Bhatner Horse Fair Begins: भटनेर अश्व मेला शुरू, आकर्षण का केन्द्र रहेंगे मारवाड़ी-नुकरा नस्ल के अश्व

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Bhatner Horse Fair Begins: भटनेर अश्व मेला शुरू, आकर्षण का केन्द्र रहेंगे मारवाड़ी-नुकरा नस्ल के अश्व

14 से 17 दिसम्बर तक होंगी प्रतियोगिताएं

Bhatner Horse Fair Begins: हनुमानगढ़। जिला अश्व पालक समिति की ओर से जिला मुख्यालय पर बाइपास स्थित पशु मेला ग्राउंड में आयोजित किए जा रहे 20वें भटनेर अश्व मेले का गुरुवार को विधिवत रूप से झंडारोहण के साथ आगाज हुआ। 17 दिसम्बर तक चलने वाले अश्व मेले में राजस्थान के साथ पंजाब, हरियाणा सहित अन्य राज्यों से अश्व पालक अपने-अपने अश्वों के साथ पहुंचना शुरू हो गए हैं। मेले में 14 से 17 दिसम्बर तक प्रतियोगिताएं होंगी। हर साल लगने वाले सात दिवसीय मेले में मारवाड़ी व नुकरा नस्ल के अश्व आकर्षण का केन्द्र रहते हैं। Hanumangarh News

समिति सचिव सत्यदेव सुथार ने बताया कि इससे पहले समिति की ओर से 17 मेले हर साल 15 फरवरी से 21 फरवरी तक लगाए गए थे। गर्मी अधिक होने व फसल का सीजन आदि होने के कारण अश्व मेले के आयोजन की तारीख में बदलाव किया गया। अब लगातार तीसरी बार दिसम्बर माह में मेला आयोजित किया जा रहा है। लगातार 17 दिसम्बर तक अश्वों की बिक्री होगी। उत्तर प्रदेश व बिहार सहित अन्य जगहों से व्यापारी छोटे-बड़े जानवरों की खरीद करने पहुंचेंगे। 14 दिसम्बर को अश्वों की छोटी व बड़ी चाल की प्रतियोगिताएं होंगी। 15 दिसम्बर अदंत बच्छेरा-बच्छेरी मारवाड़ी व नुकरा की प्रतियोगिताएं होंगी। 16 दिसम्बर को दो दांत बच्छेरा-बच्छेरी मारवाड़ी व नुकरा की प्रतियोगिताएं होंगी। अंतिम दिन 17 दिसम्बर को आस्ट्रेलियन मारवाड़ी व नुकरा की प्रतियोगिताएं होंगी।

प्रतियोगिताओं में अव्वल रहने वाले अश्व पालकों को सम्मानित किया जाएगा

प्रतियोगिताओं में अव्वल रहने वाले अश्व पालकों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेला आयोजन के पीछे का मकसद वर्तमान युवा पीढ़ी को नशे की तरफ जाने से रोकना है। पशुपालन कृषि के साथ जुड़ा हुआ साइड बिजनेस है। अश्व शक्ति का प्रतीक है। अगर कोई युवा इस क्षेत्र में आ जाता है तो वह नशे सहित अन्य बुराइयों से दूर हो जाता है। उसके घर में आर्थिक लाभ भी होता है।

समिति पदाधिकारियों ने बताया कि अब तक 45 से 50 स्टोरी बुक हो चुकी है। रहने के लिए स्टोरी का साधारण रेट तय किया गया है ताकि छोटे से छोटा अश्व पालक भी मेले में आ सके। इसके अलावा पानी, लाइट, चिकित्सा आदि की व्यवस्था समिति की ओर से मेला स्थल पर की गई है। उन्होंने कहा कि अश्व पालन शौक के साथ अच्छा बिजनेस का जरिया भी है। इससे व्यक्ति मिट्टी से जुड़ा रहता है। अश्व पालन से युवा पीढ़ी अन्य गलत रास्तों की तरफ आकर्षित नहीं होती। वे खेती-बाड़ी के साथ यह बिजनेस कर सकते हैं। Hanumangarh News