4 फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर को किया सस्पेंड
नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन सुरक्षा नियामक DGCA ने इंडिगो एयरलाइन में हाल ही में आई गंभीर परिचालन बाधाओं के बाद कड़ा कदम उठाते हुए चार फ़्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर (FOI) को निलंबित कर दिया है। इन रुकावटों के कारण बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और लाखों यात्री देशभर के एयरपोर्टों पर परेशान रहे। शुक्रवार को ही बेंगलुरु एयरपोर्ट से इंडिगो ने 50 से अधिक उड़ानें रद्द कर दीं। DGCA News
FOI यानी फ़्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर DGCA के वरिष्ठ अधिकारी होते हैं, जो एयरलाइनों की सुरक्षा, संचालन और नियामकीय अनुपालन की निगरानी करते हैं। वे पायलटों, डिस्पैचरों और केबिन क्रू की जाँच, ऑडिट और प्रमाणन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए ज़िम्मेदार होते हैं। साथ ही, ये अधिकारी देश में उड़ान सुरक्षा मानकों, प्रशिक्षण प्रक्रियाओं और दुर्घटना निवारण उपायों की सतत समीक्षा भी करते हैं। एक सरकारी सूत्र के अनुसार, “इंडिगो में हाल की बड़ी परिचालन गड़बड़ियों के बाद DGCA ने चार FOI को निलंबित कर दिया है।”
बेंगलुरु और दिल्ली में दर्जनों उड़ानें रद्द | DGCA News
सूत्रों के अनुसार, “इंडिगो ने शुक्रवार को बेंगलुरु एयरपोर्ट से 54 उड़ानें रद्द कीं — जिनमें 31 आगमन और 23 प्रस्थान उड़ानें शामिल थीं।” इससे एक दिन पहले गुरुवार को एयरलाइन दिल्ली और बेंगलुरु से 200 से अधिक उड़ानें रद्द कर चुकी थी, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स और COO इसिड्रे पोरक्वेरस को शुक्रवार दोपहर 2 बजे DGCA की जाँच कमेटी के सामने फिर से पेश होना है। गुरुवार को भी DGCA ने एयरलाइन के मुख्यालय में अधिकारियों को भेजकर निरीक्षण तेज़ कर दिया था और CEO एल्बर्स से पूछताछ की थी। उन्हें शुक्रवार को आगे की जाँच के लिए पुनः उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।
क्या है जाँच समिति की संरचना और जिम्मेदारियाँ
- जाँच कर रहे चार सदस्यीय पैनल में शामिल हैं—
- जॉइंट डायरेक्टर जनरल: संजय ब्रह्मणे
- डिप्टी डायरेक्टर जनरल: अमित गुप्ता
- वरिष्ठ FOI: कपिल मांगलिक
- FOI: लोकेश रामपाल
यह समिति इंडिगो में हुए बड़े पैमाने के ऑपरेशनल व्यवधानों के कारणों की विस्तृत जाँच कर रही है।
पैनल एयरलाइन की— | DGCA News
- मानव संसाधन योजना
- नए रोस्टरिंग सिस्टम की तैयारी
- पायलटों के लिए संशोधित ड्यूटी और आराम मानकों का आकलन करेगा, जो 1 नवंबर 2024 से लागू किए गए हैं।















