राज्यपाल को सौंप दी गई बिहार के नव निर्वाचित विधायकों की सूची
पटना। बिहार विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायकों की सूची वीरवार को राज्यपाल फागू चौहान को सौंप दी गई। आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यहां बताया कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एच. आर. श्रीनिवास राजभवन पहुंचे और बिहार विधानसभा के नवनिर्वाचित 243 विधायकों की सूची राज्यपाल चौहान को सौंपी दी। नवनिर्वाचित विधायकों की सूची सौंपे जाने के बाद बिहार में सरकार गठन की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। राज्यपाल बहुमत के आधार पर दलों को सरकार बनाने का न्यौता देंगे। वहीं बिहार में अब सरकार गठन पर मंथन शुरू हो गया है। हम पार्टी के मुखिया जतिन राम मांझी आज सुबह विधायकों संग नतीश कुमार से मिलने पहुंचे।
शराबबंदी जैसे कदम ने नीतीश को पहुँचाया सत्ता पर
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जनता ने एक बार फिर से नीतीश को सत्ता में वापिस लौटाया। पिछली बार की तरह इस बार भी महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले 5 फीसदी ज्यादा ज्यादा मतदान किया। एक्जिट पोल्स के अनुमानों को धता बताते हुए महिलाओं ने एक बार फिर एनडीए को सत्ता में पहुंचा दिया। वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक की भी मानें तो महिलाओं के बीच नीतीश कुमार को भरोसा कायम हैं। महिलाओं को आरक्षण, छात्राओं को साइकिल देने की योजना, पोशाक की योजना और सुरक्षा की भावना ने एनडीए के पक्ष में लोगों को आकर्षित किया।
महिलाओं को ध्यान में रखते हुए शराबबंदी की योजना लाई गई। इसका असर सरकार की आर्थिक स्थिति पर भी देखने को मिला लेकिन इसके बावजूद इसे जारी रखा गया। इससे महिलाओं के बीच सकारात्मक संदेश गया। दूसरे और तीसरे फेज से महिलाओं का वोट शेयर बढ़ा था। बिहार में कुल 7.2 करोड़ वोटर्स हैं, जिनमें से 3.4 करोड़ महिलाएं हैं। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दीपावली के तुरंत बाद मुख्यमंत्री की शपथ ले सकते हैैं। ऐसी संभावना है कि सोलह से अठारह नवंबर के बीच वह मुख्यमंत्री पद की शपथ लें। पिछली बार उन्होंने 20 नवंबर को शपथ लिया था। गौरतलब हैं कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 125 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि विपक्षी महागठबंधन ने 110 सीटें जीतीं।
दूसरे और तीसरे चरण में महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा किया मतदान
इस चुनाव के तीसरे चरण में 65.5 फीसदी और दूसरे चरण में 58.8 फीसदी महिलाओं ने वोटिंग की। इन दोनों ही चरणों में महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोटिंग की। तीसरे चरण में पुरुषों की तुलना में 11 फीसदी ज्यादा महिलाओं ने वोट किया और दूसरे चरण में यह अंतर 6 फीसदी का रहा। हालांकि, पहले चरण में पुरुषों (56.8%) की तुलना में महिलाओं (54.4%) ने कम वोटिंग की।
दूसरे और तीसरे चरण में एनडीए ने किया अच्छा प्रदर्शन
चुनाव के दूसरे और तीसरे चरण में जहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और इन चरणों में महिलाओं ने भी अच्छी संख्या में मतदान किया। दूसरे और तीसरे चरण की ज्यादातर सीटें उत्तरी बिहार में हैं।
बिहार में 11 सीट पर 1000 वोट से कम पर हुआ जीत हार का फैसला
राज्य में सरकार बनाने के लिए जरूरी 122 के जादुई आंकड़े से महज तीन सीट अधिक जीतने वाला राजग 05 सीट मात्र 12 से 951 वोट के अंतर से न सिर्फ जीतने में कामयाब रहा बल्कि इसके दम पर सत्ता भी हासिल कर ली। कांटे के मुकाबले वाली 11 सीटों में से जनता दल यूनाइटेड(जदयू) ने सबसे अधिक चार और और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक सीट अपनी झोली में डाली । अन्य पांच सीटों में से तीन राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और एक-एक सीट भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) तथा निर्दलीय के खाते में गई। इसी तरह इस बार 12 सीट पर जीत हार का फैसला 2000 से भी कम वोट के अंतर से हुआ। ऐसी 12 सीटों में से चार कांग्रेस, तीन राजद, तीन जदयू और दो भाजपा जीतने में कामयाब रही।
असदुद्दीन ने महागठबंधन को 11 सीटों पर पहुंचाया नुक्सान
सबसे कमजोर कड़ी बनी कांग्रेस। वो 70 सीटों पर लड़ी, लेकिन जीती सिर्फ 19। असदुद्दीन की पार्टी ने भी सीमांचल की 11 सीटों पर महागठबंधन को नुकसान पहुंचाया। असदुद्दीन की पार्टी ने 5 सीटे जीती है।
सुशील मोदी ने माना-चिराग पासवान ने पहुंचाया पार्टी को नुकसान
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी का कहना है कि, अगर चिराग पासवान की एलजेपी ने वोट काटने की राजनीति नहीं की होती तो एनडीए के पक्ष में 150 से 160 सीटें आ सकती थीं। 25 से 30 सीटों पर एलजेपी ने नुक्सान पहुंचाया है। वहीं एनडीए में बड़े भाई की भूमिका निभा रही बीजेपी की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल के बाद अब बिहार में उपमुख्यमंत्री रहे सुशील मोदी ने भी साफ कर दिया है कि नीतीश कुमार ही एनडीए के मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे और इस बात में कोई दो राय नहीं है।
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