पंजाब के 40 बच्चे देखेंगे चंद्रयान की उड़ान

Chandrayaan
तीन दिवसीय दौरे पर चंडीगढ़ एयरपोर्ट से श्रीहरिकोटा के लिए रवाना

तीन दिवसीय दौरे पर चंडीगढ़ एयरपोर्ट से श्रीहरिकोटा के लिए रवाना

मोहाली (सच कहूँ/एम.के. शायना)। पंजाब के स्कूल ऑफ एमिनेंस के 40 छात्रों को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सैंटर भेजा है। वे यहां पर चंद्रयान-3 (Chandrayaan) की उड़ान देखेंगे। उन्हें मोहाली स्थित शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट से श्रीहरिकोटा भेजा गया है। शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि दल में पंजाब के 23 जिलों के छात्र शामिल हैं। यह वहां पर 3 दिन तक रुकेंगे। साथ ही श्रीहरिकोटा में होने वाली अंतरिक्ष स्टडी के बारे में जानेंगे। छात्रों के लिए भी यह एक नया अनुभव होगा। पंजाब सरकार की तरफ से पूरे राज्य में 117 स्कूल आॅफ एमिनेंस स्थापित किए गए हैं।  इनमें अत्याधुनिक तरीके से पढ़ाई हो रही है। इसे 14 जुलाई को दोपहर करीब 2:35 बजे लांच किया जाएगा। Mohali News

बच्चों का यह तीन दिवसीय दौरा है। इस दौरे के दौरान वह स्पेस सैंंटर की बारीकियों को जानेंगे। वह यहां पर वैज्ञानिकों से मिलकर स्पेस सेंटर किस तरह से काम करते हैं, इस बारे में जानेंगे और इसका पढ़ाई में किस तरह से उपयोग किया जा सकता है। इसके बारे में भी चर्चा की जाएगी। स्कूल आॅफ एमिनेंस योजना की शुरूआत पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने की थी। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के 117 वर्तमान सरकारी स्कूलों को ‘स्कूल आफ ऐमीनैंस’ के तौर पर अपग्रेड किया गया है। इन स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा तक के स्टूडेंट्स पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है। 615 करोड़ रुपये की लागत से चंद्रयान-3 को लांच किया जाना है। इससे पहले चंद्रयान-2 को लांच किया गया था जोकि सफल नहीं रहा था।

इस बार तकनीकी सुधार के बाद इसे दोबारा से लांच किया जा रहा है। चंद्रयान-2 (Chandrayaan) में पांच इंजन थे जबकि इसमें चार शक्तिशाली इंजन लगाए गए हैं। चंद्रयान-2 की असफलता के बाद वैज्ञानिकों ने इस बार चंद्रयान-2 की तुलना में इम्पैक्ट लेग्स को मजबूत बनाया है और उपकरण की खराबी का सामना करने के लिए एक से अधिक उपाय किए गए हैं। इस कारण चंद्रयान-3 के असफल होने की संभावना बहुत कम है।

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