Side Effects of stale food: नई दिल्ली। आधुनिक जीवनशैली में स्वास्थ्य की सबसे बड़ी चुनौती भोजन से जुड़ी आदतें बन गई हैं। व्यस्त दिनचर्या के कारण लोग अक्सर जल्दी-जल्दी खाने लगते हैं और स्वाद के चक्कर में पौष्टिकता को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। यही कारण है कि आज जंक फूड और डिब्बाबंद भोजन हर घर में आसानी से देखने को मिल जाता है। Stale Food Side Effects
परंतु, भोजन केवल भूख मिटाने का साधन नहीं है। यह हमारे शरीर, मन और आत्मा की संतुलन शक्ति को बनाए रखने का आधार है। आयुर्वेद शास्त्र में कहा गया है कि भोजन को उसी भाव से ग्रहण करना चाहिए, जिस भाव से हम दवा का सेवन करते हैं।
सात्विक भोजन की महत्ता | Stale Food Side Effects
ताजे फल, सब्ज़ियां और घर पर बना गरम भोजन सात्विक माना जाता है। यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और मन को शांत रखता है। ऐसे भोजन से पाचन तंत्र मजबूत होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होती है।
जब भोजन को लंबे समय तक रखा जाता है या बार-बार गरम किया जाता है, तो उसमें से पोषण धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है। ऐसा भोजन शरीर में भारीपन और आलस्य लाता है। वहीं, तैलीय और मसालेदार जंक फूड तुरंत स्वाद तो देता है, लेकिन दीर्घकाल में यह मोटापा, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है।
बच्चों और युवाओं पर असर | Stale Food Side Effects
बढ़ती उम्र में जब शरीर और मस्तिष्क का विकास तेज़ी से हो रहा होता है, तब पौष्टिक भोजन की आवश्यकता और भी अधिक होती है। यदि इस समय बच्चे फास्ट फूड पर निर्भर हो जाएं, तो उनकी एकाग्रता, पढ़ाई और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। इसके विपरीत, ताज़ा भोजन उनके विकास को संतुलित और सशक्त बनाता है।
निष्कर्ष
स्वस्थ जीवन जीने के लिए जरूरी है कि हम भोजन को केवल स्वाद या आदत के रूप में न लें, बल्कि उसे ऊर्जा और स्वास्थ्य का स्रोत मानें। समय पर, शांत मन से और संतुलित मात्रा में सात्विक भोजन का सेवन करना ही दीर्घकालिक स्वास्थ्य और मानसिक शांति का मूलमंत्र है।