
जिला मजिस्ट्रेट अजय सिंह तोमर का सख्त निर्देश, रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक बाहरी लाइट्स, इन्वर्टर और जनरेटर पर पूर्ण प्रतिबंध | Ambala News
अंबाला (सच कहूँ/संदीप)। Ambala Blackouts News: पाकिस्तान से संभावित हवाई हमले की खुफिया जानकारी मिलने के बाद अंबाला जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाते हुए जिले में रात के समय पूर्ण ब्लैकआउट लागू करने का निर्णय लिया है। जिला मजिस्ट्रेट अजय सिंह तोमर ने 9 मई, 2025 को आदेश जारी कर बताया कि यह निर्णय सार्वजनिक सुरक्षा और सामरिक हितों की रक्षा के दृष्टिगत लिया गया है। Ambala News
आदेश के अनुसार, जिले में रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक बाहरी उपयोग के लिए किसी भी प्रकार की बिजली व्यवस्था जैसे इन्वर्टर, जनरेटर, होर्डिंग्स, स्ट्रीट लाइट्स आदि का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। यह प्रतिबंध अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा। जिला प्रशासन को आशंका है कि रात के समय प्रकाशित रोशनी से आतंकवादी या ड्रोन हमलों की संभावना बढ़ सकती है, जिसे रोकने के लिए यह सख्त कदम उठाया गया है।
हालांकि, आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि इन्वर्टर और जनरेटर का उपयोग घर के भीतर किया जा सकता है, बशर्ते कि खिड़की-दरवाजे पूरी तरह से मोटे पर्दों से ढके हों ताकि रोशनी बाहर न जा सके। Ambala News
इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 223 के तहत कार्रवाई की जाएगी। आदेश की अनुपालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी अंबाला पुलिस अधीक्षक को सौंपी गई है। वहीं, आदेश का प्रचार-प्रसार जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी की टीम द्वारा किया जाएगा, ताकि आमजन तक इसकी जानकारी पहुंच सके।
आदेश की प्रतियां पुलिस थानों, नगर निगम, पंचायत कार्यालयों, बस स्टैंड्स और जिला न्यायालय सहित अन्य प्रमुख स्थानों पर चस्पा की जाएंगी। साथ ही, जिला सूचना अधिकारी को निर्देश दिया गया है कि जिला वेबसाइट पर भी इसे प्रकाशित किया जाए। Ambala News
सैन्य दृष्टि से संवेदनशील माने जाने वाले अंबाला जिले में इस तरह का सख्त कदम पहली बार उठाया गया है, जिससे स्पष्ट होता है कि सुरक्षा एजेंसियां किसी भी संभावित खतरे को लेकर पूरी तरह सतर्क हैं। जिले के नागरिकों से अपील की गई है कि वे इस आदेश का पालन करें और सहयोग प्रदान करें, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
यह आदेश भले ही अस्थायी हो, लेकिन इसका प्रभाव व्यापक है और यह सुरक्षा के प्रति प्रशासन की गंभीरता को दर्शाता है। अब देखना यह होगा कि जनता इस आदेश का कितना प्रभावी पालन करती है और सुरक्षा एजेंसियां किस स्तर तक तैयार हैं।
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