रक्तदान के लिए ऐसा जज्बा, 18 की होते ही जरूरतमंद को दिया खून

बठिंडा (सच कहूँ/सुखनाम)। आज के स्वार्थी युग में जब अपने ही बेगाने हो जाएं तो ऐसे समय में डेरा सच्चा सौदा के सेवादार बिना किसी जान पहचान के भी अपनापन दिखाएं और जरूरत पड़ने पर हर संभव सहयोग करें तो वह अपनों से भी बढ़कर हो जाते हैं। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन वचनों अनुसार साध-संगत दिन-रात रक्तदान करने में जुटी हुई है और पूज्य गुरू जी ने सेवादारों को ट्रयू ब्लड पंप के खिताब से नवाजा है। इन सेवादारों के छोटे बच्चे जब अपनों को किसी जरूरतमंद के लिए रक्तदान करते हुए देखते हैं तो उनमें भी रक्तदान करने का उत्साह पैदा होता है, परंतु आयु छोटी होने के चलते वह ऐसा नहीं कर सकते। अपनी आयु 18 वर्ष की होने का बेसब्री से इंतजार करते हैं और 18 वर्ष का होते ही उसी दिन ब्लड बैंक में पहुंचकर रक्तदान कर अपने आप को रक्तदानी बनने का गर्व महसूस करते हैं।

यह भी पढ़ें:– शाह सतनाम जी ब्वॉयज कॉलेज के विद्यार्थियों ने किया 33 यूनिट रक्तदान

ऐसा ही एक ताजा उदाहरण बठिंडा के ब्लड बैंक में उस समय देखने को मिला जब सेवादार हरविन्द्र सिंह कौरा इन्सां की बेटी अंशप्रीत कौर इन्सां ने 18 वर्ष की होेते ही पहली बार रक्तदान किया। जानकारी देते इन्सां ने बताया कि उसकी बेटी ने आज पहली बार 18 साल की आयु पूरी होने पर रक्तदान किया है, जिसकी अस्पताल के डॉक्टरों और साध-संगत ने भरपूर प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि मैं अक्सर ही रक्तदान करता था परंतु अब बीमारी के कारण रक्तदान नहीं कर सकता लेकिन आज मेरी बेटी ने रक्तदान कर इस कड़ी को आगे बढ़ाया है। हमें गर्व है अपनी बेटी पर। उन्होंने कहा कि हम पूूज्य गुरू जी के पावन चरण कमलों में अरदास करते हैं कि हमारा सारा परिवार इसी तरह मानवता भलाई के कार्योंे में हमेशा आगे रहे।

ब्लॉक बठिंडा के रक्तदान समिती के जिम्मेवार सेवादार लखवीर सिंह इन्सां और विशाल इन्सां ने बताया कि हरविन्दर सिंह कौरा इन्सां की बेटी अंशप्रीत इन्सां ने अपने जनम दिन मौके स्थानीय गुरू नानक चैरीटेबल ब्लड बैंक में पहली बार रक्तदान किया है। इस मौके उसकी हौंसला अफजायी के लिए पहुंचे उसके पिता और बेटी का ब्लड बैंक के स्टाफ ने इस नेक कार्य की भरपूर प्रशंसा की।

डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत द्वारा विश्व स्तर पर रक्तदान की लहर को प्रफुल्लित किया जा रहा है। इसी कड़ी के तहत जो आज हरविन्द्र सिंह इन्सां की बेटी ने अपना 18वां जन्म दिन खूनदान कर किसी जरूरतमन्द मरीज की मदद कर मनाया है वह बहुत ही प्रशंसनीय कदम है और सारा ही परिवार बधाई का पात्र है।
                                                                                              दर्शन कुमार, सचिव रेडक्रॉस, बठिंडा

डेरा सच्चा सौदा की साध संगत ने हमेशा ही जरूरतमंदों की मदद को पहल दी है। रक्तदान के क्षेत्र में तो डेरा सच्चा सौदा का अहम योगदान है। जब कभी भी रक्त की कमी सामने आती है तो डेरा सच्चा सौदा की साध संगत हमेशा ही आगे रहती है। मैंने देखा कि कई परिवारों के सभी सदस्य खूनदान करने के लिए ब्लड बैंक पहुंचते हैं। आज हरविन्द्र सिंह कौरा इन्सां की बेटी अंशप्रीत इन्सां ने अपना जन्म दिन रक्तदान कर मनाया है जो कि काबिल-ए-तारीफ है। आज की युवा पीढ़ी रक्तदान के क्षेत्र में बढ़चढ़ कर सहयोग कर रही है और भी नौजवान अगर इसी तरह अपने जन्म दिन और अन्य खुशी के मौके रक्तदान कर मनाएं तो यह समाज के लिए बहुत ही अच्छा होगा।
                                                               अजीत कुमार, इंचार्ज गुरू नानक देव चैरीटेबल ब्लड बैंक, बठिंडा

जब भी कभी ब्लॉक बठिंडा द्वारा रक्तदान कैंप लगाया जाता था तो मेरा भी दिल करता था कि मैं भी रक्तदान करूं परंतु आयु छोटी होने के कारण मेरा यह सपना सपन ही रह जाता था। मैंने बहुत ही बेसब्री से अपने 18वें जन्म दिन का इंतजार किया ताकि मैं भी रक्तदान कर सकूं। आज मैं पहली बार रक्तदान कर अपने आप को बहुत ही खुशकिस्मत समझ रही हूंं। मेरे परिवार ने मेरे इस फैसले में साथ दिया। मैं सभी से अपील करती हूं कि सभी को रक्तदान करना चाहिए। मैं प्रण करती हूं कि लगातार इस रक्तदान मुहिम के साथ जुड़ी रहूंगी।
                                                                                                          रक्तदानी, अंशप्रीत इन्सां

डेरा सच्चा सौदा की साध संगत के नाम खूनदान के क्षेत्र में बहुत से विश्व रिकॉर्ड दर्ज हैं। यह सब पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं का ही कमाल है कि साध-संगत सेवा कार्य करती है और रिकॉर्ड बन जाते हैं। डेरा सच्चा सौदा के बहुत से बच्चे 18 साल की आयु पूरी होने का इंतजार करते हैं कि कब रक्तदान करें। बहुत से बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने 18 साल पूरे होने पर रक्तदान किया और अब लगातार रक्तदान कर रहे हैं। बेटी अंशप्रीत इन्सां ने 18 साल की आयु पूरी होने पर रक्तदान किया है। पूरा परिवार ही बधाई का पात्र है।
45 मैंबर पंजाब गुरदेव सिंह इन्सां

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here