सीबीएसई ने मानी गलती, विवादित प्रश्न के छात्रों को मिलेंगे नंबर, सोनिया ने सरकार पर साधा निशाना

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। सीबीएसई 10वीं परीक्षा के अंग्रेजी प्रश्न पत्र में पूछे गए विवादित प्रश्न पर मचे भारी हंगामे के बाद बोर्ड ने सोमवार को इसे वापस ले लिया। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कहा कि कक्षा 10 के अंग्रेजी के पेपर में आया पैसेज नंबर 1 बोर्ड की गाइडलाइंस के अनुरूप नहीं है। ऐसे में इसे प्रश्न पत्र से हटाया जाता है। इस पैसेज के पूरे मार्क्स सभी विद्यार्थियों को मिलेंगे।

सीबीएसई ने नोटिस में कहा, ‘कक्षा 10वीं टर्म-1 परीक्षा के इंग्लिश लैंग्वेज एंड लिटरेचर क्वेश्चन पेपर के पैसेज का एक सेट बोर्ड के दिशानिदेर्शों के अनुरूप नहीं है। इस पर मिले फीडबैक के आधार पर बोर्ड ने इस मामले को विषय विशेषज्ञों के पास समीक्षा के लिए भेजा था। उनकी सिफारिश के आधार पर पैसेज नंबर 1 और इससे संबंधित प्रश्न को प्रश्न पत्र से हटाने का फैसला लिया गया है। इसके बदले में स्टूडेंट को फुल मार्क्स दिए जाएंगे। वहीं इस मामले को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलवार हो गया है। सोनिया गांधी ने कहा कि इस तरह के विचार महिलाओं को समाज में पीछे ले जाने वाले है।

क्या है मामला

गौरतलब हैं कि शनिवार को आयोजित 10वीं की परीक्षा में प्रश्नपत्र में ‘महिलाओं की मुक्ति ने बच्चों पर माता-पिता के अधिकार को समाप्त कर दिया’ और ‘अपने पति के तौर-तरीके को स्वीकार करके ही एक मां अपने से छोटों से सम्मान पा सकती है’ जैसे वाक्यों का उपयोग किया गया जिस पर आपत्ति जताई गई।

सीबीएसई पेपर में महिला विरोधी प्रश्न पर सोनिया, प्रियंका राहुल ने किया सरकार पर हमला

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी की उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के अंग्रेजी के प्रश्न पत्र के एक पैरा में की गई एक टिप्पणी को महिला विरोधी सोच बताते हुए सरकार पर कड़ा हमला किया और कहा कि इस तरह के विचार महिलाओं को समाज में पीछे ले जाने वाले है। श्रीमती गांधी ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया और सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप कर प्रश्न को वापस लेने की मांग की।

श्रीमती वाड्रा ने इस पर हैरानी जताते हुए कहा, ‘अविश्वसनीय! क्या हम वाकई बच्चों को यह सब सिखा रहे हैं। इससे साफ है कि भाजपा सरकार महिलाओं को लेकर इस तरह की प्रतिगामी सोच का समर्थन करती होगी, वरना वह पाठ्यक्रम में ऐसे विचार को जगह क्यों देती। गांधी ने कहा, ‘अब तक के अधिकांश सीबीएसई के पेपर बहुत कठिन थे और अंग्रेजी के पेपर में कॉम्प्रिहेंशन पैसेज बहुत ही घृणित था। आरएसएस-भाजपा का इस तरह का प्रयास युवाओं के मनोबल और भविष्य को कुचलने की एक साजिश है। बच्चों, अपना काम परिश्रम से करो। मेहनत रंग लाती है। नफरत नहीं।

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