चड्ढा शुगर मिल ही निकली अवैध हर स्तर पर थी लापरवाही

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रिपोर्ट से सच आया सामने, रिपोर्ट देख अधिकारी भी हुए हैरान

चंडीगढ़  । ब्यास दरिया को पूरी तरह दूषित करने वाली चड्ढा शुगर मिल ही अवैध निकली, जिसके पास गन्ना पिराई की स्वीकृति तो थी पर शीरे को रखने की स्वीकृति नहीं थी। चड्ढा शुगर मिल ने बिना किसी स्वीकृति के ही न सिर्फ शीरे को स्टोर करने के लिए सीमेंट का टेंक बनाया, बल्कि उस अवैध तरीके से बने सीमेंट के टेंक में क्षमता से 50 प्रतिशत अधिक शीरा भी स्टोर किया, जिस कारण ही शीरा के टेंक में ब्लास्ट हो गया और शीरा ब्यास दरिया में जा मिरा। इस तथ्यों का खुलासा उच्च स्तरीय समिति की तरफ से सौंपी गई रिपोर्ट में हुआ है।
इस रिपोर्ट के आधार ही कई विभाग अपनी-अपनी रिपोर्ट तैयार करने में लगे हुए हैं, जिसे मुख्य मंत्री अमरिन्दर सिंह को सौंपा जाएगा। पंजाब प्रदूषण बोर्ड द्वारा तैयार की गई लगभग 4-5 पेज की रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि चड्ढा शुगर मिल को पूरी तरह से अवैध करार दिया जा सकता है। इस शुगर मिल की तरफ से फैक्ट्री एक्ट, एक्साईज एक्ट और वातावरण सुरक्षा एक्ट 1986 सहित पानी के प्रदूषण रोकथाम व कंट्रोल एक्ट 1974 के अंतर्गत कुछ भी ठीक नहीं किया हुआ था। इस शुगर मिल की तरफ से एक्साईज विभाग से शीरा स्टोर करने की इजाजत ही नहीं ली गई थी। एक्साईज एक्ट अनुसार शीरा रखने के लिए स्टील का टैंक होना चाहिए परन्तु अवैध ढंग से काम करते हुए इस मिल की तरफ से सीमेंट का टैंक बनाया हुआ था, जिस कारण ही इतना बड़ा हादसा हुआ है।

चढ्ढा शुगर मिल को नोटिस जारी, आज देना होगा जवाब

चढ्ढा शुगर मिल को पीपीसीबी की तरफ से 24 घंटे का नोटिस जारी करते हुए आज गुरूवार को जवाब देने के लिए कहा गया है कि क्यों न आपके खिलाफ एक्ट अनुसार सख़्त कार्रवाई की जाये। चड्ढा शुगर मिल के खिलाफ हुई जांच संबंधी जवाब मिलने के बाद पीपीसीबी आगामी कार्रवाई करते हुए चड्ढा शुगर मिल के खिलाफ सख़्त सजा देने का ऐलान कर सकता है।

एनजीटी हुआ सख़्त, सरकार से मांगा जवाब

चढ्ढा शुगर मिल के शीरे के कारण दूषित हुए ब्यास दरिया के पानी को ले कर एनजीटी बहुत अधिक सख़्त हो गया है। इस मामले में एनजीटी ने पंजाब सरकार और पंजाब प्रदूषण बोर्ड सहित सिंचाई विभाग और अन्य को नोटिस जारी कर दिया है। इस संबंधी आज दिल्ली में सुनवाई होगी।

शुगर फेड के अधिकारी भी दोषी !

चड्ढा शुगर मिल के पास सीरा स्टोर करने की इजाजत नहीं होने के बावजूद भी शुगर फेड की तरफ से न सिर्फ इस मिल से गन्ने की पिसाई करवाई, बल्कि मिल की सामर्थ्य से 50 प्रतिशत अधिक गन्ना पीसने का दबाव बनाया, जिस कारण शुगर फेड के आधिकारियों को भी दोषी ठहराया जा सकता है। शुगर फेड के दबाव में इस मिल की तरफ से अपनी सामर्थ्य अनुसार 60 हजार क्विंटल की जगह पर 1 लाख क्विंटल सीरा उस सीमेंट के टेंक में इकट्ठा कर लिया, जो कि गैर कानूनी था। अधिकारी इस बात को लेकर हैरान है कि जब शीरा स्टोर करने की इजाजत ही नहीं थी तो शुगरफेड के अधिकारी कैसे सीरा स्टोर करने के लिए कह रहे थे व उन्होंने इस मामले में जांच क्यों नहीं की? इस लिए शुगर फेड के अधिकारी भी इस मामले में दोषी ठहराए जा सकते हैं।

मिल मालिक नहीं आधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

चढ्ढा शुगर मिल की तरफ से अवैध काम करने व कई एक्टों की धज्जियां उड़ाने के बावजूद भी पंजाब सरकार इस मिल के मकान मालिक का बचाव करने में लगी हुई है। सरकार की तरफ से तर्क दिया जा रहा है कि एक्ट अनुसार सिर्फ मिल के एमडी या फिर ड्यूटी पर उपस्थित ही मिल अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है, जब कि एक्ट अनुसार मिल मालिक के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकती है। जिस से साफ जाहिर है कि परमजीत सरना की भतीजी व मिल मालिक जसदीप कौर के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं होगी।

 

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