फ्रांस के राष्ट्रपति ने किया पीएम मोदी को फोन, आतंकवाद समेत कई मुद्दों पर हुई चर्चा

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नयी दिल्ली/ पेरिस (एजेंसी)। ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन के नये सुरक्षा गठजोड़ (ऑकस) के गठन से नाराज फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को टेलीफोन किया और एक खुले, स्वतंत्र एवं समावेशी हिन्द प्रशांत क्षेत्र के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई। अभी कुछ दिन पहले अमेरिका ने ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के साथ एशिया प्रशांत क्षेत्र में एक नयी पहल-ऑकस शुरू की है जिसे लेकर फ्रांस अमेरिका से सख्त नाराजी का इजहार किया है। मोदी और मैक्रों के बीच यह बातचीत ऐसे समय हुई है जब श्री मोदी अगले दिन अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं और वहां उनकी अमेरिकी राष्ट्रपति जोसेफ आर बिडेन और जापान एवं ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों से द्विपक्षीय तथा चतुष्कोणीय फ्रेमवर्क (क्वाड) की प्रथम शिखर बैठक में बातचीत होगी। मोदी-मैक्रों टेलीफोन वार्ता के बारे में पेरिस में फ्रांस के राष्ट्रपति भवन ऐलिसी पैलेस से जारी एक बयान में कहा यह भी कहा गया है कि राष्ट्रपति मैक्रों ने कोविड के टीकाकरण को लेकर अंतराष्ट्रीय पहल ‘कोवैक्स’ के लिए वैक्सीन की आपूर्ति फिर शुरू करने के भारत के निर्णय का स्वागत किया है।

हिंद-प्रशांत पर यूरोपीय पहलों के तहत काम करने का इरादा किया जाहिर

बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने ‘मुक्त, स्वतंत्र और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र’ के लिए मिल कर काम करने प्रति अपनी साझी प्रतिबद्धता दोहरायी। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने इस दिशा में भारत-यूरोपीय संबंध के दायरे में तथा हिंद-प्रशांत पर यूरोपीय पहलों के तहत काम करने का इरादा जाहिर किया है। बयान में कहा गया है, ‘यह दृष्टिकोण हिंद-प्रशांत में क्षेत्रीय स्थिरता कानून संम्मत व्यवस्था को बढ़ावा देने के लक्ष्य से तय किया है और इसमें किसी भी प्रकार के वर्चस्ववादी दृष्टिकोण को मान्यता नहीं देने का निश्चय है।

अफगानिस्तान की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की

बयान के अनुसार दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की और माना कि अफगानिस्तान में सत्तारूढ़ लोगों को अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से अपने सभी संबंध खत्म करने चाहिए और अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता संगठनों को पूरे देश में काम करने की छूट देनी चाहिए और अफगानी महिलाओं एवं पुरुषों के बुनियादी अधिकारों का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने अफगानिस्तान से बाहर जाने के इच्छुक लोगों को निकालने के अभियान को जारी रखने की जरूरत पर बल दिया। दोनों नेताओं ने जी-20 जलवायु परिवर्तन संबंधी सहयोग के मंचों पर दोनों देशों के बीच समन्वय एवं संपर्क बढ़ाने और आगामी सम्मेलन के लिए मिल कर रणनीति पर एक दूसरे से परस्पर संवाद बनाने पर सहमति जताई। फ्रांस के राष्ट्रपति ने भारत को रणनीतिक स्वायत्तता हासिल करने में अपने देश की ओर पूरा सहयोग करने की प्रतिबद्धता जतायी जिसमें भारत के औद्योगिक एवं प्रौद्योगिकी आधार को मजबूत करने में सहयोग भी शामिल है। दोनों देश सभी क्षेत्रों खासकर आर्थिक क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंध को और मजबूत करेंगे।

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