Eye Donation: मरकर भी अंधेरी जिंदगियों को उजाला दे गए राजेंद्र इन्सां

परिजनों ने पूरी की नेत्रदान की अंतिम इच्छा

Eye Donation: हिसार (सच कहूँ/श्याम सुंदर सरदाना)। मरकर भी कोई जिंदा रहता है इस कहावत को हिसार के प्रेमी राजेंद्र इन्सां ने सच कर दिखाया। जीवनकाल में उन्होंने जो संकल्प लिया था, वही उनकी अंतिम विदाई के बाद भी किसी के जीवन में नई रोशनी बन गया। गौरतलब है कि 2 नवंबर रविवार को हिसार निवासी राजेंद्र इन्सां कुल मालिक के चरणों में सचखंड जा विराजे। Hisar News

पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा से चलते हुए उन्होंने जीवित रहते ही नेत्रदान का संकल्प फॉर्म भरा था। उनकी अंतिम इच्छा थी कि मृत्यु के उपरांत उनकी आंखें किसी जरूरतमंद को दान कर दी जाएं। परिजनों ने राजेंद्र इन्सां की इस अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए नेत्रदान कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की। परिवार ने बताया कि उन्हें इस बात की अलौकिक संतुष्टि है कि राजेंद्र इन्सां की आंखें अब किसी अंधेरी जिंदगी में उजाला कर रही हैं। राजेंद्र इन्सां का परिवार लंबे समय से डेरा सच्चा सौदा से जुड़ा हुआ है और सेवा व मानवता भलाई के कार्यों में सदैव अग्रणी रहा है। परिजनों ने कहा कि यह कदम न केवल राजेंद्र इन्सां की इच्छा की पूर्ति है, बल्कि समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। Hisar News