चेतावनी: समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो बड़े आंदोलन को मजबूर होंगे किसान
- भारतीय किसान यूनियन(भाकियू) टिकैत की मासिक पंचायतों में किसानों ने उठाई गंभीर समस्याएं, गुलदार आतंक व गन्ना मूल्य की मांग मुखर
बिजनौर (सच कहूँ/रविंद्र सिंह)। Bijnor News: भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने बिजनौर जनपद की पांचों तहसीलों, बिजनौर, चांदपुर, धामपुर, नगीना व नजीबाबाद में मासिक पंचायतों का आयोजन कर किसानों की मूलभूत चिंताओं को सामने रखा। तहसील अध्यक्ष कोमल सिंह (बिजनौर), हरिराज सिंह (चांदपुर), कविराज सिंह (धामपुर), धर्मवीर सिंह (नगीना) एवं देवव्रत शर्मा (नजीबाबाद) के नेतृत्व में हुई इन पंचायतों में किसानों ने गन्ना भुगतान, बिजली बिल ,पानी, आवारा पशुओं और गुलदार के आतंक आदि समस्याएं रखीं, भाकियू ने भूमिहीन एवं छोटे किसानों पर बढ़ते दबाव, आवारा पशुओं एवं गुलदार के हमलों जैसे मुद्दों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। Bijnor News
बिजनौर में भाकियू की मासिक पंचायतों में उभरी मुख्य मांगें व समस्याएं
1- गन्ने का मूल्य व भुगतान किसानों ने मिलों को गन्ने का भुगतान समय पर करने की मांग की। साथ ही, गन्ने के भाव को प्रति क्विंटल कम से कम 550 रुपये करने की मांग ज़ोर से उठाई गई है, क्योंकि मौजूदा दरें उत्पादन लागत तक नहीं पहुंच पा रही हैं। Bijnor News
2- गुलदार आतंक जनपद के खेतों में गुलदारों द्वारा हमले का सिलसिला जारी है, जिसमें किसानों को जान का जोखिम महसूस हो रहा है। वन विभाग द्वारा अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जबकि प्रभावित किसान प्रशासन को मूकदर्शक बनने का आरोप लगा रहे हैं।
3- बिजली व पानी के बिलों में गड़बड़ी किसानों ने बिजली के गलत बिल और पेय व सिंचाई पानी की असंगत आपूर्ति को एक गंभीर समस्या बताया। मीटर सम्बन्धी शिकायतें भी सामने आईं।
4- आवारा पशु व फसलों का भारी नुकसान किसानों के खेतों में में आवारा पशुओं द्वारा फसलों को भारी क्षति पहुँच रही है, विशेषकर उन खेतों में जहाँ गौशालाएँ या पशुपालन अपेक्षित नियंत्रण में नहीं हैं।
5- मृत्यु की घटनाएँ जनपद में गुलदार के हमलों की वजह से कई किसानों की मृत्यु हो चुकी है। किसानों व भाकियू पदाधिकारियों ने कहा कि यदि समय रहते समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो धरने व अन्य विरोध-प्रदर्शनों का रास्ता अपनाया जाएगा।
जनपद के किसानों का आग्रह व संभावित कार्रवाई की अपील | Bijnor News
भाकियू के सभी पांचों तहसील अध्यक्षों ने जिला प्रशासन से इसे गंभीर समस्या मानने एवं तुरंत कदम उठाने का आह्वान किया है। देवव्रत शर्मा के अनुसार, यदि गुलदारों पर नियंत्रण नहीं हुआ, तो किसान यहाँ धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। गाँव स्तर पर ग्राम व ब्लॉक अध्यक्षों सहित सैकड़ों किसान इन पंचायतों में उपस्थित थे।
भाकियू के जरिए प्रस्तावित समाधान एवं सुझाव
भाकियू ने कहा कि जिला प्रशासन गुलदारों की सक्रिय निगरानी एवं जल्द से जल्द सक्रिय कदम,जैसे कि ट्रैप लगाने, जंगलों से ज़्यादा दूरी पर खेतों को विकसित करने, और जंगल विभाग द्वारा विशेष सेंसिटिव इलाकों की सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने की मांग की गई है। और गन्ना मिलों को दायित्वपूर्ण बनाते हुए, गत पेराई सत्र के बकाया भुगतान जल्द से जल्द किया जाना चाहिए और भाव निर्धारण में किसानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
बिजली व मीटरिंग की पारदर्शिता बढ़ाई जाए, अव्यवस्थाएँ सुधारने के लिए एक स्वतंत्र समन्वय समिति गठित हो। इसके अलावा पशुओं के कारण किसान की फसल का नुकसान न हो ,फसल संरक्षण के लिए नीति-निर्माता, पशुपालन विभाग व स्थानीय प्रशासन मिलकर काम करें।
समाधान नहीं हुआ तो किसान करेंगे धरना-प्रदर्शन:गजेंद्र सिंह (टिकैत)
भाकियू के धामपुर तहसील निवासी पदाधिकारी गंजेन्द्र सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि जिला प्रशासन किसानों की समस्याओं को गंभीरता से ले, भाकियू की ये मासिक पंचायतें किसानों की विफल होती उम्मीदों की पुकार हैं। यदि बिजनौर जिला प्रशासन समय रहते ठोस उपाय नहीं करता, तो सामाजिक अशांति की सम्भावना है।किसान धरना प्रदर्शन के लिए मजबूर होंगे। जिसकी पूरी जिम्मेदारी बिजनौर जिला प्रशासन की होगी। वहीं किसानों ने सत्ता पक्ष से लिया वादा पूरा करने तथा सुरक्षा, न्याय व आर्थिक स्थिरता की गारंटी देने की मांग की है।
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