Attack on Nuclear Center: ईरान-इज़रायल संघर्ष के बीच परमाणु केंद्रों पर हमलों को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने दे डाली ये बड़ी चेतावनी! दुनिया डरी

Iran Missile Attack
Attack on Nuclear Center: ईरान-इज़रायल संघर्ष के बीच परमाणु केंद्रों पर हमलों को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने दे डाली ये बड़ी चेतावनी! दुनिया डरी

Attack on Nuclear Center: संयुक्त राष्ट्र। ईरान द्वारा अपनी परमाणु सुविधाओं और शीर्ष नेताओं पर हुए हमलों का बदला लेते हुए इज़रायल पर मिसाइलें दागी गईं, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता गहराती जा रही है। इस पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक बुलाई गई, जिसमें अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने गंभीर परिणामों की चेतावनी दी। आईएईए के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने कहा, “परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को खतरे में डालने वाली कोई भी सैन्य कार्रवाई न केवल ईरान, बल्कि पूरे क्षेत्र और वैश्विक स्तर पर विनाशकारी परिणाम ला सकती है।” Iran Missile Attack

सुरक्षा परिषद में प्रस्तुत आईएईए के बयान के अनुसार, परमाणु सुविधाओं पर हमला करना संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन माना जाएगा। संयुक्त राष्ट्र की अंडर सेक्रेटरी जनरल रोजमेरी डिकार्लो ने कहा कि ऐसे टकराव से हर हाल में बचा जाना चाहिए, क्योंकि इसके वैश्विक असर घातक हो सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में ओमान में अमेरिका और ईरान के बीच कूटनीतिक वार्ता पुनः प्रारंभ होने वाली थी, लेकिन इज़रायल के हमलों के चलते ईरान ने वार्ता से खुद को अलग कर लिया है। डिकार्लो के अनुसार, “समस्या का शांतिपूर्ण समाधान ही सबसे उचित मार्ग है।”

“हम संघर्ष नहीं, शांति चाहते हैं”

अमेरिका के विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मैककॉय पिट ने कहा कि अमेरिका अभी भी बातचीत को तैयार है। उन्होंने दोहराया, “हम संघर्ष नहीं, शांति चाहते हैं। अमेरिका ईरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोकने और मध्य पूर्व में स्थिरता बनाए रखने के लिए राजनयिक प्रयास जारी रखेगा।” उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अमेरिका इज़रायल के हालिया हमले में शामिल नहीं था, लेकिन इस हमले की पूर्व जानकारी उसे थी। दूसरी ओर, ईरान के स्थायी प्रतिनिधि अमीर सईद इरावानी ने इज़रायल पर कूटनीति को विफल करने और पूरे क्षेत्र को युद्ध की ओर धकेलने का आरोप लगाया। उन्होंने अमेरिका पर भी इस हमले में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित होने का संदेह जताया।

इज़रायल के स्थायी प्रतिनिधि डैनी डैनन ने अपने देश की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि यह एक रक्षात्मक कदम था और सिर्फ ईरान की सैन्य एवं परमाणु क्षमता को लक्षित किया गया था। उनके अनुसार, यह कार्रवाई इज़रायल की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक थी। Iran Missile Attack

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