मानवता भलाई की मिसाल बन रही शाह सतनाम जी नगर की सेवादार बहनें

साल 2022 में अब तक 13 जरूरतमंद परिवार की कन्याओं के कर चुकी हाथ पीले

सरसा। (सच कहूँ/सुनील वर्मा) पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए ब्लॉक शाह सतनाम जी नगर की सेवादार बहनें आशीर्वाद मुहिम में लगातार जरुरतमंद परिवारों की लड़कियों की शादी में घरेलू जरूरत का सामान देकर मददगार बन रही है। ब्लॉक की बहनों द्वारा साल 2022 में अब तक 12 गरीब कन्याओं के हाथ पीले करने में अपना सहयोग दे चुकी हैं और यह मदद का सिलसिला लगातार जारी है। सोमवार को शाह सतनाम जी नगर की सेवादार बहनों ने 13वीं गरीब कन्या की शादी में सहयोग किया।

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यह शादी शहर के चत्तरगढ़ पट्टी निवासी विधवा बहन पप्पी की बेटी शक्कु की होनी है। सेवादार बहनों के इस नेक कार्य की चत्तरगढ़ पट्टी वासियों ने प्रशंसा की है। इस सेवा कार्य में शाह सतनाम जी नगर की सुजान बहन आशा इन्सां, कैलाश इन्सां, प्रदीप इन्सां, रमन इन्सां, राज राणा, वीना इन्सां, अनीता इन्सां, सिमरन इन्सां, हरविन्द्र इन्सां, नीलम इन्सां, लक्ष्मी इन्सां, प्रभा इन्सां, सिमरन इन्सां, सोनिया इन्सां, राज मुखीजा, सुरत सिंह, आशी इन्सां, सुमन इन्सां, दलजीत इन्सां ने अपना आर्थिक सहयोग दिया।

एक और बेटी को मिली मदद, उठाया खर्च

दरअसल चत्तरगढ पट्टी निवासी सतपाल की मृत्यु हो चुकी है। उसके चार लड़कियां है। जिनमें से दो की शादी पहले हो चुकी है। जबकि एक लड़की शक्की की शादी 4 अक्तूबर को रखी गई है। लेकिन परिवार की आर्थिक हालात कमजोर होने के कारण सतपाल की पत्नी पप्पी को बेटी की शादी की चिंता सता रही थी। जब इसकी जानकारी शाह सतनाम जी नगर की सुजान बहन आशा इन्सां को मिली तो उन्होंने तुरंत सरसा ब्लॉक के सहयोग से परिवार की स्थिति के बारे में जानकारी ली और लड़की की शादी में मदद करने का निर्णय लिया।बहनों ने शादी में डबल बैड बॉक्स वाला, दो गद्दे, दो तकिये, पै्रस, दीवार घड़ी, दो कुर्सिया, एक तोलिया, 11 सूट लड़की के, 3 सूट लड़के के, 40 स्टील के बर्तन, 2 डबल बैड की चद्दर, खेस, दरी, गर्म कंबल व गर्म लोई दी। इसके अलावा पूज्य गुरु जी का पावन स्वरूप व 501 रुपए का शगुन देकर अपना आशीर्वाद दिया।

पूज्य गुरू जी का कोटि-कोटि धन्यवाद

सेवादार बहनों ने जब शक्कु की शादी में सहयोग दिया तो उसकी माता पप्पी आंखों से खुशी के आंसू रोक ना सकी। उन्होंने पूज्य गुरू जी व साध-संगत का धन्यवाद करते हुए कहा कि ऐसा गुरू और उसकी साध-संगत धन्य कहने के काबिल है। जिन्होंने गरीब कन्याओं की शादी करने का बीड़ा उठा रखा है। ऐसे गुरू का देन हम कभी नहीं दे सकते।

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