रत्ताखेड़ा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की ऑडिट में बड़ा गड़बड़झाला! स्कूल प्रिंसीपल को नोटिस जारी!

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रत्ताखेड़ा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की ऑडिट में बड़ा गड़बड़झाला! स्कूल प्रिंसीपल को नोटिस जारी! सांकेतिक फोटो

बच्चों के राशन, टीचर लर्निंग मेटीरियल, निर्माण कार्य, मेडिकल दवाओं में गड़बड़ी

सरसा (सच कहूँ न्यूज)। जिले में बने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की ऑडिट का कार्य किया जा रहा है। ऑडिट में छह स्कूलों के बिलों की जांच की गई। इस दौरान डबवाली उपमंडल में स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय रत्ताखेड़ा में बड़े स्तर पर अनियमित्ताएं पाई गई है। इतना ही नहीं, ऑडिट टीम ने स्कूल प्रबंधन पर वित्तिय नियमों के अवहेलना करने के साथ साथ भ्रष्टाचार का शक जताया था। ऐसे में जिला समन्यवय अ?धिकारी द्वारा स्कूल प्रिंसीपल को नोटिस जारी किया गया है।

इतना ही नहीं, इस संबंध में अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय को भी अवगत करवाया गया है, ताकि इस मामले में आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा सके। वहीं स्कूल प्रिंसीपल को 6 मई तक 18 बिंदुओं पर दस्तावेज व जवाब देने का नोटिस जारी किया गया है। स्कूल प्रिंसीपल द्वारा भेजे गए दस्तावेजों व जवाब से ऑडिट अ?धिकारी संतुष्ट नहीं होते है तो स्कूल प्रिंसीपल पर कार्रवाई होना सुनि?श्चित है।

हैरानी की बात है कि बच्चों के राशन, टीचर लनिंग मेटीरियल, निर्माण कार्य, मेडिकल दवाओं तक में गड़बड़ी मिली है। जिस स्तर की रिपोर्ट ऑडिट विभाग ने बनाई है। उससे स्कूल प्रिंसीपल पर कार्रवाई होना सुनिश्चित नजर आ रहा है। बता दें कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में रिटायर्ड शिक्षकों को नियुक्ति दी जाती है। रत्ताखेड़ा केजीबीवी में भी प्रिंसीपल सहित अन्य स्टाफ रिटायर्ड शिक्षक नियुक्त है।  Sirsa News

टीचर लनिंग मेटीरियल छात्राओं को नहीं मिला पूरा | Sirsa News

बच्चों के टीएलएम यानी टीचर लर्निंग मैटीरियल की खरीद की गई है। टीएलएम वितरण का बिलों के अनुसार कोई रिकॉर्ड स्कूल प्रबंधन ने उपलब्ध नहीं करवाया है। जो भेजे है उस पर इंचार्ज के हस्ताक्षर नहीं है। बार-बार मांग करने के बाद कोई दस्तावेज एक छात्रा को दिए जाने वाले टीएलएम सामान का नहीं दिया गया है।

ऑडिट अ?धिकारी ने लिखा कि ऐसा प्रतीत होता है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा टीएलएम का पूरा सामान छात्राओं को नहीं दिया गया है। इतना ही नहीं, राशन के बिलों पर भी दुकानदार के हस्ताक्षर नहीं है। रा?शन को लेकर कोई डिमांड भी नहीं दी भेजी गई है और राशन की रा?शि का भुगतान किया जा चुका है। हैरानी की फोटो स्टेट को लेकर जो काटेशनें लगाई गई है। वह वि??त्तिय नियमों की अवहेलना है।

  • ऑडिट अधिकारियों को यह मिली गड़बड़ी
  • ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया कि स्कूल प्रबंधन ने बिना जिला मुख्यालय से अनुमति और मांग भेजे। अपने स्तर पर तीन बैंटरी खरीदी है। इसके साथ ही कुछ अन्य सामान के बिल भेज दिए। जिनको खरीदने का अ?धिकारी क्षेत्र उनके पास नहीं था।
  • बिल अलमारी की रिपेयरिंग से लेकर साउंड सिस्टम खरीदने को लेकर कोई अनुमति नहीं ली गई। न ही कोई डिमांड भेजी गई है। जबकि इसके लिए जिला परियोजना समन्वयक अ?धिकारी से अनुमति लेना जरूरी था।
  • बार बार करवाई कूलरों की मरम्मत और ऑडिट के पास भेज दिए बिल। कब कब कूलर रिपेयर हुए नहीं दी जानकारी।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि स्कूल प्रबंधन ने नया सामान खरीदा है। लेकिन पुराने समान का क्या किया। इसकी रिपोर्ट नहीं दी है। एक ही फर्म से एक ही दिन में 10000 से ज्यादा की खरीद की गई। जो स्कूल प्रिंसीपल नहीं कर सकता है।
  • 22 हजार रुपये की स्टेशनरी बहुत कम अतंराल में बार बार खरीदी गई है। जबकि इतनी रा?शि की स्टेशनरी की खरीदने के लिए जिला समन्वय अधिकारी से अुनमति लेना जरूरी होता है। बिना मांग भेजे स्कूल द्वारा बार बार एक ही फर्म से सामान खरीदा गया है। जो नियमानुसार गलत है।
  • मेडिकल दवाओं के बिलों में भी मिली गड़बड़ी
    स्कूल प्रबंधन ने जनवरी  2025 से मार्च 2025 तक के लिए 22820 रुपये का मेडिकल बिल का भुगतान किया है।  21 जनवरी और 20 जनवरी का जो बिल भेजा गया है। उससे साफ  जाहिर होता है कि मेडिकल दवाओं को लेकर बिल ही बनाए गए है। इस रिपोर्ट में सामने आया कि जिन दवाओं के बिल बनाए गए है उनका प्रयोग केवल प्र?शि?क्षित चि?कित्सक ही कर सकता है। स्कूल प्रबंधन ने उन दवाओं का प्रयोग किया। इस पर ऑडिट अधिकारियों ने सवालिया निशान लगाया है।
  • मरम्मत कार्यों की न लगाई फोटो व अन्य दस्तावेज | Sirsa News
    ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया है कि स्कूल प्रबंधन ने जो  निर्माण या मरम्मत कार्य करवाया गया है। उनके  बिलों के साथ उस कार्य के शुरू होने से लेकर पूर्ण होने तक की कोई फोटो नहीं लगाई। न ही कोई दस्तावेज उपलब्ध करवाए गए है। यहां तक की लेबर वर्क में मेस्टरोल तक नहीं भरा गया और सीधे बिलों की अदायगी कर दी गई। ऑडिट अ?धिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि स्कूल प्रबंधन द्वारा बार बार एक ही लेबर रघुवीर सिंह को भुगतान किया गया है। लेबर को लेकर संपूर्ण डिटेल मांगी गई थी जो नहीं दी गई। इससे मरम्मत कार्यों में गड़बड़ी की संभावनाएं सामने आई है।

ऑडिट रिपोर्ट में कई खामियां कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय रत्ताखेड़ा में सामने आई है?। स्कूल प्रिंसीपल को नोटिस जारी किया गया है। 6 मई तक स्कूल प्रबंधन को जवाब देना है। जवाब के आधार पर आगामी कार्रवाई अमल में जाई जाएगी। Sirsa News
सुनीता साई, जिला समन्यक अधिकारी, समग्र शिक्षा सरसा