दिल्ली एम्स में बालक अयांश को लगी 16 करोड़ रुपये की वैक्सीन

Ayansh Got Vaccine sachkahoon

बीमारी का पता लगने के एक साल के भीतर लगी वैक्सीन

  • आठ माह की उम्र में पता चल गई थी बीमारी

  • चाइल्ड न्यूरो सर्जन डा. शैफाली गुलाटी व उनकी टीम ने लगाई वैक्सीन

  • रविवार तक एम्स में ही चिकित्सकों की निगरानी में रहेगा अयांश

सच कहूँ/संजय मेहरा, गुरुग्राम। आखिरकार बालक अयांश को 16 करोड़ रुपये की वैक्सीन लग ही गई। अमेरिका से आई यह वैक्सीन शनिवार सुबह 10 बजे एम्स दिल्ली में लगाई गई। चिकित्सकों के दल ने कोरोना महामारी के बीच सभी ऐहतियात बरतते हुए वैक्सीन लगाई। इस प्रक्रिया में करीब एक घंटा लगा। रविवार तक अयांश चिकित्सकों की निगरानी में रहेगा। सोमवार को छुट्टी मिलेगी। वैक्सीन लगने के दौरान अयांश की मां वंदना उसे गोद में ही लिए बैठी रही। उनकी आंखों में बेटे के ठीक होने की उम्मीद साफ देखी जा सकती थी। बेटे की बीमारी को लेकर बार-बार भावुक होने वाली मां वंदना को पिता प्रवीण मदान ने सदा हिम्मत रखने को प्रेरित किया।

अपने आंसुओं को छिपाकर वे परिवार में अपनी जिम्मेदारियों को सदा मजबूती से निभाते रहे। अयांश एसएमए (स्पाइनल मस्क्यूलर एट्रॉफी) नामक बीमारी से ग्रस्त है। अयांश इस बीमारी से ग्रस्त है, इसका उनके माता-पिता वंदना मदान एवं प्रवीण मदान को तब पता चला, जब वह मात्र 8 महीने का था। अभी उसकी उम्र 20 माह है। अयांश को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में लेकर गए। जहां डॉ. विश्वस्वरूप एवं डा. रिचा ने अयांश की जांच की। कुछ टेस्ट भी कराए गए। तब पता चला कि अयांश एसएमए नामक गंभीर बीमारी से ग्रस्त है।

क्राउड फंडिंग से एकत्रित हुए 16 करोड़

16 करोड़ का जुगाड़ करने के लिए उन्होंने प्रयास शुरू किए। धन जुटाने को उन्होंने लकी ड्रा तक के कूपन भरे, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। इसके बाद उन्होंने क्राउड फंडिंग (जनता से दान) से धन जुटाने का काम शुरू किया। देश-विदेश के नागरिकों को अपनी नेक कमाई से दान करने की गुहार लगानी शुरू की। मीडिया से रूबरू होते हुए अयांश के माता-पिता की आंखों में अश्रुधारा के बीच बेटे का जीवन बचाने का सपना लिए हर किसी की तरफ उम्मीद की निगाह से देखते रहे। अयांश के पिता प्रवीण जैन ने डा. नीलू गुगलानी (एमडी पैथॉलोजी) और डा. अषिता जैन का भी धन्यवाद किया है, जिन्होंने फंड जुटाने उनकी मदद की।

दो साल की उम्र तक ही लग सकती है यह दवा

यह दवा बच्चे की 2 साल की उम्र के भीतर ही लगनी जरूरी है। अयांश इस मामले में लकी ही कहा जाएगा कि उसे एक साल में यह दवा लग गई। क्योंकि 16 करोड़ रुपये जुटाना आसान नहीं था। एक बार फिर से वंदना एवं प्रवीण मदान ने देश-दुनिया के दानियों का धन्यवाद किया है। सोशल प्लेटफार्म पर अयांश के लिए दवा खरीदने की रकम एकत्रित करने को उन्होंने चौबीसों घंटे अभियान चलाया। दवा के लिए 16 करोड़ रुपये एकत्रित करने में लोगों ने दिल खोलकर दान दिया। किसी ने अपने बच्चों के नाम से तो किसी ने खुद के नाम से पैसे दिए। आखिरकार 16 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि इकट्ठी हुई। बिना देरी के अमेरिका में दवा निमार्ता कंपनी को 16 करोड़ रुपये डॉलर के रूप में भेज दिए गए। दो दिसम्बर को दवा दिल्ली एम्स पहुंची थी, जिसे चार दिसम्बर शनिवार को अयांश को लगा दिया गया।

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