Salman Khan Personality Rights: नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने अभिनेता सलमान खान द्वारा दायर उन याचिकाओं पर गुरुवार को प्रारम्भिक सुनवाई की, जिनमें उन्होंने अपने व्यक्तित्व अधिकारों (पर्सनैलिटी राइट्स) की सुरक्षा की मांग की है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की अदालत में हुई। सलमान खान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी उपस्थित हुए और उन्होंने संदिग्ध व्यक्तियों की एक सूची न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की। Salman Khan News
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति अरोड़ा ने अपने पूर्व निर्देशों का उल्लेख करते हुए कहा कि अदालत के हस्तक्षेप से पहले सोशल मीडिया मंचों (इंटरमीडियरी प्लेटफ़ॉर्म) से संपर्क करना आवश्यक है। उन्होंने अजय देवगन और एन.टी. रामाराव से जुड़े मामलों का उदाहरण देते हुए यही प्रक्रिया अपनाने की सलाह दी।
न्यायमूर्ति अरोड़ा ने स्पष्ट किया कि इस प्रकरण में भी इसी पद्धति पर विचार किया जाएगा—सलमान खान को संबंधित ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्मों को सूचना देने का निर्देश दिया जाएगा और यदि एक सप्ताह के भीतर आपत्तिजनक सामग्री या गतिविधियाँ बंद नहीं होतीं, तो अदालत सम्मिलित आदेश जारी कर सकती है। Salman Khan News
अधिवक्ता सेठी ने इस व्यवस्था से सहमति जताई, किन्तु यह भी कहा कि गैर-इंटरमीडियरी पक्षों—जैसे कुछ ई-मार्केटप्लेस और ऐसी संस्थाओं—के विरुद्ध भी कार्रवाई आवश्यक है, जो कथित रूप से बिना अनुमति सामान बेच रहे हैं या अभिनेता की छवि का दुरुपयोग कर रहे हैं। न्यायालय ने इन संस्थाओं से संबंधित अतिरिक्त जानकारी उपलब्ध कराने को कहा।
किसी व्यक्ति के नाम और व्यक्तित्व का व्यावसायिक उपयोग केवल उसकी अनुमति से ही हो सकता है
दिल्ली उच्च न्यायालय व्यक्तित्व अधिकारों से जुड़े मामलों में एक प्रमुख मंच के रूप में उभर रहा है। इससे पूर्व न्यायालय अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन, नागार्जुन, अनिल कपूर, अभिषेक बच्चन और कंटेंट क्रिएटर राज शामानी जैसी कई जानी-मानी हस्तियों को उनके नाम, चित्र और पहचान के अनाधिकृत उपयोग के विरुद्ध सशक्त संरक्षण दे चुका है। न्यायालय का मत है कि किसी व्यक्ति के नाम और व्यक्तित्व का व्यावसायिक उपयोग केवल उसकी अनुमति से ही हो सकता है।
साथ ही, अदालत एआई-निर्मित वीडियो, डीपफेक और डिजिटल रूप से बदले हुए कंटेंट जैसी उभरती चुनौतियों पर भी गंभीरता से विचार कर रही है, क्योंकि ये साधन किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा और निजता को क्षति पहुँचा सकते हैं। न्यायाधीशों ने चेतावनी दी है कि इस प्रकार की छेड़छाड़ व्यक्तिगत गरिमा पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। हालाँकि, न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि वास्तविक कलात्मक अभिव्यक्ति, व्यंग्य, समाचार रिपोर्टिंग और उचित टिप्पणी संवैधानिक दायरे में होने पर संरक्षित रहेंगे। Salman Khan News















