गुमशुदा तीन बच्चों के चेहरों पर बाल कल्याण समिति ने लौटाई मुस्कान

स्पेशल जुवेनाइल यूनिट व एंटी ह्यूमन ट्रैफिक यूनिट ने की मदद

सरसा (सच कहूँ/सुनील वर्मा)।
जिला बाल कल्याण समिति ने तीन गुमशुदा बच्चों को माता-पिता से मिलवा दिया है। ये तीनों बच्चे कई दिनों से लापता थे। बाल कल्याण समिति की काफी कोशिशों के बाद उनके परिजनों का पता चला। इसके बाद बच्चों की काउंसिलिंग और कानूनी प्रक्रिया पूरी करके बच्चों को उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया। जिला बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अनीता वर्मा ने बताया कि समिति ने तीनों बच्चों को कुछ दिनों तक आश्रम में रखकर उनके परिजनों का पता लगाने का कार्य शुरू किया था। एक बच्चा स्वयं को जम्मू कश्मीर का बता रहा था, लेकिन यह फतेहाबाद जिला का निवासी पाया गया।

दूसरा बच्चा जोधपुर जिले का रहने वाला था और तीसरा बच्चा दिल्ली के आनंद विहार क्षेत्र का रहने वाला था। बाल कल्याण समिति ने स्पेशल जुवेनाइल यूनिट व एंटी ह्यूमन ट्रैफि क यूनिट की सहायता से उनके परिजनों का पता लगाया। दिल्ली निवासी बच्चा रेलगाड़ी में बैठ गया था। उसे नहीं पता था कि ये रेलगाड़ी कहां जाती है। रेलगाड़ी सरसा पहुंची तो बच्चे के बारे में बाल कल्याण समिति को पता चला। इसके बाद समिति ने बच्चे से उसके घरवालों के बारे में पूछा। बच्चे ने बताया कि वह दिल्ली का रहने वाला है। फिर आनंद विहार दिल्ली में उसके परिजनों का पता चला।

जनता डायल 1098 पर दें सूचना

बाल कल्याण समिति ने लोगों से अपील की है कि किसी होटल, ढाबा अथवा किसी व्यापारिक संस्थान में बच्चों द्वारा मजदूरी किए जाने, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड जैसे सार्वजनिक स्थानों पर बाल भिक्षावृत्ति में संलिप्त बच्चों के देखे जाने, खेल के मैदानों, सुनसान इलाकों में बच्चों द्वारा नशीली वस्तुओं का सेवन करने करने की सूचना दें। संदिग्ध रूप से रेल और बसों में बच्चों के यात्रा करने या किसी स्थान पर अनजान रूप से बच्चों को घूमते पाए जाने पर कोई भी व्यक्ति बच्चे का फोटो खींचकर या वीडियो क्लिप बनाकर चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 पर सूचना दें। सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा।

बाल कल्याण समिति द्वारा बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्ति दिलाने के लिए लगातार बाजार में रेड की जा रही है। व्यापारियों से अनुरोध है कि वे छोटे बच्चों को काम पर न रखें। अभी हाल ही में समिति ने तीन गुमशुदा बच्चों को उनके परिजनों से मिलाया है। अपने माता-पिता से मिलकर बच्चों के चेहरों पर फिर से रौनक लौट आई। लापता बच्चों को सुरक्षित उनके परिजनों तक पहुंचाने में समिति कामयाब रही।
अनीता वर्मा, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति सरसा।

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