गाजियाबाद का चयन विश्व के टॉप- 50 “ग्लोबल सिटी”के रूप में हुआ
- नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह के नेतृत्व में ब्लूमबर्ग मेयर चैलेंज- 2025 में गाजियाबाद की दावेदारी मजबूत
- नगर निगम ने गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के प्रोजेक्ट को दी गति,पहले चरण में 50 सरकारी स्कूलों में इस पेंट का उपयोग किया जाएगा
गाजियाबाद (सच कहूँ/रविंद्र सिंह)। Ghaziabad News: राजधानी दिल्ली से सटे शहर गाजियाबाद को विश्व स्तरीय पहचान दिलाने की दिशा में गाजियाबाद नगर निगम ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वन मिलियन डॉलर की प्रतिस्पर्धा के लिए नगर निगम ने ब्लूमबर्ग मेयर चैलेंज 2025 की पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण कर ली है। इस वैश्विक प्रतियोगिता में गाजियाबाद का चयन विश्व के टॉप- 50 “ग्लोबल सिटी”के रूप में हुआ है और अब यह शहर विश्व की शीर्ष 25 ग्लोबल सिटी की सूची में शामिल होने की दौड़ में है। Ghaziabad News
नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि नगर निगम ने गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के प्रोजेक्ट को गति दी है, जिसके लिए पहले चरण में 50 सरकारी स्कूलों में इस पेंट का उपयोग किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को ब्लूमबर्ग फिलैंथ्रोपी न्यूयॉर्क के पोर्टल पर वन मिलियन डॉलर की सहायता के लिए प्रस्तुत किया गया है। यदि गाजियाबाद शीर्ष 25 शहरों में स्थान प्राप्त करता है, तो नगर निगम को करीब 10 करोड़ रुपए का अनुदान प्राप्त होगा। इससे पहले गाजियाबाद नगर निगम को गोबर से पेंट निर्माण परियोजना के तहत 50 लाख रुपए की सहायता मिल चुकी है।
परियोजना के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार से जोड़ा गया है, जो प्राकृतिक पेंट की मार्केटिंग और बिक्री का कार्य कर रही हैं। दीपावली मेले और स्वदेशी मेले में इन महिलाओं ने पेंट के स्टॉल लगाकर पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनता को जागरूक किया। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि अंतिम चरण के लिए आवेदन और प्रोजेक्ट रिपोर्ट ब्लूमबर्ग पोर्टल पर जमा कर दी गई है। प्राकृतिक पेंट निर्माण से न केवल गोबर का पुन: उपयोग और पर्यावरण संरक्षण संभव होगा, बल्कि यह स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार को भी बढ़ावा देगा।
क्या कहते हैं महापौर और नगर आयुक्त | Ghaziabad News
महापौर सुनीता दयाल और नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने कहा कि गाजियाबाद नगर निगम अपने अभिनव प्रोजेक्ट के माध्यम से विश्व की शीर्ष 25 स्मार्ट सिटी की सूची में स्थान बनाकर देश का नाम रोशन करेगा। यह परियोजना न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अभिनव पहल है, बल्कि स्वदेशी सोच और आत्मनिर्भर भारत की भावना का भी प्रतीक है।
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