BCCI News: मुंबई (एजेंसी)। क्रिकेट में मध्यक्रम से लेकर भारत के सबसे बेहतरीन टेस्ट ओपनर तक रोहित शर्मा का लाल गेंद का सफर शानदार रहा। उन्होंने क्रिकेट के तीनों प्रारूप में टीम का नेतृत्व कर अपनी क्षमता का लौहा मनवाया। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने रोहित शर्मा को ‘शानदार और प्रेरणादायक’ टेस्ट करियर के लिए हार्दिक बधाई दी। जबकि वह अंतरराष्ट्रीय खेल में सबसे लंबे और सबसे छोटे प्रारूपों से संन्यास ले चुके हैं, लेकिन वह एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारतीय क्रिकेट की सेवा करना जारी रखेंगे।
रोहित टेस्ट और टी-20 क्रिकेट से संन्यास ले चुके है। रोहित ने न केवल 4,301 टेस्ट रन, बल्कि एक ऐसी विरासत तय की जिसने देर से सफल होने के बावजूद और बड़ी सफलता का मतलब फिर से परिभाषित किया। रोहित ने 2013 में पर्दापण करने के बाद टेस्ट टीम में कई साल बिताए। वह इस धारणा से जूझते हुए कि वह केवल सफेद गेंद के विशेषज्ञ हैं। यह 2019 में निर्णायक रूप से बदल गया, जब उन्हें शीर्ष क्रम में पदोन्नत किया गया। इसके बाद जो हुआ वह एक शानदार दौर था जिसमें घरेलू मैदान पर शतक, इंग्लैंड में मास्टरक्लास और आॅस्ट्रेलिया में दमदार प्रदर्शन शामिल थे। रोहित ने 67 टेस्ट मैचों में 40.57 की औसत से 4,301 रन बनाए, इसमें 12 शतक और करियर की 212 रनों की सर्वश्रेष्ठ पारी शामिल हैं।
रोहित ने भारतीय टेस्ट टीम के 35वें कप्तान के रूप में 24 मैचों में भारत का नेतृत्व किया। उनकी अगुवाई में भारत की लाल गेंद वाली टीम ने विश्वास, गहराई और अनुशासन की नई भावना के साथ ऊंचाईयों को छूआ। बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने कहा, ‘भारतीय क्रिकेट पर रोहित शर्मा का प्रभाव रिकॉर्ड और आंकड़ों से कहीं बढ़कर है। रोहित ने टीम को एकजुट और विश्वास की भावना के साथ आगे बढाया। एक खिलाड़ी और एक कप्तान के तौर पर उसने दबाव में शांत रहने और टीम की जरूरतों को लगातार अपनी जरूरतों से ऊपर रखने की उनकी क्षमता ने उन्हें वास्तव में एक महान एवं विशेष खिलाड़ी और कुशल नेतृत्व के लायक बनाया।
बीसीसीआई के मानद सचिव देवजीत सैकिया ने कहा, ‘रोहित शर्मा भारत की टेस्ट यात्रा में एक महान व्यक्ति रहे हैं एक कप्तान जिसने टीम को हर चीज से ऊपर रखा और एक खिलाड़ी जिसने अनुशासन, विनम्रता और उत्कृष्टता के मूल्यों को मूर्त रूप दिया। उनका स्थान भारतीय क्रिकेट के इतिहास में स्थायी रूप से अंकित है। उन्होंने कहा कि रोहित शर्मा ने बुधवार को टेस्ट मैच से संन्यास ले लिया। वह एक ऐसा खिलाडी है जिसने रूढ़ियों को चुनौती दी, बदलाव को अपनाया और एक मिशाल के तौर पर भारतीय क्रिकेट टीम का नेतृत्व किया। भारतीय क्रिकेट और उसके प्रशंसक उन्हें न केवल उनके शॉट्स और शतकों के लिए याद रखेंगे, बल्कि उनके स्वभाव और चरित्र के लिए भी याद रखेंगे जो उन्होंने उस समय दिखाया जब इसकी टीम को सबसे अधिक आवश्यकता थी।