वेस्ट यूपी में उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापित किये जाने की मांग

Kairana News
Kairana News: वेस्ट यूपी में उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापित किये जाने की मांग

एसडीपीआई कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन-पत्र एसडीएम कैराना को सौंपा

कैराना (सच कहूँ न्यूज़)। Kairana News: एसडीपीआई के कार्यकर्ताओं ने देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित ज्ञापन-पत्र एसडीएम कैराना को सौंपा है। उन्होंने उच्च न्यायालय की खंडपीठ पश्चिमी उत्तर-प्रदेश में स्थापित किये जाने की मांग की है। सोमवार को सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया(एसडीपीआई) के कार्यकर्ता तहसील मुख्यालय पर पहुंचे। जहां पर उन्होंने देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित एक ज्ञापन-पत्र एसडीएम कैराना निधि भारद्वाज को सौंपा। बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय का मुख्यालय प्रयागराज में स्थित है। Kairana News

यह उत्तर-प्रदेश राज्य का एकमात्र हाईकोर्ट है, जिसका क्षेत्राधिकार पूरे राज्य पर है। वर्तमान में इसकी केवल एक स्थायी बेंच है, जो लखनऊ में स्थित है। हालांकि पश्चिमी उत्तर-प्रदेश के मेरठ में इसकी स्थायी बेंच स्थापित किये जाने की मांग काफी लंबे समय से की जा रही है, लेकिन अभी तक स्वीकृति नही मिली। क्षेत्रीय न्याय उपलब्धता तथा न्यायिक समानता के दृष्टिकोण से पश्चिमी उत्तर-प्रदेश में उच्च न्यायालय खंडपीठ की स्थापना आज अत्यंत आवश्यक हो चुकी है। भारत के संविधान में अनुच्छेद 214 से 231 तक उच्च न्यायालयों से सम्बंधित प्रावधान निहित है। इन प्रावधानों के अतिरिक्त उच्च न्यायालय की स्थायी खंडपीठ की स्थापना का विशिष्ट अधिकार उत्तर-प्रदेश हाईकोर्ट(अधिकरण स्थापना आदेश-1948) तथा उसके बाद संविधान के अनुच्छेद 231 में निहित राष्ट्रपति के अधिकार से संचालित होता है।

यह तथ्य अत्यंत महत्वपूर्ण है कि 54 फीसदी वाद पश्चिमी उत्तर-प्रदेश से उच्च न्यायालय में आते है। परन्तु, इतने विशाल जनपदों, जनसंख्या एवं वाद-भार के बावजूद यहां कोई स्थायी बेंच उपलब्ध नही है। न्याय के सुगम एवं किफायती उपलब्धता हेतु यह स्थिति वादकारियों पर अन्यायपूर्ण बोझ डालती है। पत्र में अनुरोध किया गया है कि उपरोक्त तथ्यों एवं संवैधानिक प्रावधानों को दृष्टिगत रखते हुए पश्चिमी उत्तर-प्रदेश में उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापित किये जाने हेतु गम्भीरतापूर्वक विचार करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करें। इस दौरान वेसर, इसरार, नौशाद आदि मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें:– गांव विकसित तो देश विकसित- मोनिका दहिया