संगरूर में डेंगू-चिकनगुनिया की रफ्तार थमी, मरीजों को मिल रही राहत

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Sangrur News: संगरूर में डेंगू-चिकनगुनिया की रफ्तार थमी, मरीजों को मिल रही राहत

डेंगू के नए मामलों में कमी, चिकनगुनिया से पीड़ित मरीजों को ठीक होने में लग रहा लंबा समय

  • ल्ल स्थिति नियंत्रण में, सफाई और सतर्कता बरतने की अपील: स्वास्थ्य विभाग

संगरूर (सच कहूँ/गुरप्रीत सिंह)। Dengue-Chikungunya: जिला संगरूर में चिकनगुनिया ने पिछले दिनों बड़े पैमाने पर पैर पसारे थे, जबकि डेंगू के मरीज अपेक्षाकृत कम सामने आए। चिकनगुनिया ने लगभग हर घर को प्रभावित किया, जिससे सरकारी और निजी अस्पतालों के बैड मरीजों से भर गए थे। अब दोनों वायरस की रफ्तार धीमी पड़ने से लोगों ने राहत की सांस ली है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इस सप्ताह डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या काफी कम हुई है। Sangrur News

बीते दिन जिले में डेंगू के केवल दो मरीज सामने आए, जिनका इलाज सरकारी अस्पतालों में चल रहा है। चिकनगुनिया के नए मामलों में भी गिरावट आई है, लेकिन पहले से संक्रमित मरीज अब भी कमजोरी और जोड़ों के दर्द से जूझ रहे हैं। संगरूर निवासी राजिंदर राजा ने बताया कि दिवाली से पहले उन्हें चिकनगुनिया हुआ था। बुखार तीन दिन में उतर गया, लेकिन अब भी शरीर में कमजोरी और जोड़ों में सूजन बनी हुई है।

सुनाम और अन्य इलाकों में हालात | Sangrur News

चिकनगुनिया ने सबसे अधिक सुनाम क्षेत्र को प्रभावित किया। यहां हालात इतने बिगड़े कि अस्पतालों में बिस्तर उपलब्ध नहीं रहे और लोगों को महंगे निजी इलाज का सहारा लेना पड़ा। इसके बाद यह वायरस संगरूर, धूरी और अन्य इलाकों में फैल गया। कई मरीज अब भी बिस्तरों पर पड़े हैं और पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो पाए हैं।

वर्तमान स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में, बीते दिन दो ही मरीज आए : सिविल सर्जन

संगरूर की सिविल सर्जन डॉ. अमरजीत कौर ने बताया कि वर्तमान स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या अधिक रही, लेकिन किसी की मृत्यु नहीं हुई। बीते दिन जिले में डेंगू के केवल दो मरीज सामने आए हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने घरों की अच्छी तरह सफाई रखें, क्योंकि ये वायरस पानी से ही उत्पन्न होते हैं।

संगरूर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अमनदीप अग्रवाल ने कहा कि चिकनगुनिया से पीड़ित मरीजों को कमजोरी और जोड़ों के दर्द लंबे समय तक परेशान कर रहे हैं। उन्होंने सलाह दी कि ऐसे मरीज अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लें, जैसे मौसमी, अनार और संतरे का रस। अलसी भी कमजोरी दूर करने में सहायक है। उन्होंने कहा कि मरीजों को अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेना चाहिए। Sangrur News

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