
जब शास्त्री ने उन्हें सलामी बल्लेबाज़ बनाने का निर्णय लिया
Shastri’s Big decision for Rohit Sharma: नई दिल्ली। भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने हाल ही में एक ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय का खुलासा किया, जिसने रोहित शर्मा के टेस्ट करियर की दिशा ही बदल दी। रोहित, जिन्होंने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा, आरंभ में मध्यक्रम के बल्लेबाज़ के रूप में टीम में शामिल हुए थे। किन्तु कोच शास्त्री की दूरदृष्टि और सूझबूझ से उन्हें पारी की शुरुआत का अवसर मिला, जिससे वे विश्वस्तरीय सलामी बल्लेबाज़ के रूप में स्थापित हो सके। Ravi Shastri
अपने आरंभिक अंतरराष्ट्रीय करियर में रोहित को मुख्यतः सीमित ओवरों के विशेषज्ञ के रूप में देखा जाता था। किंतु वर्ष 2019 में, जब शास्त्री ने उन्हें टेस्ट में शीर्ष क्रम पर भेजने का विचार किया, वही क्षण उनके करियर का निर्णायक मोड़ बन गया। इस निर्णय ने रोहित को टेस्ट क्रिकेट में एक नया जीवन दिया, जिसमें उन्होंने निरंतरता और उत्कृष्टता का परिचय दिया।
रवि शास्त्री ने एक साक्षात्कार में बताया, “रोहित जब मध्यक्रम में बल्लेबाज़ी करते थे, तब कभी-कभी वे एकरसता से ऊब जाते थे। मुझे यह विचार आया कि जो खिलाड़ी एकदिवसीय क्रिकेट में इतने सफल हैं, उन्हें टेस्ट में पारी की शुरुआत क्यों नहीं दी जाए? जब वे नए गेंदबाज़ों का सामना करते हैं, तो उनके पास अपने शॉट्स खेलने के लिए पर्याप्त समय और स्थान होता है। यदि वे इस भूमिका को अपनाते हैं, तो टेस्ट क्रिकेट उनके लिए आनंददायक हो सकता है।”
यह विचार पहली बार 2019 के विश्व कप के दौरान आया
शास्त्री ने यह भी बताया कि यह विचार पहली बार 2019 के विश्व कप के दौरान आया, जब रोहित जबरदस्त फॉर्म में थे और उन्होंने पांच शतक लगाकर टूर्नामेंट में सबसे अधिक रन बनाए। इस प्रदर्शन से प्रभावित होकर शास्त्री ने तत्कालीन कप्तान विराट कोहली को रोहित को टेस्ट में ओपनर के रूप में आज़माने का सुझाव दिया। Ravi Shastri
यह रणनीति कारगर सिद्ध हुई। रोहित ने दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध अपने पहले टेस्ट में बतौर सलामी बल्लेबाज़ दो शानदार शतक लगाए। इसके बाद उनके प्रदर्शन में निरंतर सुधार हुआ और उन्होंने अपने 12 टेस्ट शतकों में से 9 इस नई भूमिका में बनाए। उन्होंने 67 टेस्ट मैचों में 40.57 की औसत से 4301 रन बनाए, जिनमें 18 अर्धशतक भी शामिल हैं। शास्त्री ने आगे कहा, “जब हमने उनसे यह प्रस्ताव रखा, तो यह वेस्टइंडीज दौरे से पहले की बात थी, शायद अगस्त 2019 में। विश्व कप के बाद उनका आत्मविश्वास चरम पर था। मैंने उनसे कहा कि अब समय है, जब तुम्हें पारी की शुरुआत करनी चाहिए। उन्होंने इसे सहर्ष स्वीकार किया।”
उन्होंने यह भी जोड़ा, “रोहित ने इस भूमिका को न केवल अपनाया, बल्कि उसमें निखार भी लाया। इंग्लैंड में उनका प्रदर्शन विशेष रूप से सराहनीय रहा, जहाँ तकनीकी दृष्टि से उन्हें संयम और सतर्कता के साथ बल्लेबाज़ी करनी पड़ी। उन्होंने अपनी तकनीक पर खूब मेहनत की और नतीजतन, वह ऐसे खिलाड़ी बन गए जो किसी भी परिस्थिति में टीम के लिए निर्णायक भूमिका निभा सकते थे।” इस प्रकार, रोहित शर्मा का सलामी बल्लेबाज़ के रूप में पुनर्जन्म, न केवल उनके लिए, बल्कि भारतीय टेस्ट क्रिकेट के लिए भी एक निर्णायक अध्याय साबित हुआ। Ravi Shastri
RCB Refund Tickets: केकेआर के खिलाफ मैच रद्द होने के बाद आरसीबी ने की ये बड़ी घोषणा