नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गोवा में 212.85 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। यह कार्रवाई धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है। ईडी का कहना है कि यह कुर्की रोहन हरमलकर और उनके सहयोगियों द्वारा कथित रूप से रची गई भूमि कब्जा और धोखाधड़ी की एक संगठित साजिश से जुड़ी जांच के सिलसिले में की गई है। Goa News
प्रवर्तन निदेशालय ने यह कार्रवाई गोवा पुलिस द्वारा दर्ज की गई दो प्राथमिकियों (FIRs) के आधार पर शुरू की। एफआईआर में रोहन हरमलकर सहित अन्य व्यक्तियों पर फर्जी पहचान, दस्तावेजों की जालसाजी और उत्तर गोवा के क्षेत्रों में जमीन हड़पने के गंभीर आरोप लगे हैं।
ईडी की जांच में सामने आया है कि हरमलकर ने अलकांट्रो डिसूजा और अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर एक आपराधिक षड्यंत्र रचा। इस साजिश का मकसद अंजुना, रेवोरा, नडोरा, कैमुरलिम, पर्रा, बारदेज़ तालुका और मापुसा जैसे क्षेत्रों की कीमती संपत्तियों को अवैध रूप से अपने कब्जे में लेना था।
फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए संपत्ति कब्जाने की कोशिश | Goa News
जांच में यह भी पता चला कि आरोपियों ने संपत्तियों पर झूठा मालिकाना हक जताने के लिए कई प्रकार के नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया, जैसे:
- फर्जी वंशावली अभिलेख
- जाली बिक्री विलेख
- बनावटी वसीयत
- बदले गए संपत्ति अभिलेख
- अन्य जाली दस्तावेज
- इन दस्तावेजों के माध्यम से आरोपी भूमियों को वैध संपत्ति की तरह दिखाकर उन्हें हड़पने की कोशिश कर रहे थे।
काले धन को सफेद करने का जाल | Goa News
ईडी की रिपोर्ट के अनुसार, अपराध से अर्जित धन (POC) को सीधे हरमलकर, डिसूजा और उनके साथियों को प्राप्त हुआ। इसके बाद इस धन को परिवारजनों और सहयोगियों के बैंक खातों में घुमा-फिराकर वैध दिखाने का प्रयास किया गया। इस प्रक्रिया के माध्यम से उन्होंने काले धन को सफेद करने का प्रयास किया।
अब तक 212.85 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की अचल संपत्तियां पहचानी और कुर्क की जा चुकी हैं, जो सीधे धनशोधन से जुड़ी हुई हैं। ईडी का कहना है कि बाकी अवैध संपत्तियों की पहचान और कुर्की की प्रक्रिया अभी जारी है ताकि धन शोधन के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके। मुख्य आरोपी रोहन हरमलकर को जून माह में PMLA की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया था और वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है। मामले की गहन जांच अब भी जारी है। Goa News