Flood : बाढ़ का खतरा, प्रशासन अलर्ट, सुरक्षित रहने की मुनादी

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जिला कलक्टर ने घग्घर साइफन का लिया जायजा | Flood

  • केली को जल्द हटवाने व सुरक्षात्मक उपाय करने के दिए निर्देश | Flood 

हनुमानगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। Flood : घग्घर नदी के कैचमेंट एरिया में अधिक बरसात होने की वजह से नदी में पानी की आवक लगातार बढ़ रही है। घग्घर नदी के नाली बेड में पानी की आवक के साथ ही जिला प्रशासन व सिंचाई विभाग हाई अलर्ट हो गया है। बाढ़ का खतरा टालने के लिए सरकारी मशीनरी बंदोवस्त करने में जुट गई है। प्रशासन व सिंचाई विभाग के अधिकारियों की ओर से लगातार घग्घर नदी के बंधों का मौके पर निरीक्षण कर निगरानी की जा रही है। हरियाणा-पंजाब के सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ भी समन्वय स्थापित कर बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न न हो, इसके भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। बाढ़ की आशंका के चलते क्षेत्र के नागरिक सहमे हुए हैं।

बुधवार को गुलाचिका हैड पर पानी की मात्रा मंगलवार की तुलना में बढ़कर 82 हजार क्यूसेक को पार कर गई। बुधवार को शाम चार बजे गुलाचिका में 82400 क्यूसेक, खनोरी में 15125 क्यूसेक, चांदपुर में 12500 क्यूसेक, ओटू हैड में 3500 क्यूसेक, घग्घर साइफन में 3100 क्यूसेक, नाली बेड में 3000 क्यूसेक पानी चल रहा था। हालांकि घग्घर नदी में पानी की आवक से धान उत्पादक किसानों के चेहरे पर खुशी साफ देखी जा सकती है। श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले में करीब पचास हजार हैक्टैयर में धान की खेती होती है। नदी में पानी की आवक होने से नदी के आसपास के इलाके का भूजल स्तर भी बढ़ेगा। मंगलवार को शाम करीब चार बजे घग्घर नदी में आया पानी टाउन के निकट स्थित भद्रकाली मंदिर को पार कर गया था। Flood

घग्घर नदी में लगातार बढ़ रही पानी की आवक के दृष्टिगत जिला कलक्टर रुक्मणि रियार सिहाग ने बुधवार को टिब्बी तहसील क्षेत्र में स्थित घग्घर साइफन का जायजा लिया। उन्होंने घग्घर साइफन पर आई केली को जल्द हटवाने के निर्देश दिए ताकि घग्घर साइफन को नुकसान न पहुंचे। डीएम ने घग्घर नदी में पानी की आवक को देखते हुए सुरक्षात्मक उपाय करने के निर्देश जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को दिए। अधिकारियों को घग्घर में पानी की आवक के चलते अगले कई दिन अलर्ट पर रहने को कहा। इस दौरान जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी सहित जल संसाधन विभाग के अधिकारी भी साथ रहे।

मीडिया से बात करते हुए जिला कलक्टर रुक्मणि रियार सिहाग ने बताया कि घग्घर नदी हनुमानगढ़ जिले से प्रवाहित होती है। पीछे पूरे उत्तरी भारत में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है और पानी का बहाव काफी ज्यादा है। उसके मद्देनजर बुधवार को मौका निरीक्षण किया गया है। प्रयास किया जा रहा है कि पानी की निकासी के लिए जहां संकरा एरिया है उसे खुलवाया जाए। हाइड्रॉलिक गेटों को खोला जाए ताकि आईजीएनपी कैनाल में पानी दिया जा सके और कुछ घग्घर डायवर्जन चैनल में डायवर्ट किया जा सके। Flood

जिला कलक्टर ने बताया कि 30 हजार क्यूसेक पानी आने के समाचार मिल रहे हैं। इससे हनुमानगढ़ जिले में एक हजार क्यूसेक पानी आज रात बढ़ने से कुल सात हजार क्यूसेक पानी हो जाएगा। कल तक यह पानी 20 हजार क्यूसेक से अधिक आने की संभावना है। जिला कलक्टर ने बताया कि जीरो आरडी पर कम से कम 10 मशीनें लगी हुई हैं जो घग्घर साइफन से केली निकालने का कार्य कर रही हैं। तहसीलदार और इरीगेशन की पूरी टीम काम कर रही है और प्रयास किया जा रहा है कि इस एरिया को क्लियर किया जा सके ताकि जैसे ही पानी आए उसको डायवर्ट किया जा सके।

मुख्य अभियंता पहुंचे हरियाणा में ओटू हैड | Flood

जल संसाधन विभाग उत्तर संभाग हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता अमरजीत मेहरड़ा ने बुधवार को विभाग के अधिकारियों के साथ हरियाणा में ओटू हैड पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान हरियाणा के सिंचाई विभाग के एसआई आत्माराम सहित अन्य अधिकारी भी साथ रहे। मुख्य अभियंता अमरजीत मेहरड़ा ने बताया कि इस बार हरियाणा में बहुत ज्यादा बारिश हुई है। इस वजह से इस बार पानी की आवक अधिक होने की संभावना है। उसी को ध्यान में रखते हुए ओटू हैड पर जो पानी था वह खाली करवाया गया है ताकि पीछे से पानी आने पर समय रहते उसकी मॉनिटरिंग की जा सके।

मुख्य अभियंता मेहरड़ा के अनुसार इस बार पिछले सालों के मुकाबले राजस्थान में अधिक पानी पहुंचने की संभावना है। इसको लेकर राजस्थान में पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। हनुमानगढ़ जिला कलक्टर की अध्यक्षता में बैठक कर सभी अधिकारियों को फिल्ड विजिट के लिए पाबंद कर दिया गया है ताकि बाढ़ की स्थिति में जान-माल का ज्यादा नुकसान न हो।

टूट सकता है पिछले सालों का रिकॉर्ड | Flood

हरियाणा सिंचाई विभाग के एसई आत्माराम ने बताया कि अभी तक पानी की स्थिति सामान्य है। लेकिन अम्बाला क्षेत्र में हुई बारिश से संभावना है कि पिछले सालों का रिकॉर्ड टूटेगा। अतिरिक्त पानी पहुंचने की उम्मीद है। अभी तक गुलाचिका 82 हजार क्यूसेक पानी पार कर गया है। यह और बढ़ सकता है। पिछले सालों की बात की जाए तो 2010 में अधिकतम पानी 64 हजार क्यूसेक गुलाचिका पर पार किया था। ओटू से नीचे पानी निकाल दिया गया है ताकि राजस्थान में एकसाथ ज्यादा पानी न जाए। उन्होंने बताया कि राजस्थान आॅथोरिटी व मुख्य अभियंता के साथ लगातार सम्पर्क में हैं। मंगलवार को साइफन पर मीटिंग भी हुई। समूह तरीके से प्रयास किया जा रहा है कि यह पानी आसानी से आगे निकल जाए और बाढ़ की स्थिति पैदा न हो।

पूर्व मंत्री ने लगाई फटकार

पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप ने बुधवार को घग्घर नदी क्षेत्र के संवेनदशील स्थानों का दौरा किया। नदी क्षेत्र में लापरवाही देखकर पूर्व मंत्री नाराज हो गए। उन्होंने फोन पर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि कमरे में बैठकर सिस्टम का प्रबंधन नहीं होने वाला। पूर्व मंत्री ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को कहा कि 3 दिनों से पंजाब और हरियाणा में बाढ़ के चलते हनुमानगढ़ चेतावनी आई है। बावजूद इसके अधिकारी गंभीर नहीं हैं। उन्होंने भद्रकाली क्षेत्र से तुरंत केली निकालने की बात कही। उधर, बड़ी आपदा की स्थिति उत्पन्न होने के बावजूद स्थानीय कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों ने मौन साध रखा है।

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