शेयर बाजार में फिर आया भूचाल, निवेशकों के 4 लाख करोड़ डूबे

Stock Market Sachkahoon
  • सेंसेक्स 897 अंक गिरकर हुआ बंद
  • अडाणी ग्रुप के 10 में से 4 शेयरों में 5% की तेजी

मुंबई (एजेंसी)। अमेरिका के सिलिकन वैली बैंक (एसवीबी) के विफल होने का असर सोमवार को भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखा। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को सेंसेक्स 897.28 अंक गिरकर 58237.85 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी में भी 225.80 अंक की गिरावट रही। यह 17187.10 के स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 में से 29 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। केवल टेक महिंद्रा का शेयर 6.83% ऊपर रहा। इस गिरावट के चलते निवेशकों के 4 लाख करोड़ रुपए डूब गए। बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल मार्केट कैप 258.95 लाख करोड़ रुपए हो गया। यह शुक्रवार को 262.94 लाख करोड़ रुपए था। इस गिरावट में बैंकिंग और आॅटो सेक्टर सबसे आगे रहे।

निफ्टी के 45 शेयरों में गिरावट रही

इंडसइंड बैंक, एसबीआई, टाटा मोटर्स, एमएंडएम, अडाणी पोर्ट्स, आयशर मोटर्स, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व समेत निफ्टी-50 के 45 शेयरों में गिरावट रही। सिर्फ 4 शेयर टेक महिंद्रा, अपोलो हॉस्पिटल, ब्रिटानिया और ओएनजीसी में तेजी रही। पावर ग्रिड के शेयर में कोई बदलाव नहीं हुआ।

पीएसयू बैंक सेक्टर सबसे ज्यादा 2.87% गिरा

एनएसई के सभी 11 सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट रही। पीएसयू बैंक सेक्टर में सबसे ज्यादा 2.87% की गिरावट देखन को मिली। बैंक, आॅटो, मीडिया और प्राइवेट बैंक सेक्टर में भी 2% से ज्यादा की गिरावट रही। फाइनेंशियल सर्विसेज और रियल्टी सेक्टर 1% से ज्यादा गिरा। एफएमसीजी, आईटी, मेटल और फार्मा सेक्टर में भी मामूली गिरावट रही।

अडाणी ग्रुप के 4 शेयर 5% ऊपर बंद

सोमवार को अडाणी ग्रुप के 10 में से 6 शेयरों में गिरावट और 4 में तेजी रही। ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 1.96% टूटा। अडाणी पोर्ट्स में 2.69% की गिरावट रही। अडाणी विल्मर 3.24%, अंबुजा सीमेंट 2.87%, एसीसी 4.06% और एनडीटीवी 5% गिरा। वहीं अडाणी ट्रांसमिशन, पावर, टोटल गैस और ग्रीन एनर्जी के शेयरों में करीब 5-5% की तेजी रही।

ये है मुख्य कारण

बाजार विश्लेषकों के अनुसार, इस वर्ष 10 मार्च को सिलिकन वैली बैंक विफल हो गया। इसे वर्ष 2008 के वित्तीय संकट के बाद की सबसे बड़ी और अमेरिकी इतिहास की दूसरी बड़ी बैंकिंग विफलता माना जा रहा है। एसवीबी संकट का सबसे अधिक प्रभाव स्टार्टअप पर पड़ा है। कई स्टार्टअप तो बैंक से अपनी जमा राशि की निकासी तक नहीं कर पा रहे हैं।

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