
Eye Diseases Caused by Diabetes: नई दिल्ली। भारत में मधुमेह के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है और इसके साथ ही डायबिटिक रेटिनोपैथी नामक नेत्र रोग भी एक गंभीर चुनौती बनकर सामने आ रहा है। यह बीमारी धीरे-धीरे दृष्टि क्षति का कारण बनती है और इलाज न मिलने पर पूर्ण अंधत्व तक पहुँचा सकती है। Diabetic Retinopathy
विशेषज्ञों के अनुसार, डायबिटीज की वजह से आँखों के रेटिना की सूक्ष्म रक्त वाहिकाएँ क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। लंबे समय तक रक्त शर्करा का स्तर अधिक रहने से ये नलिकाएँ कमजोर होकर तरल पदार्थ रिसाने लगती हैं या उनमें रक्तस्राव होने लगता है। इस प्रक्रिया से सूजन, घाव तथा असामान्य रक्त वाहिकाओं का निर्माण होता है। इसे डायबिटिक मैक्युलर एडिमा (DME) कहा जाता है, जो दृष्टि को गहराई से प्रभावित करता है।
बीमारी के आरंभिक चरण में आम तौर पर स्पष्ट लक्षण दिखाई नहीं देते। जब रोगी को धुंधलापन महसूस होता है या दृष्टि क्षीण होने लगती है, तभी उसे इसकी जानकारी होती है। यही कारण है कि अधिकांश लोग समय रहते नेत्र जांच नहीं कराते और उपचार में देर हो जाती है। Diabetic Retinopathy
राष्ट्रीय नेत्ररोग सर्वेक्षण 2019 के अनुसार, पचास वर्ष से अधिक आयु के लगभग 12 प्रतिशत भारतीय मधुमेह से पीड़ित हैं। इनमें से लगभग 17 प्रतिशत को डायबिटिक रेटिनोपैथी है, परंतु केवल 10 प्रतिशत ही नियमित नेत्र परीक्षण कराते हैं। इस कारण समय पर निदान और उपचार नहीं हो पाता।
बाइस्पेसिफिक एंटीबॉडीज जैसी आधुनिक तकनीक विकसित हुई
इस रोग के उपचार में अब तक लेज़र थैरेपी और एंटी-वीईजीएफ इंजेक्शन का उपयोग किया जाता रहा है। ये विधियाँ रेटिना की सूजन को कम करती हैं और नई असामान्य रक्त नलिकाओं की वृद्धि को रोकती हैं। हाल ही में बाइस्पेसिफिक एंटीबॉडीज जैसी आधुनिक तकनीक विकसित हुई है, जो एक साथ कई रोग प्रक्रियाओं को निशाना बनाकर अधिक प्रभावी उपचार उपलब्ध कराती है।
एम्स के आर.पी. सेंटर के प्रोफेसर डॉ. प्रवीण वशिष्ठ का कहना है कि मधुमेह पहले ही भारत में महामारी का रूप ले चुका है और डायबिटिक रेटिनोपैथी भी अब गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के तौर पर उभर रही है। उन्होंने कहा कि देश में जनजागरूकता, स्क्रीनिंग और रोकथाम को व्यापक स्तर पर बढ़ावा देना आवश्यक है। उनका लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक कम-से-कम 80 प्रतिशत मधुमेह रोगियों की नेत्र जांच सुनिश्चित हो सके, ताकि अंधत्व की आशंका को घटाया जा सके और रोगियों का जीवन स्तर बेहतर बनाया जा सके। Diabetic Retinopathy