पंजाब विधानसभा में सिद्धू और अकाली दल के नेताओं में झड़प

Clash between Sidhu and Akali Dal leaders sachkahoon

बड़ी मशक्कत के बाद

  • कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पास

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। वीरवार को पंजाब विधानसभा में सिद्धू और अकाली दल के विधायकों ने जमकर हंगामा किया। एक बार तो नौबत हाथापाई की आ गई थी, लेकिन कुछ सीनियर विधायकों के बीच आने से बात टल गई। भारी हंगामे के चलते अकाली दल के सारे विधायकों को स्पीकर ने नेम कर दिया। इस पर अकली विधायक सदन से बाहर चले गए और स्पीकर ने कार्यवाही 15 मिनट तक स्थगित करनी पड़ी। वहीं पंजाब विधानसभा में केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित हो गया है और बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के विस्तार वाली केंद्र की अधिसूचना के खिलाफ भी प्रस्ताव पारित किया है। इससे पहले, पंजाब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है। रंधावा ने सदन में बीएसएफ की सीमा 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया। कृषि कानूनों के मुद्दे पर भी प्रस्ताव लाया गया। कृषि मंत्री रणदीप नाभा ने ऐलान किया कि पंजाब में तीनों कृषि कानून लागू नहीं होंगे।

कैसे हुआ हंगामा

सदन में हंगामा उस समय शुरू हुआ जब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने अकाली दल के विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया के प्रति टिप्पणी करते हुए कहा कि उनके रोम-रोम में गंदगी भरी हुई है। कोई चीज ऐसी नहीं है जो उनसे अछूती हो। इस बात पर अकाली विधायक भड़क गए और बाहें चढ़ाते हुए मुख्यमंत्री की तरफ बढ़े। इस पर कांग्रेसी विधायक भी अपने सीएम के बचाव में आ गए। खासतौर पर नवजोत सिद्धू तेजी से आगे आए और अकाली विधायकों पर जोर-जोर से चिल्लाने लगे। इतने में अन्य विधायक भी आ गए। उन्होंने मुख्यमंत्री को घेर लिया। अकाली विधायक भी मुख्यमंत्री की कुर्सी के पास आ गए। स्पीकर ने माहौल में गरमी देखते हुए सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया, लेकिन दोनों ओर से एक-दूसरे को गाली गलौज वाली भाषा लगातार जारी रही।

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