आठ जिले बाढ़ की चपेट में, माधोपुर हेडवर्क्स के गेट टूटने से स्थिति बनी गंभीर, लोगों को हो रही परेशानी
- रावी नदी में उफान
गुरदासपुर/पठानकोट (सच कहूँ न्यूज)। Punjab Flood Update: जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण पंजाब के सीमावर्ती जिलों में बाढ़ का संकट और गहराता जा रहा है। रावी, ब्यास और सतलुज नदियों में जलस्तर बढ़ने से पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन, होशियारपुर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर और फाजिल्का के 200 से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं। राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना की टीमें लगातार जुटी हुई हैं। Punjab Floods
अमृतसर जिले के रामदास क्षेत्र में लगभग 40 गांव जलमग्न हैं। सेना ने पानी में चलने वाले वाहनों और नावों की मदद से बचाव कार्य तेज कर दिया है। प्रशासन ने स्पीकरों से घोषणाएं कर लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की। उपायुक्त साक्षी साहनी, एडीसी रोहित गुप्ता और एसएसपी मनिंदर सिंह ने सुबह चार बजे मौके पर पहुंचकर राहत कार्यों की निगरानी की। जम्मू में रावी नदी के जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के बाद जलस्तर बढ़कर 4.60 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया। नदी ने कई जगह तटबंध तोड़ दिए जिससे गुरदासपुर और अमृतसर जिलों के गांवों और कृषि भूमि में पानी भर गया। पुलों और रेलवे लाइनों को भी नुकसान पहुंचा है। कई स्थानों पर ट्रेनों और वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है।
अब डैम पानी को संभलाने में असमर्थ: सिंचाई मंत्री
फिरोजपुर पहुंचे सिंचाई मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने बाढ़ के हालातों पर मीडिया से बातचीत में बताया कि पीछे से इतना पानी आ रहा है, जितना पहले कभी नहीं आया। इससे पहले 1988 और 2023 में पानी आया था, लेकिन इस बार पानी का स्तर उससे कहीं अधिक है। पानी का इनफ्लो इतना ज्यादा है कि डैम इसे संभाल नहीं पा रहे, जिससे स्थिति को काबू करना मुश्किल हो रहा है। मंत्री ने कहा, इस समय हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती लोगों के साथ खड़ा होना है। हमारी पूरी सरकार लोगों के साथ खड़ी है। भाखड़ा डैम में अभी कुछ फुट पानी और आ सकता है, जबकि पौंग डैम और रणजीत सागर डैम पहले ही फुल हो चुके हैं। फिरोजपुर में 13 राहत केंद्र बनाए गए हैं।
बाढ़ प्रभावित परिवारों की मदद के लिए फाजिल्का से आप विधायक नरेन्द्र पाल सिंह सवाना ने गांव ढाणी सदा सिंह व गुलाबा भैनी में बाढ़ प्रभावित लोगों को राशन व पशु चारा वितरित किया। इस अवसर पर ग्रामीणों व क्षेत्र को यह सेवा कार्य जारी रखने का आश्वासन दिया गया।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष के लिए नोडल अधिकारी तैनात | Punjab Floods
पंजाब में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तालमेल को और मजबूत बनाने तथा राहत कार्यों में तेजी लाने के उद्देश्य से राज्य के राजस्व, पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निदेशक लैंड रिकॉर्ड गुलप्रीत सिंह औलख को जालंधर स्थित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। राजस्व, पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने वीरवार को कहा कि यह नियंत्रण कक्ष जिला उपयुक्तों, सेना के अधिकारियों, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य संबंधित विभागों के साथ निरंतर तालमेल करके आपदा प्रबंधन और राहत उपायों को निर्बाध ढंग से संचालित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि समर्पित नोडल अधिकारी की तैनाती से बेहतर समन्वय, निगरानी, त्वरित निर्णय लेने और फील्ड अधिकारियों के साथ प्रभावी संपर्क स्थापित करना संभव होगा। राजस्व मंत्री ने नोडल अधिकारी को निर्देश दिये कि वे राहत कार्यों को सुचारु और समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित करें। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के निदेर्शों के अनुसार सर्किट हाउस, जालंधर में राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष (फोन नंबर: 0181-2240064) स्थापित किया गया था, जो बाढ़ से संबंधित आपात स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया और समन्वय सुनिश्चित करने के लिए 24 घंटे सक्रिय है।
प्रशासन ने सुखना झील का फ्लड गेट खोला | Punjab Floods
उत्तर भारत में हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है, जिसका सीधा असर चंडीगढ़ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सुखना झील पर भी पड़ रहा है। झील का जलस्तर 1163 फुट के करीब पहुंच गया है। बढ़ते जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने शुक्रवार को एक फ्लड गेट खोल दिया। कुछ दिन पहले भी इसी कारण झील के गेट खोले गए थे। मौसम विभाग के अनुसार, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण झील में पानी तेजी से बढ़ रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि बारिश के दौरान एहतियात बरतें और झील और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा नियमों का पालन करें। Punjab Floods
अजनाला में एम्फीबियस वाहन तैनात
अजनाला के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एम्फीबियस वाहन तैनात कर दिए गए हैं। इन वाहनों की विशेषता यह है कि ये जमीन और पानी दोनों पर चलने में सक्षम हैं। अब इन्हें रेस्क्यू कार्य में प्रयोग किया जाएगा। एक समय में इस वाहन पर 8 से 10 लोग बैठ सकते हैं। उम्मीद है कि इससे लोगों को सुरक्षित निकालने में सहायता मिलेगी। Punjab Floods