सदा ईमानदार रहें

Child Mutual Fund |

ईमानदारी एक बहुत ही महत्वपूर्ण गुण है और बचपन से ही बच्चों को इसकी आदत डालनी चाहिए। माता-पिता होने के नाते, आप अपने बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। आपके कार्यों और शब्दों का उन पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है, चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक। हर समय ईमानदार रहें, विशेष रूप से बच्चों की उपस्थिति में। उन्हें हर परिस्थिति में सच बोलने जैसी अच्छी आदतें के लिए प्रेरित करें।

‘प्लीज’ और ‘थैंक यू’ कहना सिखाएं

यह एक आम शिष्टाचार है जो बच्चों को सबसे पहले सिखाना चाहिए। बच्चों को उनके बचपन से ही ‘प्लीज’ और ‘थैंक यू’ कहने का महत्व बताएं। उन्हें बताएं कि जब हम किसी से कुछ पूछते या विनती करते हैं, उस वक्त प्लीज कहना चाहिए और किसी की मदद लेने पर या कोई भी चीज लेते समय थैंक यू कहना चाहिए। इससे बच्चों में यह अच्छी आदतें बन जाएगी।

कुछ भी लेने से पहले बच्चों को पूछना सिखाएं

बच्चों को अच्छी आदतें सिखाएं कि वे हमेशा किसी की कोई भी चीज लेने से पहले उनसे पूछ लें, क्योंकि वह किसी और की चीज है। चाहे वह चीज उसके दोस्त, रिश्तेदार या माता-पिता का ही क्यों न हो, लेने से पहले पूछना जरूरी है। अपने बच्चे को यह भी सिखाएं कि उसने जो चीज ली है, उसे ‘थैंक यू’ कहते हुए वापस करे।

अंदर जाने से पहले अनुमति लेना सिखाएं

बच्चों को विशेषकर घर में प्राइवेसी के मायने सीखना चाहिए। उन्हें पता होना चाहिए कि किसी के कमरे में जाने से पहले सम्मान से दरवाजा खटखटाकर अंदर आने के लिए पूछना जरूरी है। यदि आपका बच्चा यह सब चीजें आपके सामने करेगा तो उसे जैसी अच्छी आदतें बनाने में मदद मिल सकती है।

खांसते या छींकते समय बच्चों को मुंह ढकना सिखाएं

बच्चों को सिखाएं कि उन्हें जब भी खांसी या छींक आती है तो उन्हें अपना मुंह ढकना चाहिए और एक्सक्यूज मी या सॉरी भी कहना चाहिए। यह भी अच्छी आदतें है कि उन्हें बात करने से पहले ‘एक्सक्यूज मी’ बोलना आना चाहिए।

हाथ धुलना

छोटे बच्चों को भोजन से पहले और बाद में हाथ धोना सिखाया जाने वाला सबसे आम शिष्टाचार व अच्छी आदत है। उन्हें बताएं कि हाथ धोने से आम बीमारियां जैसे फ्लू, सर्दी और अन्य संक्रमण से बचा जा सकता है। आपको उन्हें निम्नलिखित अच्छी आदतें/बुनियादी नियम सिखाने चाहिए।

नाखूनों को छोटा रखना

बच्चे अक्सर अपनी उंगलियों को अपने मुंह में डालते हैं, इसलिए नाखूनों को साफ और गंदगी से मुक्त रखना जरूरी है। जैसे-जैसे बच्चे बढ़ते हैं, आप उन्हें अपने नाखूनों को छोटा और साफ रखने की जरूरत के बारे में बता सकते हैं। उन्हें समझाएं कि गंदे नाखूनों के कारण खुजाने से मुंह के जरिए शरीर में कीटाणु प्रवेश कर सकते हैं और वह उन्हें बीमार कर सकते हैं। जैसे ही आपका बच्चा स्कूल जाना शुरू करता है, आपको अच्छे स्वास्थ्य और अच्छी आदतें के मूल्य के बारे में उन्हें बताना शुरू करना होगा।

समय पर सोना

शिशु के साथ-साथ बढ़ते हुए बच्चे के लिए नींद बहुत महत्वपूर्ण है। आपको अपने बच्चों में बचपन से ही ‘जल्दी सोने और जल्दी उठने’ की आदत डालनी चाहिए। स्कूल जाने वाले बच्चों को हर दिन सक्रिय और ऊजार्वान रहने की आवश्यकता होती है। जिसके लिए उन्हें पर्याप्त नींद की जरूरत होती है। नींद शरीर को दिन के दौरान खोई हुई सभी ऊर्जा को पुन:प्राप्त करने में मदद करती है। जल्दी सोने से आपके बच्चों को पर्याप्त आराम मिलेगा, जिससे बच्चे अगले दिन तरोताजा और स्फूर्तिमान महसूस करेंगे।

बच्चों को अपना काम खुद करना सिखाएं

बच्चे खाते समय गंदगी कर सकते हैं या अपने कपड़ों को इधर-उधर डाल सकते हैं या उपयोग के बाद अपने टॉयज को ठीक से नहीं रखते हैं। बच्चे में साफ-सफाई रखने की आदत डालने के लिए उसे खाने के बाद सिंक पर अपनी प्लेट धोना सिखाएं। उससे कहें कि वह घर के काम करने में मदद करे। बच्चा समय रहते अच्छी आदतें/अपने आप ही साफ-सफाई रखना सीख जाएगा।

दिन में दो बार ब्रश करना

मुंह की स्वच्छता बहुत महत्वपूर्ण है और बचपन से ही अच्छी देखभाल करने की आवश्यकता होती है। बचपन से सीखी अच्छी आदतें लंबे समय तक बनी रहेंगी। अक्सर बच्चे अपने दांतों को ब्रश करने में आलस करते हैं, लेकिन इस नियमित कार्य को मामूली नहीं मानना चाहिए। बच्चे को दिन में कम से कम दो बार ब्रश करना सिखाएं।