मुख्यमंत्री ने शहीद अग्निवीर अमृतपाल के परिवार को सौंपा एक करोड़ का चैक

Punjab News
मुख्यमंत्री ने शहीद अग्निवीर अमृतपाल के परिवार को सौंपा एक करोड़ का चैक

सेना ने अमृतपाल सिंह को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ न देकर पहले शहीद अग्निवीर के देश के प्रति योगदान का अपमान किया | Punjab News

मानसा (सच कहूँ/सुखजीत मान)। मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने जम्मू-कश्मीर में देश की सेवा निभाते हुए शहादत प्राप्त करने वाले अग्निवीर अमृतपाल सिंह के परिवार को सम्मान राशि के तौर पर एक करोड़ रुपए के चैक सौंपा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृतपाल सिंह के देश के प्रति योगदान के सम्मान में राज्य सरकार उनको शहीद का दर्जा देगी। Punjab News

मानसा के गाँव कोटली कलाँ में शहीद के पैतृक घर का दौरा करने के उपरांत मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बहादुर सैनिक ने देश की एकता, अखंडता और प्रभुसत्ता की रक्षा के लिए अपना कर्तव्य निभाते हुए शहादत प्राप्त की है, और उसके द्वारा दिए गए कीमती योगदान के सम्मान के तौर पर राज्य सरकार का यह विनम्र सा प्रयास है।

मुख्यमंत्री ने देश के पहले शहीद अग्निवीर अमृतपाल सिंह के माता-पिता को मिलकर शहीद सैनिक को श्रद्धांजलि भेंट की है, जिसने 19 वर्षों की उम्र में देश के खातिर शहादत दी। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में सरकार परिवार के साथ खड़ी है क्योंकि यह देश और खासकर शहीद के परिवार के लिए कभी न पूरा होने वाली क्षति है। उन्होंने कहा कि गाँव में शहीद के नाम की प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी।

शहीद सैनिक की देह को प्राईवेट एंबुलेंस में लाना, सरासर अपमान | Punjab News

शहीद अमृतपाल सिंह को सेना द्वारा ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ न देने पर सख़्त ऐतराज जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भेदभाव वाले इस बुरे दृश्य के साथ फौजी जवानों के मनोबल को चोट पहुँचेगी। उन्होंने कहा कि शहीद जवान अग्निवीर होने के कारण फौज का उसके प्रति यह व्यवहार बहुत दुखदायक है। उन्होंने कहा कि अमृतपाल के माता-पिता ने अपना बेटा देश की सेवा करने के लिए भेजा था और ड्यूटी निभाते हुए उसकी मौत को शहीद न मानना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है, जिससे गलत मिसाल पैदा होगी। उन्होंने कहा कि यह पहली बार देखा गया है कि शहीद सैनिक की देह को प्राईवेट एंबुलेंस में लाना पड़ा हो, जो सरासर शहीद का अपमान है।

Punjab News

शहादत को खुदकुशी करार देना दुख की बात

भगवंत सिंह मान ने कहा कि देश का 60 प्रतिशत बजट रक्षा क्षेत्र के लिए होता है परन्तु फौज द्वारा शहीद अमृतपाल सिंह की देह ले जाने के लिए एंबुलेंस तक भी मुहैया नहीं करवाई गई। उन्होंने कहा कि अमृतपाल की शहादत को खुदकुशी करार देना और भी दुख की बात है। उन्होंने फौज के बयान को जख्मों पर नमक छिड़कने वाला बताया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि देश के लिए मर-मिटने का जज्बा लेकर ड्यूटी पर जाने वाला बहादुर फौजी कभी भी खुदकुशी नहीं कर सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि शहीदों के साथ ऐसा सुलूक किया जाने लगा तो फिर माता-पिता अपने बच्चों को फौज में भेजने से गुरेज करने लगेंगे।

केंद्र की सख़्त आलोचना की | Punjab News

मुख्यमंत्री ने देश की एकता, अखंडता और प्रभुसत्ता को बरकरार रखने के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले इस शहीद के परिवार के साथ सौतेली माँ वाला सुलूक करने के लिए केंद्र सरकार की सख़्त आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से गैर-वाजिब है और इस पंजाब के पुत्र की शहादत का निरादर करना अति-निंदनीय है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह जल्द ही इस मुद्दे को भारत सरकार के समक्ष उठाएंगे।

यह भी पढ़ें:– एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेताओं का एलपीयू में जोरदार स्वागत

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here