बजट सत्र के पहले दिन ही लोकसभा में हंगामा

Ramnath kovind

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। लोकसभा में बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने किसानों के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया और सदन के बीचोंबीच आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कृषि संबंधी तीनों कानून वापस लेने की मांग की। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लोकसभा के नव नियुक्त महासचिव उत्पल कुमार सिंह का परिचय करवाया। सिंह ने सदन में चुनकर आये नये सदस्य सुनील कुमार को सदन की सदस्यता की शपथ ग्रहण करायी। बिरला ने फिर सदन को हाल में दिवगंत हुए वर्तमान सदन के सदस्य तथा रेलराज्य मंत्री सुरेश सी अगाड़ी के साथ ही 26 अन्य पूर्व सदस्यों के दिवंगत होने की सूचना सदन को दी।

तिरंगे और गणतंत्र दिवस का अपमान दुर्भाग्यूपर्ण : राष्ट्रपति

  • कृषि कानूनों को व्यापक विचार विमर्श के बाद संसद में किया पारित

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान ऐतिहासिक लाल किले में तोड़फोड़ और राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। राष्ट्रपति ने शुक्रवार को संसद के बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने अभिभाषण के दौरान कहा, ‘पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की सर्वोच्च अदालत ने इन कानूनों को अभी स्थगित कर दिया है और सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी।

उन्होंने कहा कि इन कानूनों को व्यापक विचार विमर्श के बाद संसद में पारित किया गया था। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकतंत्र की मर्यादाओं का पालन करते हुए संसद के बजट सत्र का भरपूर उपयोग करने की अपील की है। मोदी ने संसद की बजट सत्र की शुरूआत के पहले संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि देश के लोगों ने जिस आशा और अपेक्षा से जन प्रतिनिधियों को संसद भेजा है, वे लोकतंत्र की मायार्दाओं का पालन करते हुए इस पवित्र स्थान का भरपूर उपयोग करें। इस बीच कृषि कानून के विरोध में 19 पार्टियों ने 19 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बायकॉट किया।

छोटे उद्योग अर्थव्यवस्था के मजबूत आधार

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छोटे उद्योगों को अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने का सामर्थ्य इन उद्योगों के पास है। देश के कुल निर्यात में इनकी भागीदारी लगभग 50 प्रतिशत है। सरकार ने आत्मनिर्भर भारत के अभियान में छोटे उद्योगों की भूमिका बढ़ाने के लिए भी अनेक कदम उठाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि छोटे उद्योगों की परिभाषा में बदलाव हो, निवेश की सीमा बढ़ाना हो या फिर सरकारी खरीद में वरीयता, अब लघु और कुटीर उद्योगों को विकास के लिए जरूरी प्रोत्साहन मिला है। तीन लाख करोड़ रुपए की ‘इमरजेंसी क्रेडिट गारंटी योजन’, मुश्किल में फंसे छोटे उद्योगों के लिए 20 हजार करोड़ की विशेष योजना और ‘कोषों के कोष’ जैसे प्रयासों ने लाखों लघु उद्यमियों को लाभ पहुंचाया है। जेईएम पोर्टल से देश के दूर दराज वाले क्षेत्रों के छोटे उद्योगों को सरकारी खरीद में पारदर्शिता के साथ-साथ अधिक भागीदारी भी मिल रही है।

महिलाओं की समान भागीदारी के लिए अवसर उपलब्ध करा रही है सरकार

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आत्मनिर्भर भारत में महिलाओं की विशेष भूमिका स्वीकार करते हुए शुक्रवार को कहा कि अलग अलग क्षेत्रों में उनके लिए नए अवसर बनाए जा रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम हो, मिलिट्री पुलिस में महिलाओं की नियुक्ति हो, या फिर अंडर ग्राउंड माइन्स में तथा ओपन कास्ट माइन्स में महिलाओं को रात्रि में कार्य करने की अनुमति, ए सभी निर्णय पहली बार इस सरकार ने लिए हैं। महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन स्टॉप सेंटर, अपराधियों का राष्ट्रीय डेटाबेस, इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम और देश भर में फास्ट ट्रैक कोर्ट पर तेजी से काम किया गया है।

सेना ने एलएसी पर यथास्थिति बदलने की कोशिश को किया नाकाम

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि चीन ने द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन कर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति बदलने का प्रयास किया लेकिन सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब देकर उसके मंसूबों को विफल कर दिया। राष्ट्रपति ने कहा, ‘हमारे जांबाजों ने जिस संयम, शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया, उसकी जितनी भी सराहना की जाए, कम है। जून 2020 में हमारे 20 जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए गलवान घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान भी दिया। हर देशवासी इन शहीदों का कृतज्ञ है।

अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान से उबरने लगा है देश

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था को जो क्षति पहुँची थी अब उससे देश उबरने लगा है। इस मुश्किल समय में भी भारत दुनिया के निवेशकों के लिए आकर्षक स्थान बनकर उभरा है। अप्रैल से अगस्त 2020 के बीच लगभग 36 अरब डॉलर का रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारत में हुआ है। राष्ट्रपति ने कहा कि ‘वोकल फॉर लोकल’ आज जन-आंदोलन बन चुका है। उन्होंने कहा कि विनिर्माण से जुड़े 10 क्षेत्रों के लिए पहली बार देश में लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपए की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना लागू की गई है।

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