India News: नई दिल्ली। भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ढांचे पर किए गए प्रभावी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद, केंद्र सरकार रक्षा क्षेत्र को और सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने सरकार के समक्ष रक्षा बजट में 50,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि का प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में मंजूरी मिल सकती है। Defence Budget News
सरकारी सूत्रों के अनुसार, वर्ष के अंत में पूरक बजट के माध्यम से यह अतिरिक्त आवंटन संभव है, जिससे देश का कुल रक्षा खर्च पहली बार 7 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच सकता है। गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 1 फरवरी को प्रस्तुत केंद्रीय बजट में पहले से ही 6.81 लाख करोड़ रुपये रक्षा के लिए निर्धारित किए जा चुके हैं, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 9.2 प्रतिशत अधिक है।
सैन्य आधुनिकीकरण को मिलेगी रफ्तार
सूत्रों के अनुसार, प्रस्तावित अतिरिक्त बजट को अनुसंधान एवं विकास, उन्नत हथियार प्रणालियों की खरीद, गोला-बारूद के भंडारण, तथा अत्याधुनिक सैन्य हार्डवेयर के अधिग्रहण जैसे क्षेत्रों में निवेश किया जाएगा। यह बढ़ोतरी देश की रक्षा क्षमताओं के विस्तार और सुरक्षा रणनीति को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014-15 में रक्षा बजट 2.29 लाख करोड़ रुपये था, जो वर्तमान में तीन गुना से अधिक हो चुका है। आज रक्षा मंत्रालय को राष्ट्रीय बजट का 13 प्रतिशत हिस्सा प्राप्त होता है, जो कि सभी मंत्रालयों में सर्वाधिक है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ से मिली प्रेरणा
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने तेज और सटीक जवाब देते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया। इस अभियान में पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिससे भारत की सैन्य क्षमता और रणनीतिक दृढ़ता का स्पष्ट प्रदर्शन हुआ। इस ऑपरेशन के दौरान आकाश एयर डिफेंस सिस्टम जैसे स्वदेशी हथियारों का प्रभावशाली उपयोग देखने को मिला, जिसे कई बार इज़रायल के ‘आयरन डोम’ के समकक्ष बताया गया है। इसके अतिरिक्त, भारत ने हाल ही में ‘भार्गवस्त्र’ नामक ड्रोन रोधी प्रणाली का भी सफल परीक्षण किया है। यह प्रणाली माइक्रो-रॉकेट्स के माध्यम से शत्रु ड्रोनों को निष्क्रिय करने में सक्षम है और इसका परीक्षण ओडिशा के गोपालपुर फायरिंग रेंज में किया गया। Defence Budget News
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