Delhi-Dehradun Expressway: दिल्ली-देहरादून हाईवे को जल्द ही आम जनता के लिए खोलने की योजना पर काम तेज़ हो गया है। हाईवे को शुरू करने से पहले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) अब ट्रायल रन की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। इस ट्रायल रन के जरिए यह जांचा जाएगा कि वाहन चालक लूप सिस्टम और साइन बोर्ड को आसानी से समझ पा रहे हैं या नहीं।
14.75 किलोमीटर में से 6.5 किलोमीटर एलिवेटेड सेक्शन | Delhi-Dehradun Expressway
यह हाईवे भारतमाला परियोजना के तहत तैयार किया गया है। इसका 14.75 किलोमीटर लंबा हिस्सा दिल्ली की सीमा के अंतर्गत आता है, जो अक्षरधाम मंदिर के पास एनएच-9 से शुरू होकर गीता कॉलोनी, न्यू उस्मानपुर, शास्त्री पार्क और खजूरी खास से होते हुए लोनी बॉर्डर (यूपी सीमा) तक फैला है। इसमें 6.5 किलोमीटर का एलिवेटेड यानी ऊँचा खंड भी शामिल है।
पहले आई थी तकनीकी खामी, अब हो चुका है सुधार | Delhi-Dehradun Expressway
इस हाईवे के निर्माण के दौरान केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (CRRI) ने जांच में पाया था कि इसके 35 बैरिंग में तकनीकी खामियां हैं। इन खामियों को बाद में दुरुस्त कर दिया गया है। अब जबकि ये दिक्कतें ठीक हो चुकी हैं, NHAI ट्रायल रन के ज़रिए यह सुनिश्चित करना चाहता है कि किसी हिस्से में वाहन संचालन में कोई अवरोध तो नहीं।
वाहन चालकों की सुविधा की होगी जांच
ट्रायल रन के दौरान हाईवे के अलग-अलग हिस्सों को सीमित समय के लिए वाहन चालकों के लिए खोला जाएगा। इस दौरान यह देखा जाएगा कि चालक साइन बोर्ड को सही से पढ़ और समझ पा रहे हैं या नहीं। साथ ही, हाईवे से चढ़ने-उतरने वाले लूप को कितना सहजता से इस्तेमाल किया जा रहा है, इस पर भी नजर रखी जाएगी। यदि किसी हिस्से में कोई असुविधा या स्पीड में रुकावट महसूस होती है, तो उसे चालू करने से पहले ठीक किया जाएगा।
चुनाव से पहले शुरू करने की थी योजना
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले इस हाईवे को शुरू करने की योजना थी, लेकिन बैरिंग की तकनीकी गड़बड़ी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। अब जब सारी खामियों को ठीक कर लिया गया है, तो जल्द ही इसे जनता के लिए पूरी तरह खोल दिया जाएगा, लेकिन उससे पहले ट्रायल रन जरूरी माना जा रहा है। दिल्ली-देहरादून हाईवे का यह नया हिस्सा राजधानी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बीच सफर को आसान और तेज़ बनाएगा। ट्रायल रन के ज़रिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हाईवे पर यातायात पूरी तरह सुरक्षित और सुविधाजनक हो, ताकि चालकों को किसी प्रकार की समस्या न हो।