Orthopedic Surgeon) हैं, जो अपने क्षेत्र में वर्षों का अनुभव रखते हैं। पिहोवा, कुरुक्षेत्र रोड पर स्थित डॉ. जे.एस. विर्क मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के संस्थापक और प्रमुख चिकित्सक के रूप में वे स्वयं मरीजों की सेवा करते हैं।

डॉ. विर्क ने देश के कई प्रतिष्ठित और नामी अस्पतालों में भी अपनी सेवाएं दी हैं, लेकिन उनका सपना था कि वे अपनी जन्मभूमि में एक ऐसा अस्पताल स्थापित करें जहाँ हर वर्ग का मरीज सम्मान और करुणा के साथ इलाज पाए। यही सपना आज “डॉ. जे.एस. विर्क मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल” के रूप में साकार हो चुका है। डॉ. विर्क न केवल एक कुशल चिकित्सक हैं, बल्कि वे एक धार्मिक, सहज और सेवाभावी व्यक्तित्व के धनी हैं। उनका मानना है:

“जो भी मरीज हमारे पास आता है, वह पहले से ही दुखी और पीड़ित होता है। अगर हम उससे अपने परिवार के सदस्य की तरह व्यवहार करें, तो उसका आधा दुख वैसे ही दूर हो जाता है।”

वे हर मरीज को पूरा सम्मान और सत्कार देते हैं, और इलाज में अपना सत प्रतिशत योगदान सुनिश्चित करते हैं। उनके अनुसार, मरीज चाहे किसी भी सामाजिक या आर्थिक स्थिति से हो, उसे सबसे पहले प्यार, इज्जत और सच्ची देखभाल की जरूरत होती है।

डॉ. जेएस विर्क ने कई गरीब और असहाय मरीजों का निशुल्क इलाज कर मानवता की मिसाल कायम की है। ऐसे मरीज जो इलाज का खर्च नहीं उठा सकते, उन्हें भी राहत दी जाती है। उनके लिए चिकित्सा सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि एक सेवा धर्म है। Doctors’ Day

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