जाखल (सच कहूँ/तरसेम सिंह)। Jakhal News: अगर आपके घर में किसी व्यक्ति या आसपास किसी व्यक्ति को 2 हफ्ते पुरानी खांसी है या उसके खून में बलगम आती है या भूख कम लगती है तो यह टीबी रोग हो सकता है। अब आशा वर्कर घर-घर जाकर डाटा कलेक्ट करेंगी। अगर टीबी का कोई संदिग्ध रोगी हुआ तो उसका मुफ्त इलाज सिविल अस्पताल की तरफ से किया जाएगा। यह जानकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाखल के प्रभारी एसएमओ डॉ. राजेश क्रांति, ब्लॉक आशा कोऑर्डिनेटर अमित शर्मा ने दी। Jakhal News
उन्होंने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाखल में शुक्रवार को जाखल मंडी की सभी आशा वर्कों की मीटिंग हुई। जिसमें आशा वर्करों को शहरी व ग्रामीण महिलाओं से एक सहेली की तरह व्यवहार कर आभा आईडी बनाने, टीबी मरीजों के सैंपल एकत्रित करने, एएनसी चेकअप करवाने, संस्था का डिलीवरी करवाने, टीकाकरण पूरा करवाने तथा मलेरिया व डेंगू का सर्वे कर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर तरीके से लोगों तक पहुंचाने के दिशा निर्देश दिए।
डॉ. राजेश क्रांति ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीबी के मरीजों को पहचानने के लिए डोर टू डोर मुहिम शुरू की गई है। आशा वर्कर लोगों के घर-घर जाकर मरीजों के सेंपल लेंगी और मौके पर ही टेस्टिंग करेंगी।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से 2025 तक टीबी मुक्त देश बनाना है। इसमें यह कार्यक्रम अहम रोल अदा करेगा। ब्लॉक आशा कोऑर्डिनेटर अमित शर्मा ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को 2 हफ्ते से अधिक खांसी होती है और शाम को हल्का हल्का बुखार होता है, भूख कम लगती हो, थूक में खून आता हो तो यह लक्षण है टीबी के हो सकते हैं। इसके इलाज का 6 से 8 महीने का कोर्स होता है। उन्होंने लोगों से अपील कि है कि इस मुहिम के दौरान घर घर जाने वाली आशा वर्करों का पूरा सहयोग किया जाए। इस मौके पर सीएचसी के अंतर्गत आने वाली सभी आशा वर्कर और एएनएम मौजूद रही। Jakhal News
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